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Haryana Martyrdom Day: शहीदों के शहादत को ऐसा सम्मान, बहादुरगढ़ में अपना घर तोड़ बना दिया संग्राहलय

हरियाणा के मांडौठी गांव में हरियाणा शहीदी दिवस के मौके पर घर तोड़कर संग्रालय बनाया गया है। इसका उद्घाटन शनिवार को को राष्ट्रीय अस्मिता के प्रख्यात कवि डा. हरिओम पंवार करेंगे। देश में अपनी तरह का यह पहला संग्रहालय है।

By Naveen DalalEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 03:28 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 03:28 PM (IST)
बहादुरगढ़ में घर तोड़कर बना गया शहीद नमन स्थल।

बहादुरगढ़, जागरण संवाददाता। शहीद ए आजम भगत सिंह को हर कोई अपने तरीके से याद करते हुए श्रद्धांजलि देता है, लेकिन मांडौठी गांव के चित्रकार महेश दलाल ने अपने घर को तोड़कर वहां शहीद नमन स्थल बना दिया है। इसका उद्घाटन शनिवार को को राष्ट्रीय अस्मिता के प्रख्यात कवि डा. हरिओम पंवार करेंगे। देश में अपनी तरह का यह पहला संग्रहालय है। गांव में बने इस संग्रहालय में सवा सौ तैलचित्र पर भगत सिंह की पूरी जीवनी उकेरी गई है।

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शहीदी दिवस के मौके पर संग्रहालय को समर्पित घर

बता दें कि शहीदों समेत महान शख्सियतों की पेंटिंग बनाते समय महेश दलाल के मानस पर शहीद भगत सिंह के जीवन चरित्र ने गहरा प्रभाव छोड़ा। परिणामस्वरूप उन्होंने करीब सात साल पहले भगत सिंह के पूरे जीवन को पेंटिंग्स के माध्यम से लोगों के सामने लाने का निर्णय लिया। गांव से बहादुरगढ़ शहर के सेक्टर दो में शिफ्ट करने वाले महेश ने अपने पैतृक मकान को तोड़कर वहां शहीद नमन स्थल के नाम से भगत सिंह को समर्पित संग्रहालय बना दिया।

कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने रखी थी नींव

करीब चार साल पहले तत्कालीन कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने इसकी नींव रखी थी। महेश ने इस अद्भुत स्मारक के निर्माण पर करीब 25 लाख रुपये खर्च किए हैं, हालांकि बीते सात सालों में उसके द्वारा तैयार की गई पेंटिंग्स अमूल्य हैं। महेश के पिता कैप्टन जगदेव सिंह व मां मेवा देवी ने बताया कि शनिवार शाम को चार बजे गांव मांडौठी में बने शहीद नमन स्थल का उद्घाटन राष्ट्रीय अस्मिता के प्रख्यात कवि डा. हरिओम पंवार करेंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में सेवानिवृत्त अतिरिक्त आबकारी एवं कराधान आयुक्त कुलबीर सिंह मलिक उपस्थित रहेंगे।

हिसार के दयानंद कालेज के इतिहास विभागाध्यक्ष डा. महेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में यह आयोजन होगा। महेश की ख्वाहिश है कि उसके इस अद्वितीय प्रयास से युवा पीढ़ी प्रेरणा ले और शहीदों के सपनों का भारत बनाने में अपना योगदान दे। विदित है कि पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम समेत कई विख्यात शख्सियत महेश की कला की मुरीद रही हैं।


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