हरियाणा में निशुल्क होने के बावजूद कोरोना बूस्टर डोज लगवाने से कतरा रहे लोग
हिसार में वैक्सीन के कुल टारगेट में से सिर्फ एक प्रतिशत लोगों ने ही कोरोना बूस्टर डोज लगवाई है। हालांकि इससे पहले सरकार की तरफ से निजी अस्पतालों में कोरोना बूस्टर डोज लगवाई जा रही थी और इसका एक शुल्क निर्धारित किया गया था।
जागरण संवाददाता, हिसार: प्रदेश सरकार ने हरियाणा में कोरोना बूस्टर डोज को निशुल्क कर दिया है। इसके बावजूद लोगों में कोरोना बूस्टर डोज लगवाने में रुचि नजर नहीं आ रही है। अकेले हिसार की बात करें तो हिसार में वैक्सीन के कुल टारगेट में से सिर्फ एक प्रतिशत लोगों ने ही कोरोना बूस्टर डोज लगवाई है। हालांकि इससे पहले सरकार की तरफ से निजी अस्पतालों में कोरोना बूस्टर डोज लगवाई जा रही थी और इसका एक शुल्क निर्धारित किया गया था।
उस दौरान लोगों में कोरोना बूस्टर डोज लगवाने में रुचि दिखाई नहीं दी, क्योंकि आम लोगों में था कि वे पहली और दूसरी डोज तो निशुल्क लगवा चुके है। जबकि तीसरी डोज के रुपये लिए जा रहे है। ऐसे में आम जनता तीसरी डोज लगवाने के लिए निजी अस्पतालों में नहीं पहुंची।
वहीं लोगों का रूझान न देखकर निजी अस्पताल संचालकों ने भी कोरोना बूस्टर डोज लगाने में अधिक रुचि नहीं दिखाई। क्योंकि एक साथ 10 लोग भी वैक्सीन लगवाने नहीं पहुंच रहे थे, वैक्सीन की एक वायल खोलने के बाद 10 लोगों को डोज लगाई जाती है, अगर एक दो लोगों को डोज लगती है तो बाद में वायल में बची हुई वैक्सीन खराब हो जाती है।
वहीं इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि हिसार में काेरोना के इक्का-दुक्का मामले ही सामने आ रहे है। जैसे ही केस बढ़ते है तो काेरोना संक्रमण के डर से लोगों में वैक्सीन के प्रति रुचि नजर आती है। हिसार में कुल 1457574 लोगों का वैक्सीन लगाने का टारगेट है। लेकिन इनमें से पहली डोज 1326661, दूसरी डोज 989310 और कोरोना बूस्टर डोज 18383 को ही लगी हे।
कुल मिलाकर अब तक 2334354 को वैक्सीन की डोज लगी है। हिसार में 19 जनवरी से वैक्सीनेशन अभियान शुरु किया गया था। तब से लेकर अब तक हेल्थ वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर, 12 से 14 आयु वर्ग, 15 से 17 आयु वर्ग, 18 से 44 आयु वर्ग और 45 से 60 के आयु वर्ग और 60 से अधिक के आयु वर्ग में वैक्सीन लग चुकी है।