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फ्लैट खरीददार : आरसीटी के 35 विला के अकाउंट्स में हेरफेर, हरेरा में दी गलत जानकारी डायरेक्टर: जानकारी सही, कुछ लोग रिफंड और ब्याज के लिए बना रहे दबाव

जागरण संवाददाता हिसार शहर के सेक्टर 9-11 में हिसार के पहले मल्टीस्टोरी फ्लैट और ि

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Sep 2019 02:38 AM (IST)Updated: Sun, 15 Sep 2019 02:38 AM (IST)
फ्लैट खरीददार : आरसीटी के 35 विला के अकाउंट्स में हेरफेर, हरेरा में दी गलत जानकारी डायरेक्टर: जानकारी सही, कुछ लोग रिफंड और ब्याज के लिए बना रहे दबाव

जागरण संवाददाता, हिसार : शहर के सेक्टर 9-11 में हिसार के पहले मल्टीस्टोरी फ्लैट और विला के प्रोजेक्ट को लेकर अब एक नया मोड़ सामने आया है। आरसीटी बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा इस प्रोजेक्ट को चलाया जा रहा है। इस मामले में अब कुछ फ्लैट खरीददार सामने आए हैं, जिनका दावा है कि आरसीटी के 35 विला के अकाउंट की जानकारी हरेरा को कंपनी द्वारा दिए हलफनामे में सही नहीं दी है। उनका दावा है कि यह दस्तावेज वही हैं जो आरसीटी के कंप्यूटर में दर्ज हैं, जिसमें उन्होंने आरसीटी बिल्डर्स पर आरोप लगाया है कि कंपनी ने इन दस्तावेजों में विला से जुड़ी धनराशि को अंडर वैल्यू करके दिखाया है। इसके साथ ही हर विला के अकाउंट में कच्चे पर ब्याज करके भी डिटेल दी गई है, इसमें खरीददारों का तर्क है कि विला की कीमत अंडर वैल्यू करने के बाद जो अनअकाउंटेड आय है, उस पर ब्याज की डिटेल है। इस पूरी लिस्ट को लेकर पदाधिकारी आगामी सुनवाई में हरेरा के सामने प्रस्तुत करेंगे। इसके दूसरी तरफ इन आरोपों को लेकर आरसीटी बिल्डर्स लिमिटेड के डायरेक्टर राजेंद्र मित्तल ने साफ इनकार किया है। उनका कहना है कि वह हरेरा के आदेशों का इंतजार कर रहे हैं, जैसे ही वह उन्हें 16 करोड़ रुपये की बची धनराशि को उपयोग करने की अनुमति देगी, वह फ्लैट पर काम शुरू करा देंगे। ऐसे में मामला एक बार फिर हरेरा की तरफ जाता दिख रहा है। गौरतलब है कि सेक्टर 9-11 में बने इस प्रोजेक्ट में करीब 300 लोगों ने फ्लैट खरीदे हैं तो 35 विला भी इसके आसपास ही बनवाए गए हैं।

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पूर्व में फॉरेंसिक रिपोर्ट में यह तथ्य आए थे सामने

- प्रोजेक्ट ट्रांसफर में हरेरा से छिपाए तथ्य छिपाए गए हैं

- चार करोड़ रुपये बाहरी फर्म को ट्रांसफर किए गए।

- विला की कीमत को बुक्स में अंडरवैल्यू किया गया है।

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आरसीटी के विवाद में डायरेक्टर से सीधी बात

प्रश्न- फ्लैट बायर्स के हाथ 35 विला की लिस्ट लगी है, जो आपके हलफनामे से मिल नहीं रही।

उत्तर- मैंने विला के अकाउंट से जुड़ी जानकारियां हरेरा में दी है, वह एकदम सही हैं, अगर वह उन दस्तावेजों को हरेरा में दिखाएंगे तो मैं उन्हें सब बिदु क्लियर कर दूंगा।

प्रश्न- इन दस्तावेजों में कई जगह कच्ची धनराशि का जिक्र है, जिस पर ब्याज की बात हो रही है

उत्तर- बहुत से खरीददार ऐसे हैं जिन पर अभी कंपनी का बकाया है, उस ही के ब्याज को हमने कच्चा ब्याज कहा है। इन दस्तावेजों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।

प्रश्न- आपके इस प्रोजेक्ट को 8 साल बीत चुके हैं, इतने वर्षों में तो पजेशन दे देना चाहिए था, इससे आपकी मंशा पर खरीददारों को शक है।

उत्तर- यह बात सही है कि हम फ्लैट पूरे करने और पजेशन देने में लेट हो गए, मगर अब हम चाहते हैं कि लोगों को जल्द से जल्द फ्लैट दिए जाएं। हरेरा ने 16 करोड़ रुपये के प्रयोग पर रोक लगाई है जैसे ही रोक हटेगी हम काम शुरू करा देंगे।

प्रश्न- साइट पर से कंपनी सामान शिफ्ट करती जा रही है, इससे खरीददार चितित हैं।

उत्तर- हमारे टॉवर तैयार हैं, इसलिए अब क्रेन का कोई प्रयोग नहीं है, ऐसे में इसका किराया लगाया बढ़ रहा था इसलिए हमने शिफ्ट कर दी।

प्रश्न- आपके इस प्रोजेक्ट पर कई आरोप लगे हैं, जो अभी भी जारी हैं

उत्तर- हरेरा में 87 लोगों ने हमारे खिलाफ शिकायतें की थी, मगर अब चंद लोग ही रह गए हैं जो अलग-अलग प्लेटफार्म पर शिकायतें कर अपनी निवेश की गई धनराशि को ब्याज सहित वापस चाहते हैं। और हमें अभी तक हरेरा ने भी ब्याज सहित धनराशि वापस करने के लिए नहीं कहा है।


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