रोहतक में एक बार फिर अदालत के सामने कानून को चुनौती, हिसार के रेलवे कर्मी को मारी गोली
कोर्ट परिसर के सामने हुई इस वारदात में एक बार फिर से शहर की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। जिस जगह पर वारदात को अंजाम दिया गया है उससे मात्र 500 मीटर दूरी पर एसपी आवास है।
हिसार/रोहतक, जेएनएन। हत्या के मामले में जेल में बंद पिता और भाई की पैरवी के लिए रोहतक में वकली से मिलने आए रेलवे कर्मी को कोर्ट परिसर के बाहर गोली मार दी गई। घायल को पीजीआइ में भर्ती कराया गया है। जिस जगह पर वारदात को अंजाम दिया कि उससे 500 मीटर दूर एसपी आवास है, जहां हर समय पुलिस की नाकाबंदी रहती है। वारदात की वजह रंजिश बताई जा रही है।
हिसार की शिव कालोनी निवासी 25 वर्षीय सुनील रेलवे में कार्यरत हैं। शुक्रवार शाम वह मामा गुलाब और एक अन्य साथी राजू के साथ रोहतक में वकील मोहित वर्मा से मिलने के लिए आया था। रात करीब आठ बजे वकील से मिलने के बाद वह तीनों बाहर आए। जिन्होंने देखा कि गाड़ी में पंक्चर है। दुकान खुली नहीं मिलने पर वह तीनों बैठकर स्टेपनी बदलने लगे। इसी दौरान मुंह पर कपड़ा लपटे बाइक सवार दो हमलावर आए। उनका एक साथी कुछ दूर खड़ा था। हमलावरों ने पीछे से आकर एक के बाद एक तीन राउंड फायर किए। इसमें एक गोली सुनील के पेट में लगी और वह लहुलूहान होकर जमीन पर गिर पड़ा। सुनील के पीछे गिरने के बाद उसके मामा गुलाब ने हमलावरों को पकड़ने के लिए पीछा किया, लेकिन हमलावरों ने उस पर भी पिस्तौल तान दी और वहां से फरार हो गए। सूचना मिलने पर आर्य नगर थाना पुलिस और सिविल लाइन थाना पुलिस मौके पर पहुंची। जांच के दौरान पता चला कि सुनील पक्ष की हिसार में बिजेंद्र उर्फ बिंदर पक्ष के साथ विवाद चल रहा है। हत्या के एक मामले में सुनील का पिता ईश्वर और भाई रविंद्र जेल में बंद है। उनकी पैरवी के लिए वह रोहतक में अधिवक्ता से बातचीत करने के लिए आए थे। आशंका है कि इसी विवाद के चलते ही वारदात को अंजाम दिया गया है। फिलहाल पुलिस की जांच जारी है।
यह चल रही रंजिश
हिसार की शिव कालोनी निवासी बिजेंद्र उर्फ बिंदर ने 14 मई को एचटीएम थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि वह अपने भाई सुंदर उर्फ सुनील व सोनू के साथ जिंदल फैक्ट्री की तरफ जा रहा था। शिव कालोनी में पहुंचते ही सामने से ट्रैक्टर आया, जिसे ईश्वर का बेटा रविंद्र चला रहा था। कार निकालने को लेकर उनके बीच झगड़ा हो गया था। तभी ईश्वर के घर से पांच-छह व्यक्ति लाठी-डंडे लेकर बाहर आए गए, जिन्होंने सुंदर उर्फ सुनील के सिर पर लाठी से हमला कर दिया। इसमें उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी। शिकायत के बाद एचटीएम थाना पुलिस ने ईश्वर और उसके बेटे समेत कई अन्य पर केस दर्ज किया था।
उधर, 16 मई को ईश्वर की तरफ से भी शिकायत दर्ज कराई गई। इसमें बताया कि वह अपने छोटी बेटी किरण के ससुराल से गेहूं लेकर आए थे। गेहूं उतारने के बाद छोटा बेटा रविंद्र ट्रैक्टर को घर के पीछे खाली प्लाट में खड़ा करने जा रहा था। तभी कार सवार बिजेंद्र और उसके भाइयों ने रविंद्र के साथ मारपीट कर दी थी। शोर सुनकर वह मौके पर पहुंचे तो उन्होंने पिस्तौल निकालकर उन पर फायरिंग कर दी थी। इसमें एक गोली ईश्वर को लगी थी, जबकि दूसरी संजय को लगी।
पुलिस को भनक तक नहीं
कोर्ट परिसर के सामने हुई इस वारदात में एक बार फिर से शहर की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। कुछ माह पहले भी कोर्ट परिसर के अंदर से दिनदहाड़े बर्खास्त पुलिसकर्मी का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गई थी। उस वारदात के बाद पुलिस ने कोर्ट की सुरक्षा में बड़ा बदलाव करते हुए कई पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया था और बाकी का तबादला कर दिया गया था। पूरे स्टाफ को भी बदल दिया गया था। लेकिन इतने सुरक्षा बंदोबस्त के दावों के बाद भी पुलिस एक बार फिर से गच्चा खा गई।
प्रत्यक्षदर्शी बोले, हमें लगा पटाखे फूट रहे हैं
जिस जगह पर वारदात को अंजाम दिया गया था कि उससे 100 कदम की दूरी पर सोनीपत स्टैंड है। जहां पर सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं, लेकिन हमलावरों ने उस जगह को चुना जहां पर कैमरे नहीं है। सोनीपत स्टैंड के आसपास दुकान करने वाले दुकानदारों का कहना है कि लगातार तीन फायरिंग हुई। उन्हें लगा कि पटाखे फूट रहे हैं, जब हमलावर बाइक पर भागे तब जाकर माजरा समझ आया कि कोई घटना हुई है। फिर वहां से घायल को कार में लेकर गए और पूरे मामले का पता चला।
यह कहती है पुलिस
डीएसपी हेडक्वार्टर गोरखपाल राणा ने बताया कि सुनील रोहतक में अधिवक्ता से मिलने के लिए आया था। तभी उसे गोली मार दी गई थी। वारदात की वजह पुरानी रंजिश बताई जा रही है। फिलहाल मामले की गहनता से जांच की जा रही है।