रोडवेज में 60 प्रतिशत तक सवारी घटी, दिल्ली-गुरुग्राम रूट सबसे ज्यादा प्रभावित
दिल्ली रूट पर पहले 8 मिनट के बाद बस की सर्विस थी अब जा रही एक घंटे में
-दिल्ली रूट पर पहले 8 मिनट के बाद बस की सर्विस थी, अब जा रही एक घंटे में
-रोजाना हिसार डिपो को 3 लाख से अधिक रुपये का हो रहा नुकसान
जागरण संवाददाता, हिसार : हिसार बस अड्डा से चलने वाली बसों के सभी रूटों पर 60 प्रतिशत सवारियां घट गई है। इसके चलते दिल्ली-गुरुग्राम रूट सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। इसका कारण है कि एक तो नाइट कर्फ्यू और दूसरा दिल्ली में सीट टू सीट ही सवारी मान्य है। वरना बस का चालान कर दिया जाता है। दिल्ली रूट पर पहले हर आठ मिनट में बस सुविधा की सर्विस थी, लेकिन अब एक-एक घंटे की बस सर्विस हो गई है। रोडवेज विभाग दिल्ली रूट पर अलसुबह चलने वाली बस को बंद करने की तैयारी में है। फिर भी बसों में सवारी नहीं मिलती। शनिवार को बस अड्डा पर सिरसा-फतेहाबाद डिपो से आई बसें घंटों से सवारी के इंतजार में खड़ी थी।
हिसार डिपो को रोजाना 3 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हो रहा है। सामान्य तौर पर डिपो की 18 लाख रुपये आय होती थी, जो अब 10 लाख पर आ गई है। बस अड्डा प्रभारी ने बताया कि चंडीगढ़-अंबाला रूट पर भी प्रभावित है। अभी इन रूटों पर बसें बंद नहीं की है। बसों के चलने में समय का अंतराल कर दिया है। अगर यहीं हाल रहा तो जल्द बसें बंद हो सकती है। ग्रामीण रूटों पर भी यात्री कम हो गए है। जरूरत के अनुसार पहले की तरह बसें चल रही है, जो सुबह-शाम चलती थी।
लोग लगे कतराना, खुद का वाहन ले जा रहे
अब लोग कोरोना के डर से बसों में सफर करने से कतराने लगे है। शिक्षक या यात्री ज्यादातर अपने खुद के वाहन से आवागमन करने लगे हैं। त्योहार पर कुछ भीड़ है, पर बाद में सवारी और भी कम हो सकती है। अधिकारियों का कहना है कि इस बार बसें बंद हो गई तो चलनी भी मुश्किल होगी, क्योंकि पहले ही काफी नुकसान हो चुका है।
किलोमीटर भी पूरे करवाना जरूरी
रोडवेज विभाग के लिए दुविधा यह है कि बसों के किलोमीटर भी पूरे करवाना जरूरी है। तभी कर्मियों की आठ घटे ड्यूटी पूरी होगी, ताकि कर्मी व्यर्थ ना बैठे। लंबे रूटों पर सवारी न होने से ग्रामीण रूटों पर ही बसों को भेजकर किलोमीटर पूरी करवाई जाती है।
ई-टिकट की मांग
रोडवेज विभाग ने अब तक ई-टिकट की सुविधा शुरू नहीं की है। इसकी पिछले साल घोषणा की गई थी। अगर किसी परिचालक के पास टिकट खत्म हो जाती है तो वह ई-टिकट से यात्री को टिकट दे सकता है और समय भी कम लगेगा। मगर ई-टिकट की सुविधा निर्धारित रूट पर ही सही है। अगर लंबे रूट की बस लोकल होकर जाती है तो लोकल की टिकट के बजाय निर्धारित रूट की मिलेगी।
वर्जन
रूटों पर सवारी काफी हो गई है। इससे हर रोज की आमदनी में भी 3 लाख से अधिक का नुकसान हो रहा है। दिल्ली रूट पर अधिक प्रभाव है।
राहुल मित्तल, जीएम, हिसार डिपो।