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हिसार में वेंटिलेटर की कमी से दम तोड़ रही सांसे, 800 की जरुरत, लेकिन उपलब्ध सिर्फ 160

हिसार जिले में अब तक सिर्फ 1424 बेड उपलब्ध है। इनमें 160 वेंटिलेटर बेड 781 ऑक्सीजन बेड और 343 आईयू के साथ 140 सामान्य बेड उपलब्ध है। लेकिन इस बार कोरोना का डबल म्यूटेंट वायरस अधिक खतरनाक साबित हो रहा है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 05:58 PM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 05:58 PM (IST)
हिसार जिले में अब तक सिर्फ 1424 बैड उपलब्ध है।

हिसार, जेएनएन। हिसार जिले में अप्रैल से बढ़ते जा रहे कोरोना संक्रमण के चलते 8417 एक्टिव केस हो गए हैं। इनमें से होम आइसोलेशन में 6184 मरीज हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो 8417 एक्टिव केस में से 2233 मरीजों को कोविड केयर सेंटर और कोविड अस्पतालों में दाखिल किया गया है। लेकिन इन मरीजों की तुलना में जिले में अब तक सिर्फ 1424 बैड उपलब्ध है। इनमें 160 वेंटिलेटर बैड, 781 ऑक्सीजन बैड और 343 आईयू के साथ 140 सामान्य बैड उपलब्ध है। लेकिन इस बार कोरोना का डबल म्यूटेंट वायरस अधिक खतरनाक साबित हो रहा है।

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सिविल अस्पताल में मेडिसिन इंचार्ज डा. अजय चुघ के अनुसार इस बार वायरस युवाओं के फेफड़ों पर अधिक असर डाल रहा है। कई युवाओं के फेफड़ों के सिटी स्कैन स्कोर 16 से उपर आ रहा है। यह स्थिति खतरनाक होती है। वहीं ऑक्सीजन लेवल 60 से 70 होने पर अधिकतर मरीजों को वेंटिलेटर की जरुरत होती है। जिले में मौजूदा एक्टिव मामलों को देखते हुए करीब 800 वेंटिलेटर की जरुरत है। साथ ही इन्हें चलाने के लिए करीब इतने ही स्टाफ की जरुरत है, तभी मरीजों को उचित उपचार मिल सकता है।

ऑक्सीजन बढ़ने पर ही बढ़ाए जा सकते है वेंटिलेटर -

सिविल अस्पताल में 8 वेंटिलेटर चालू हालत में है। इनमें से 3 वेंटिलेटर कार्डिक केयर यूनिट और 5 वेंटिलेटर आइसोलेशन वार्ड में है। सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में 80 मरीज दाखिल है। इनमें 8 वेंटिलेटर पर है, जबकि 72 ऑक्सीजन पर है। एक वेंटिलेटर प्रति मिनट 20 लीटर ऑक्सीजन खर्च करता है। यानि वेंटिलेटर तभी बढ़ाए जा सकते है, जब ऑक्सीजन की सप्लाई भी बढ़ सकें।

ऐसे मरीजों को होती है वेंटिलेटर की जरुरत

जब मरीज को ऑक्सीजन देने के बावजूद सेचूरेशन डाउन यानि 60 या 70 फीसद तक जा रही हो। साथ ही अन्य बीमारियों के चलते भी मरीज की हालत में सुधार ना हो, तब मरीज को वेंटिलेटर पर लिया जाता है।

जानिए..फेफड़ों का सिटी स्कोर कितना होने पर होता है खतरा

लक्षण - सिटी स्कोर

बहुत कम - 8

मध्यम - 8 से 16

डैमेज स्टार्ट - 16 से ऊपर

फेफड़ों के पांचों भागों को संक्रमित कर रहा वायरस

फेफड़े के पांच भाग होते है। इन पांचों पर कोरोना का डबल म्यूटेंट वायरस असर डाल रहा है। दाएं फेफड़े के 3 भाग और बाएं के 2 भाग होते है। चिकित्सक पांचों भाग के पॉइंटस 25 मानते है। 25 फीसद से कम डैमेज हो तो एक पॉइंट, 50 फीसद तक डैमेज पर 2 पॉइंट और 75 फीसद पॉइंट पर 4 पाॅइंट तक डैमेज मानते है।

होम आइसोलेशन के जरिये चल रहा काम

सरकार द्वारा होम आइसोलेशन की नीतियों के चलते स्थिति कुछ नियंत्रण में है, अगर होम आइसोलेशन में मरीज नहीं रखे जाते तो हिसार की बैड के मामले में स्थिति दयनीय हो जाती। जिले में उपलब्ध बैड की संख्या मरीजों की संख्या से कम है। इसी कारण कई मरीजों को बैड उपलब्ध नहीं हो रहे है। हालांकि जिले में प्रतिदिन 900 के करीब संक्रमित स्वस्थ हो रहे है। लेकिन प्रतिदिन एक हजार से अधिक संक्रमण के मामले भी आ रहे है। इसलिए बैड की कमी ज्यों की त्यों बनी है।

वेंटिलेटर बड के अधिक रुपये लेने की बातें भी आ रही सामने

कोरोना काल में रेमेडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के चलते ऐसी बाते भी सामने आ रही है कि गरीबों को वेंटिलेटर बैड उपलब्ध नहीं करवाए जा रहे। चूंकि सरकार ने कोविड निर्धारित बैड के रेट तय किए हुए है। लेकिन सूत्रों की मानें तो कुछ निजी अस्पतालों में अधिक रुपये लेकर वेंटिलेटर मुहैया करवाए जा रहे है। हालांकि ऑन रिकॉर्ड वेंटिलेटर के बिल सरकारी रेट से दिखाए जा रहे है।

जिले में बड व वेंटिलेटर बैड के आंकड़े -

कोविड अस्पताल - 29

जिले में बैड की स्थिति -

ऑक्सीजन बैड - 781

नॉन ऑक्सीजन बैड - 140

आईसीयू बैड - 343

वेंटिलेटर बैड - 160

नोट - कुल 31 में से दो निजी अस्पतालों की कोविड मान्यता खत्म कर दी है।

-- -- - डबल म्यूटेंट वायरस अधिक तेजी से संक्रमण फैला रहा है। यहीं कारण है कि इतने अधिक कोरोना के मामले मिल रहे है। यह शरीर पर पिछले वर्ष आए वायरस के मुकाबले अधिक प्रभाव डाल रहा है। पिछले वर्ष सिर्फ एक या दो बार ही सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में सभी बैड फुल हुए थे, लेकिन अबकी बार तो अप्रैल से अब तक लगातार बैड फुल है।

- डा. अजय चुघ, मेडिसिन इंचार्ज, सिविल अस्पताल, हिसार


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