पीएम आवास योजना में लोन की बात पर बिफरे लोग
संवाद सहयोगी, सिवानीमंडी : नगर पालिका कार्यालय में पीएम आवास ऋण को लेकर सोमवार को अधिकारि
संवाद सहयोगी, सिवानीमंडी : नगर पालिका कार्यालय में पीएम आवास ऋण को लेकर सोमवार को अधिकारियों ने लोगों के साथ बैठक की। बैठक में बैंकों से ऋण की बात सामने आने पर लोग बिफर पड़े। उनका कहना था कि जब मकान बनाने के लिए ऋण बैंक से ही लेना है तो दो साल से नगर पालिका के चक्कर क्यों कटवाए जा रहे हैं।
पीएम आवास योजना के तहत करीब दो हजार लोगों ने आवेदन किया है। एडीसी कार्यालय से इसके लिए लाभार्थियों की दूसरी सूची जारी की जा चुकी है। इसमें 164 लोगों के नाम हैं। पात्रों को किस तरह पीएम आवास योजना का लाभ दिया जाना है इसे लेकर सोमवार को पालिका प्रांगण में बैठक हुई। एलडीएम आशा देसाई, विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि और पालिका के अधिकारी बैठक में मौजूद थे। बैठक में योजना का लाभ लेने आए लोगों को अधिकारियों ने नियम समझाए तो कई लोग बिफर पड़े। उनका कहना था कि बैंक से ही लोन लेना है तो उन्हें दो साल से चक्कर क्यों कटवा जा रहे हैं। इस पर अधिकारियों ने लोगों को समझाया कि मकान ऋण में सरकार अनुदान भी दे रही है, लेकिन लोगों ने कहा कि वो दो साल से यही सुनते आ रहे हैं कि ढाई लाख रुपये मकान बनाने के लिए मिलेंगे जो वापस भी नहीं देने पड़ेंगे। नाराज लोगों ने नगर पालिका के वाइस चेयरमैन प्रतिनिधि रमेश कोठारी को घेर लिया। उन्होंने भी लोगों को समझाने की कोशिश की। लोगों ने कहा कि वे सरकार से लोन लेकर मकान नहीं बनवाना चाहते, बल्कि ढाई लाख रुपये की सहायता लेकर खुद मकान बनाना चाहते हैं। सभी लोग चाहते हैं ढाई लाख रुपये का लाभ
एडीसी कार्यालय से आए अधिकारी आनंद कुमार ने बताया कि सर्वे आदि के बाद स्थानीय निकाय विभाग से 164 लोगों की दूसरी सूची जारी की गई है। जिसमें तीन कैटेगरी हैं। उन्होंने बताया कि 70 वर्ग गज से कम जमीन वालों को इस योजना के तहत ढाई लाख रुपये का लाभ मिलेगा। इसके अलावा जिन लोगों के पास 70 वर्ग गज से ज्यादा जगह है उन्हें बैंक से मकान के लिए ऋण देने का प्रावधान है। जिनके पास केवल 20 वर्ग गज जमीन है सरकार को उन्हें फ्लैट बनाकर देगी, लेकिन सभी लोग ढाई लाख का लाभ लेना चाहते हैं। इसलिए हंगामा कर रहे हैं। योजना के प्रारूप के मुताबिक बैंकों को सूची भेज दी गई है। आगे योजना के अनुरूप बैंक को कार्य करना है। बैंक इस मामले में कोई कोताही नहीं बरतेंगे और नियमों के मुताबिक आवास योजना का लाभ देंगे।
आशा देसाई, एलडीएम