गुजवि में कक्षाओं में शिक्षकों के साथ गूजेंगी गानों की आवाज
गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय गुजवि में छात्र संघ चुनाव बहाली की मांग को लेकर इनसो की ओर से शुरू किया गया धरना एक के बाद एक नया मोड ले रहा है। शुक्रवार को भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों के अलावा बाकी छात्रों द्वारा पार्क में बैठ खाना खाने और गंदगी फैलाने का मामला, तो अब रविवार की सुबह धरने पर तेज आवाज में चल रहे पंजाबी गाने चलाए जाने का मामला सुर्खियों में है।
जागरण संवाददाता, हिसार। गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय गुजवि में छात्र संघ चुनाव बहाली की मांग को लेकर इनसो की ओर से शुरू किया गया धरना एक के बाद एक नया मोड ले रहा है। शुक्रवार को भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों के अलावा बाकी छात्रों द्वारा पार्क में बैठ खाना खाने और गंदगी फैलाने का मामला, तो अब रविवार की सुबह धरने पर तेज आवाज में चल रहे पंजाबी गाने चलाए जाने का मामला सुर्खियों में है।
अब देखना ये है कि क्या तीन दिनों से चला रहा ये गानों का दौरा सोमवार को भी जारी रहता है। इनसो इंडियन नेशनल स्टूडेंटस ऑफ ऑर्गेनाइजेशन धरने को खत्म न करने की घोषण कर चुका है तो वहीं जीजेयू कुलपति टंकेश्वर कुमार भी कह चुके हैं कि सोमवार को जीजेयू में कक्षाएं लगेंगी। तो ऐसे में देखना होगा कि आखिर धरना चलने के दौरान माइक और स्पीकर में से आने वाली आवाज के साथ कक्षाओं में विद्यार्थी किस तरह से पढ़ सकेंगे। इतने शोर के बावजूद आखिर शिक्षक किस तरह से विद्यार्थियों को पढ़ा पाएंगे।
गौरतलब है कि छात्र संघ चुनावों की बहाली की मांग को लेकर इनसो प्रदेशाध्यक्ष दिग्विजय चौटाला की अगुवाई में धरना शुरू किया गया है। वीसी ऑफिस के ठीक सामने टैंट गाड़ धरने पर बैठे छात्रों की संख्या को देख गुजवि में दो दिन की छुट्टी भी घोषित की गई थी। धरने पर नौ लोग अनशन पर भी बैठे थे। इसमें से शनिवार को इनसो महिला विंग की प्रदेश संयोजक मंजू की तबीयत भी बिगड़ी थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। रविवार की सुबह वो फिर से धरने पर पहुंची हैं।
धरने को लेकर दिग्विजय चौटाला ने प्रेस कांफ्रेंस भी की। एबीवीपी के प्रदर्शन पर रहेगी खास नजर कहने को तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एबीवीपी भी छात्र संघ हैं। मगर जिस तरह से इनसो ने धरना प्रदर्शन शुरू किया है, एबीवीपी ने उसे गलत बताते हुए विरोध जताया है। एबीवीपी नेता सुनील भारद्वाज ने कहा कि छात्र संघ चुनाव करवाने के लिए छात्र हितों की अनदेखी करना गलत है। धरने के कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई नहीं होगी। हम इसे लेकर प्रदर्शन भी करेंगे।