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किसान आंदोलन में कम हो रही है किसानों की संख्या, फसलों की बिजाई के बाद पंजाब से बढ़ सकती है आवाजाही

सीमाओं पर चल रहे आंदोलन के बीच दिल्ली के बार्डरों पर किसानों की संख्या अब कम हो रही है। फिलहाल खरीफ सीजन की फसलों की कटाई चल रही है और रबी सीजन की बिजाई का मौसम है। ऐसे में एक तरफ घर और खेत का कार्य निपटाना है

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 27 Oct 2021 07:57 AM (IST)Updated: Wed, 27 Oct 2021 07:57 AM (IST)
किसान आंदोलन में कम हो रही है किसानों की संख्या, फसलों की बिजाई के बाद पंजाब से बढ़ सकती है आवाजाही
किसान आंदोलन अब 12वें महीने में प्रवेश कर चुका है, भीड़ कम होती जा रही है

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन के बीच दिल्ली के बार्डरों पर किसानों की संख्या अब कम हो रही है। फिलहाल खरीफ सीजन की फसलों की कटाई चल रही है और रबी सीजन की बिजाई का मौसम है। ऐसे में एक तरफ घर और खेत का कार्य निपटाना है तो दूसरी तरफ आंदोलन को भी जारी रखना है, लेकिन लंबे समय से जारी इस संघर्ष में डटे रहना अब किसानों के लिए भी मुश्किल होता जा रहा है। दिक्कत यह है कि फसल का कार्य कैसे छोड़ें।

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आंदोलन अब 12वें महीने में प्रवेश कर चुका है। यह इतना लंबा चलेगा इसका अंदाजा किसानों को भी नहीं था। शुरूआत में तो वे छह महीने का राशन लेकर आने की बात कह रहे थे, लेकिन अब तो एक महीने बाद इस आंदोलन को साल पूरा होने जा रहा है। मगर अब किसानों की संख्या यहां पहले के मुकाबले 60 फीसद से भी ज्यादा कम हो चुकी है। आंदोलन तो अभी भी लगभग 15 किलोमीटर तक फैला हुआ है, लेकिन इसमें लगाए गए तंबुओं में किसानों की संख्या अब लगातार कम हो रही है। हालांकि आंदोलनकारी दावा कर रहे हैं कि फसल का कार्य निपटने के बाद पंजाब से जत्थे आएंगे। अब ठंड का मौसम आ चुका है।

पिछले साल ठंड की शुरूआत पर ही किसानों ने यहां पर डेरा डाला था। पहले ठंड का मौसम बिताया, फिर गर्मी और उसके बाद बारिश। अब फिर से ठंड आ चुकी है और हालात जिस तरह के बने हुए हैं, उसमें यह आंदोलन और ज्यादा लंबा खिंचता नजर आ रहा है। दिल्ली के प्रमुख बार्डर बंद होने से नुकसान तो हो रहा है, लेकिन सरकार द्वारा अब दिल्ली जाने-आने के लिए वैकल्पिक रास्तों को दुरुस्त करने पर जोर दिया जा रहा है ताकि दूसरे रास्तों के जरिये दिल्ली में आवाजाही आसान हो सके और लोगों को किसी तरह की परेशानी न आए।


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