PGI में पकड़े गए फर्जी चिकित्सक ने CMO बता महिला से नौकरी के नाम पर ठगे थे 10 लाख
15 नवंबर को फर्जी चिकित्सक पकड़ा गया था। आरोपित से बरामद लग्जरी कार को एंबुलेंस के तौर पर प्रयोग करना झूठ निकला। पीडि़त महिला बोली- पीजीआइ और भिवानी रेलवे स्टेशन पर धनराशि ली थी
रोहतक, जेएनएन। पीजीआइ से पकड़े गए फर्जी चिकित्सक द्वारा पुलिस को लगातार बरगलाया जा रहा है। आरोपित के बार-बार बयान बदलने के चलते पुलिस भी असमंजस की स्थिति में है। वहीं पुलिस का दावा है कि आरोपित ने पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन से अल्ट्रासाउंड नहीं किया था, लेकिन पीडि़त महिला ने स्वीकार किया है कि आरोपित मशीन लेकर जांच करने उसके घर गया था। आरोपित से बरामद गाड़ी को भी एंबुलेंस के तौर पर प्रयोग करने के लिए कोई सबूत नहीं मिला है। बताया जा रहा है कि आरोपित ने अन्य लोगों को भी झांसे में लेकर लाखों रुपये ठगे थे। संभावना जताई जा रही है कि ठगी की धनराशि से ही आरोपित ने पिछले वर्ष लग्जरी कार खरीदी थी।
15 नवंबर को पीजीआइ के वार्ड नंबर तीन के बाहर से एक फर्जी चिकित्सक पवन निवासी भिवानी को गार्डों ने पकड़ा था। सुरक्षा अधिकारियों की पूछताछ के दौरान आरोपित बार-बार बयान बदल रहा था। जिसके बाद आरोपित के डाक्टर होने का सुबूत नहीं मिला तो उसे पुलिस के हवाले कर दिया था। आरोपित शुक्रवार की देर शाम पुलिसकर्मियों को चकमा देकर फरार हो गया था, लेकिन पुलिस ने अगले दिन उसे भिवानी से गिरफ्तार कर लिया था।
सोमवार को पुलिस ने आरोपित को साथ लेकर भिवानी में कई स्थानों पर जांच पड़ताल की, लेकिन देर शाम तक पुलिस के लौटने के चलते बड़ी जानकारी नहीं मिल सकी। वहीं बताया जा रहा है कि आरोपित ने जिस कार को एंबुलेंस के तौर पर प्रयोग करने की बात कही थी उसमें एंबुलेंस की न तो कोई सुविधा है और न ही कार को टैक्सी परमिट पर रजिस्टर्ड किया गया था। आरोपित द्वारा ठगी का शिकार का हुई महिला ने बताया कि आरोपित ने खुद को पीजीआइ में सीएमओ बताकर नौकरी लगवाने की बात कही थी। जिसके एवज में पीडि़ता ने ब्याज पर 7.5 लाख रुपये लेकर आरोपित को दिए थे। बकौल पीडि़ता आरोपित ने पीजीआइ और रेलवे स्टेशन भिवानी पर उक्त धनराशि ली थी। जबकि इलाज के नाम पर भी आरोपित ने 2.5 लाख रुपये वसूले थे।
अन्य लोगों से भी ठगी की आशंका, लग्जरी गाड़ी कैसे ली जांच का विषय
आरोपित पवन ने अक्तूबर 2018 में करीब 11 लाख रुपये की लग्जरी कार खरीदी थी। आरोपित ने उक्त कार को एंबुलेंस के तौर पर प्रयोग करने की बात कही, लेकिन इसका कोई सुबूत नहीं मिला है। आरोपित ने कार की नंबर प्लेट के ऊपर (ईएमएस) इमरजेंसी मेडिकल सर्विस लिखाया हुआ है। अब पुलिस के लिए जांच का विषय बना हुआ है कि आरोपित कोई नौकरी नहीं करता था, परिवार की स्थिति भी अच्छी नहीं होने के बाद भी आरोपित ने लग्जरी कार खरीदने के लिए धनराशि कहां से एकत्रित की। संभावना जताई जा रही है कि आरोपित ने कई अन्य मरीजों से भी उपचार के नाम पर ठगी की है।
---पुलिस आरोपित को साथ लेकर भिवानी गई थी। अभी तक कोई ठोस जानकारी नहीं मिल सकी है। आरोपित बार-बार बयान बदल रहा है, जिससे स्थिति साफ नहीं हो रही है। आरोपित की गाड़ी कब्जे में ले ली गई है।
--- नारायण चंद, डीएसपी