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फसल अवशेष जलाने पर उपग्रह देगा संकेत

संवाद सहयोगी, अग्रोहा : कृषि विभाग द्वारा गांव सिवानी बोलान में किसान जागरूकता शिविर लगाया गया। शिव

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Jun 2018 07:39 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jun 2018 07:39 PM (IST)
फसल अवशेष जलाने पर उपग्रह देगा संकेत
फसल अवशेष जलाने पर उपग्रह देगा संकेत

संवाद सहयोगी, अग्रोहा : कृषि विभाग द्वारा गांव सिवानी बोलान में किसान जागरूकता शिविर लगाया गया। शिविर में किसानों को बताया गया कि फसल अवशेषों को जलाने की बजाय आधुनिक कृषि यंत्रों द्वारा प्रबंधन करके भूमि स्वास्थ्य एवं पर्यावरण प्रदूषण को काफी हद तक कम किया जा सकता है। शिविर को संचालित करते हुए कृषि विकास अधिकारी डा. सुमित देशवाल ने बताया कि फसल अवशेष जलाने से न केवल कृषि भूमि का स्वास्थ्य व उर्वरक शक्ति कम हो जाती है, बल्कि भूमि के अंदर माइक्रो आरगेनिजम व पर्यावरण को भी नुकसान होता है और मित्र कीट भी मर जाते हैं।

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--हरसेक की है हर गांव पर नजर डा. देसवाल ने किसानों को अवगत करवाया कि अब एचएयू में स्थित हरसेक द्वारा उपग्रहों से हर रोज प्रत्येक गांव में फसल जलाने की निगरानी की जा रही है। जो कि एक सटीक जानकारी होती है। इससे विभाग को तुरन्त पता चल जाता है कि कौन से गांव व किस एकड़ में फसल अवशेष जलाए जा रहे हैं। --फसल अवशेष जलाने पर क्या होगी कानून कार्रवाई फसल अवशेष जलाना भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 संपत्ति वायु एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत दण्डनीय अपराध है। जिसमें दोषी के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने का प्रावधान है। इसमें कम से कम 2500 रुपये से लेकर 1500 रुपये तक का आर्थिक जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है। कैसे करें फसल अवशेष प्रबंधन

डा. देशवाल ने बताया कि फसल अवशेष जलाने की बजाय आधुनिक कृषि यंत्रों द्वारा उचित प्रबंधन किया जा सकता है। फसल अवशेषों को रोटावेटर, चौपर, मल्टर से बारीक टुकड़ों में काट कर मिट्टी में मिला दिया जाता है। फसल अवशेष कोबेलर मशीन द्वारा गांठें बना कर प्रयोग करें। धान व गेहूं के खडे़ फानों में हैप्पी सीडर व जीरो टील मशीन व डीएसआर द्वारा गेहूं की सीधी बिजाई की जा सकती है। फसल अवशेषों को गलाने व काटने के बाद 20 किलोग्राम यूरिया प्रति एकड़ की दर से छिड़क कर हैरो, कल्टीवेटर से मिट्टी में मिला कर हल्का पानी देना चाहिए। फसल प्रबंधन के लिए आधुनिक कृषि यंत्रों पर अनुदान कृषि विभाग द्वारा हिसार जिला में इस वर्ष फसल अवशेष प्रबंधन के काम आने वाले 8 प्रकार के कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जा रहा है। कृषि यंत्र का नाम स्वीकृत अनुदान राशी

1. सुपरस्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम---70,000

2. हैप्पी सीडर ---67,500

3. पेडीस्टा चौपर, शेडर, मल्चर-1,25000

4. शर्ब मास्टर, कटर कम स्प्रेडर-25,000

5. रिवर्सिबल एम बी प्लो----1,25,000

6. रोटरी स्लेशर ----------20,000

7. जीरो टील ड्रील मशीन----25,000

8. रोटावेटर -----------50,000

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कैसे करें अनुदान के लिए आवेदन

इस स्कीम की अंतिम तिथि 15.06.18 है। अधिक जानकारी के लिए हिसार के सहायक कृषि अभियंता के कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं और आवेदन भी इसी कार्यालय में जमा किए जाएंगे। कृषि विभाग की वेबसाइट पर भी विस्तार से गाइड लाइन उपलब्ध है।


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