जब गणित के प्रोफेसर को चुनाव लड़ने के लिए दिया था ऑफर, बने सांसद और विधायक
विधायक और सांसद बनने वाले प्रोफेसर शेर सिंह ने ठुकरा दिया था ऑफर। बेरी से दो दफा के विधायक ओम प्रकाश बेरी ने बड़े भाई शेर सिंह के राजनीति में आने के घटनाक्रम को किया साझा
झज्जर [अमित पोपली] रोहतक स्थित जाट कॉलेज में गणित पढ़ाने वाले प्रोफेसर को स्वतंत्र भारत में संयुक्त पंजाब की एक विधानसभा से जब पहली दफा चुनाव लड़ने के लिए ऑफर दिया गया तो उन्होंने चुनाव लड़ने से ही मना कर दिया था।
कहा कि उन्हें अपने मौजूदा काम में बड़ा मजा आ रहा है। दरअसल, हम बात कर रहे हैं प्रोफेसर शेर सिंह के बारे में। जो कि संयुक्त पंजाब के समय में उप-मुख्यमंत्री भी बनें और सांसद बनने के बाद झज्जर से पहले केंद्रीय मंत्री भी। सत्ता के शीर्ष तक पहुंचने वाले प्रोफेसर शेर सिंह के छोटे भाई एवं बेरी से 1982 तथा 1991 में विधायक बनने वाले ओम प्रकाश कादियान ने किस्से के बारे में बताया कि महान स्वतंत्रता सेनानी पं. श्री राम शर्मा के निर्देश पर एक प्रतिनिधि जाट कॉलेज में पढ़ाने वाले प्रोफैसर के पास चुनाव लड़ने का ऑफर लेकर गए थे।
ऐसा विषय एकाएक सामने आने के बाद उन्होंने बड़ी सादगी से मना करते हुए कहा कि वे अध्यापन से जुड़े कार्य को ज्यादा पसंद करते हैं, इसलिए चुनावी मैदान में कूदने की कोई ईच्छा नहीं है। बाद में जब उनकी मुलाकात पं. श्री राम शर्मा के साथ हुई तो उन्होंने कहा कि हमें राजनीति में ऐसे आदर्श लोगों को उतारना है जो समाज के प्रति हटकर करने की भावना मन में रखते है।
बेशक ही आप चुनाव में नहीं उतरना चाहते, लेकिन हम आपको उतारना चाहते हैं। पुराने दौर की इस बात की वर्तमान समय से तुलना करते हुए पूर्व विधायक ने कहा कि पहले के दौर में परिवार, समाज के प्रति सेवा-भाव एवं किए गए कार्यों के आधार पर मौका मिला था। लेकिन अब धन-बल दिखाने वाले अन्य लोगों से कहीं ना कहीं आगे निकल जाते है। जो कि राजनीति के लिए अच्छा संदेश नहीं है।