मनरेगा में पेपरलेस होगा काम, ऑनलाइन बनेंगे एस्टीमेट, देश का पहला जिला बना हिसार
मनरेगा के तहत गांवों के विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं। अभी तक काम पेपर वर्क होता था मगर ऐसा नहीं होगा और इसके लिए एक प्रोजेक्ट तैयार किया गया है।
अमित धवन, हिसार
मनरेगा के तहत गांवों के विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं। अभी तक काम करवाने के लिए एस्टीमेट की फाइल तैयार होती रही है। बर्बाद हो रहे पेपर को बचाने और पेपरलेस काम करने के लिए मनरेगा का नया स्क्वेयर सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। इसके तहत एस्टीमेट बनाने के साथ उसकी मंजूरी वहीं से होगी। मंजूरी के लिए जीपीएस लोकेशन भी इस सॉफ्टवेयर में डाली जाएगी। इससे काम जल्दी होगा। मनरेगा के तहत ऑनलाइन एस्टीमेट बनाकर हिसार देश का पहला जिला बन गया है।
एडीसी विभाग की तरफ से गांव में मनरेगा के तहत काम करवाए जाते हैं। केंद्र सरकार की तरफ से मनरेगा मजदूरों को मानदेय दिया जाता है। अब यदि गांव में मनरेगा के तहत काम होने हैं तो जूनियर इंजीनियर मौके पर जाएगा और जीपीएस लोकेशन लेकर पूरा एस्टीमेट ऑनलाइन ही तैयार कर डालेगा। ऑनलाइन एस्टीमेट को डालने के बाद तय समय में अधिकारियों को उसकी अप्रूवल मंजूरी देनी पड़ेगी।
अभी तक मनरेगा के तहत कागजों पर ही एस्टीमेट तैयार किए जाते हैं। इससे कागज की बर्बादी होती है और दो माह तक का समय लग जाता है। ऑनलाइन एस्टीमेट डालने पर जरूरी एस्टीमेट को आधे घंटे में भी मंजूर किया जा सकेगा। ऑनलाइन सिस्टम में एस्टीमेट कितने समय किस अधिकारी के पास रहा यह भी जानकारी में रहेगा। यह सिस्टम केंद्र सरकार की तरफ से पूरे देश में लागू किया जा रहा है। लेकिन हिसार इस सिस्टम को लागू कर पहला जिला बन गया है। इसके लिए अधिकारियों को ट्रे¨नग भी दी जा चुकी है। 55 करोड़ रुपये के हुए थे काम
पिछले वर्ष जिले में मनरेगा के तहत 55 करोड़ रुपये के काम करवाए गए थे। इन सभी कामों के एस्टीमेट कागज पर तैयार किए गए थे। जिसमें लंबा समय लगने के साथ ही गड़बड़ी की संभावना बनी रही थी।
- मनरेगा के एस्टीमेट ऑनलाइन तैयार किए जाएंगे। छह एस्टीमेट मंजूर भी हो चुके हैं। हिसार देश में इसे लागू करने वाला पहला जिला बन गया है।
- एएस मान, एडीसी, हिसार।