इंटरनेशनल एयरपोर्ट निर्माण से पहले एनओसी जरूरी, चार साल से नींद में सो रहे अधिकारी
वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम 1981 और पानी (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम 1974 के अंतर्गत कोई भी बड़े प्राजेक्ट पर निर्माण शुरु होने से पहले NOC लेनी पड़ती है।
हिसार [पवन सिरोवा] हिसार का इंटरनेशनल एयरपोर्ट मुख्यमंत्री मनोहर लाल का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस सपने को सच करने के लिए प्रदेश सरकार हर संभव कोशिश कर रही है, लेकिन अफसरों का लापरवाही ड्रीम प्रोजेक्ट की पहली उड़ान में बाधा बनी है। चार साल में अधिकारी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (पीसीबी) से प्रोजेक्ट शुरु करने की एनओसी नहीं ले पाए। इस वजह से पहली उड़ान से पहले ही पीसीबी इंटरनेशनल एयरपोर्ट को सील कर सकता है। अफसरों की लचर कार्यप्रणाली के कारण कहीं सरकार का यह प्रोजेक्ट नियमों में उलझकर न रह जाए।
29 दिसंबर 2014 को प्रदेश मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हिसार में इंटरनेशनल एयरपोर्ट की घोषणा की थी। जिसको लेकर तब से आज तक बैठकें चल रही हैं। आला अफसर और एयरपोर्ट निर्माण से जुड़े एक्सपर्ट इसको लेकर प्लाङ्क्षनग भी कर रहे हैं। जो कागजों तक ही सीमित है। आज तक एयरपोर्ट निर्माण में संबंधित विभागों से क्लियरेंस तक नहीं है, जबकि इस प्रोजेक्ट पर कंसलटेंट एजेंसी तक हायर कर रखी है। एविएशन क्लब तरफ से प्रशासन इसमें कार्य कर रहा है। सभी मिलकर भी नियमों के तहत कार्य नहीं कर पा रहे हैं।
ये जाने :- प्राजेक्ट की शुरुआत करने से पहले पीसीबी की क्लियरेंस जरुरी
वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम 1981 और पानी (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम 1974 के अंतर्गत कोई भी बड़े प्राजेक्ट पर निर्माण शुरु होने से पहले नियमानुसार पर्यावरण मंत्रालय से लेकर राज्य पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से एनओसी लेनी पड़ती है। जिसके तहत लोकल पीसीबी की टीम हवा और पानी के संबंध में मौके का निरीक्षण कर उस प्राजेक्ट के संबंध में बेसलाइन डाटा तैयार करता है। प्रोजेक्ट के वर्तमान और भविष्य के प्रभाव की रिपोर्ट तैयार होगी। ऐसा कुछ नहीं हुआ।
आला अफसर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को लेकर निर्माण की रुपरेखा तो तैयार करते रहे लेकिन उनकी ग्राउंड स्तर पर एनओसी तक नहीं ली है। ऐसे में यदि बात नियमों की कि जाए तो पीसीबी को इस प्राजेक्ट पर कार्रवाई करना अनिवार्य है। एक्सपर्ट की माने तो निर्माण शुरु करने से पहले और निर्माण पुरा होने के बाद उसे चालू करने के लिए पीसीबी की अनुमति अनिवार्य है। ऐसे में तो इंटरनेशनल एयरपोर्ट अपनी पहली इंटरनेशनल उड़ान से पहले सील हो सकता है।
पहले भी प्रोजेक्ट में सामने आ चुकी है अफसरों की लापरवाही
एयरपोर्ट प्राजेक्ट से जुड़े अफसर इंटरनेशनल मानकों को लेकर एयरपोर्ट का प्रारुप बना पाने में पूरी तरह सफल नहीं हो पा रहे हैं। दमकल कक्ष की व्यवस्था हो या एयरपोर्ट पर जारी निर्माण के दौरान पैसेंजर के लिए बनाए जा रहे टर्मिनल निर्माण का मामला हो। निर्माण में कई फेरबदल करने पड़े हैं। एयरपोर्ट की नवनिर्मित बिङ्क्षल्डग में भी तोडफ़ोड कर परिवर्तन करने पड़े। यानि प्राजेक्ट की शुरुआत में ही बार-बार बदलाव हो रहे हैं। यानि कागज पर बनाए जा रहे प्रारुप पर अंतिम निर्णय नहीं लिए जा सके है।
सीएम और विधायक लगातार प्रोजेक्ट सिरे चढ़ाने में प्रयासरत
प्रोजेक्ट सिरे चढ़ाने के लिए सीएम मनोहर लाल और स्थानीय विधायक डा. कमल गुप्ता लगातार प्रयासरत हैं। सीएम ने 5 अप्रैल 2016 और 4 अगस्त 2016 को रक्षा मंत्रालय से आग्रह किया कि ङ्क्षहदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के तत्वावधान में हिसार को इंडियन एयरफोर्स के फाइटर एयरक्राफ्ट और इंडियन आर्मी के हेलिकॉप्टर का उत्तर भारत का एमआरओ हब विकसित किया जाए। इस पर विचार विमर्श जारी है। उधर अफसरों की एयरपोर्ट प्राजेक्ट पर लगातार चूक जारी है।
जानिए संबंधित अफसरों के जवाब
एविएशन हब के एएस से जब एनओसी के बारे में जानकारी लेना चाहा तो उन्होंने इस जवाब देने से दूरी बनाए रखी और चुप्पी साध गए।
--इस बारे में बीएंडआर विभाग के एक्सईएन बीएस खोखर से बात की तो उन्होंने कहा कि मैं यहां से ट्रासफर हो चुका हूं। मैंने कोई एनओसी नहीं देखी। इस बारे में मौजूद अधिकारी ही बता सकते हैं। उधर नाम न छापने की शर्त पर बीएंडआर के एक अधिकारी ने बताया कि इस बारे में पूर्व में बैठक में चर्चा अवश्य हुई थी। लेकिन एनओसी के बार में हमें जानकारी नहीं है।
--मैंने कुछ समय पहले ही पीसीबी हिसार में क्षेत्रीय अधिकारी का पदभार संभाला है। मेरे सामने एनओसी के संबंध में कोई रिपोर्ट नहीं आई। मुझ से पहले एनओसी ली गई होगी इस बारे में दस्तावेज देखे बिना फिलहाल कुछ नहीं कह सकता हूं।
- राकेश भौंसले, क्षेत्रीय अधिकारी, पीसीबी हिसार।
--एयरपोर्ट के तीसरे फेज में एनओसी के लिए अप्लाई किया हुआ है। विस्तार के कार्य के लिए अनुमति की जरुरी नहीं होती है।
- अशोक कुमार मीणा, हिसार।