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आउटकम बेस्ड एजुकेशन बताएगा सिलेबस में कैसे लाएं बदलाव : प्रो. योगेश चाबा

आउटकम बेस्ड एजुकेशन सिस्टम को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए जहां एक तरफ शिक्षक को शिक्षण पद्धतियों के प्रति अत्यंत संवेदनशील होने की जरूरत है वहीं दूसरी तरफ विद्यार्थियों को भी अपने लर्निग लेवल्स पर अधिक फोकस करना होगा ताकि वे किसी भी प्रोफेशनल पाठ्यक्रम को उत्तीर्ण करने के बाद अपनी काबिलियत के अनुसार रोजगार हासिल कर सकें।

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Nov 2020 07:27 AM (IST)Updated: Thu, 12 Nov 2020 07:27 AM (IST)
आउटकम बेस्ड एजुकेशन बताएगा सिलेबस में कैसे लाएं बदलाव : प्रो. योगेश चाबा
आउटकम बेस्ड एजुकेशन बताएगा सिलेबस में कैसे लाएं बदलाव : प्रो. योगेश चाबा

जागरण संवाददाता, हिसार : आउटकम बेस्ड एजुकेशन प्रणाली एक महत्वपूर्ण शैक्षिक सिद्धांत हैं, जो परिणाम आधारित लक्ष्यों को आधार बनाता है। इस प्रणाली से शिक्षक यह समझ सकेंगे की उन्हें पाठ्यक्रम में किस तरह के बदलाव करने की आवश्यकता है। विद्यार्थियों को पता चलेगा कि उनका मूल्यांकन किस आधार पर किया जाएगा। यह बातें जीजेयू इंजीनियरिग संकाय के पूर्व अधिष्ठाता प्रोफेसर योगेश चाबा ने कही।

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वह गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (जीजेयू) के हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस (एचएसबी) में बुधवार को आउटकम बेस्ड एजुकेशन कार्यशाला में मुख्य वक्ता थे।

उन्होंने कहा कि आउटकम बेस्ड एजुकेशन सिस्टम को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए जहां एक तरफ शिक्षक को शिक्षण पद्धतियों के प्रति अत्यंत संवेदनशील होने की जरूरत है, वहीं दूसरी तरफ विद्यार्थियों को भी अपने लर्निग लेवल्स पर अधिक फोकस करना होगा, ताकि वे किसी भी प्रोफेशनल पाठ्यक्रम को उत्तीर्ण करने के बाद अपनी काबिलियत के अनुसार रोजगार हासिल कर सकें। प्रोग्राम व कोर्स ऑब्जेक्टिव की परफेक्ट मैपिग करना बहुत जरूरी हो गया है। सभी वर्तमान योजनाओं व परियोजनाओं के लागू करने के लिए हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस टीम को बधाई दी।

पाठ्यक्रम को अपडेट किया : नरवाल

हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस के निदेशक प्रो. कर्मपाल नरवाल ने कहा कि सभी पाठ्यक्रमों को आउटकम बेस्ड एजुकेशन कांसेप्ट के अनुसार अपडेट कर दिया है। यूजीसी व एआइसीटीई के दिशा-निर्देर्शों के मुताबिक सभी शिक्षकों को आवश्यक ट्रेनिग दी गई है। इसी कड़ी में यह कार्यशाला आयोजित की गई। प्रतिभागियों को कोर्स आउटकम (सीओ), प्रोग्राम आउटकम (पीओ) और प्रोग्राम स्पेसिफिक आउटकम (पीएसओ) की प्राप्ति, मैपिग और परीक्षा परिणाम विश्लेषण के लिए विभिन्न तरीके बताए गए। एनबीए एक्रेडिटेशन कार्यक्रम की समन्वयक डा. दीपा मंगला ने कहा कि इस विशेष कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को शिक्षण पद्धति के साथ प्रशिक्षित करना है ताकि व्यवसायिक शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाया जा सके। कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार व कुलसचिव डा. अवनीश वर्मा ने कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस के सभी शिक्षकों को बधाई दी। डा. श्वेता सिंह ने आभार व्यक्त किया।

ये रहे मौजूद

इस मौके पर विभाग के वरिष्ठ शिक्षक प्रो. हरभजन बंसल, प्रो. ऊषा अरोड़ा, प्रो. एससी कुंडू, प्रो. बीके पूनिया, प्रो. महेश गर्ग, प्रो. विनोद कुमार बिश्नोई, प्रो. अनिल कुमार, प्रो. शबनम सक्सेना, प्रो. संजीव कुमार, प्रो. टीका राम, प्रो. सुरेश मित्तल, डा. खजान सिंह, डा. अंजू वर्मा, डा. दलबीर सिंह, डा. राजीव कुमार, डा. विजेन्द्र पाल सैनी, डा. मणिश्रेष्ठ, डा. वनिता अहलावत, डा. वंदना सिंह, डा. अंजली गुप्ता व डा. प्रवीण कुमार समेत 35 से अधिक प्रतिभागी उपस्थित रहे।


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