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अब सेटेलाइट से पता चलेगा कहां कम या खराब हो रही वनस्पति और फसल

अमित धवन, हिसार प्रदेश में वनस्पति व फसल पर मॉनिट¨रग करना आसान हो जाएगा। फसल कम हुई या ज्यादा यह स

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Jun 2018 11:31 AM (IST)Updated: Mon, 11 Jun 2018 11:31 AM (IST)
अब सेटेलाइट से पता चलेगा कहां कम या खराब हो रही वनस्पति और फसल
अब सेटेलाइट से पता चलेगा कहां कम या खराब हो रही वनस्पति और फसल

अमित धवन, हिसार

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प्रदेश में वनस्पति व फसल पर मॉनिट¨रग करना आसान हो जाएगा। फसल कम हुई या ज्यादा यह सब अधिकारी देख सकेंगे। पांच-पांच दिन का डाटा हरियाणा स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (हरसैक) के जियो पोर्टल पर डाला जा रहा है। उसको घर बैठ कर भी व्यक्ति देख सकता है। यह प्रोजेक्ट हरसैक ने इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन (इसरो) के साथ मिलकर शुरू किया गया है। इससे प्रदेश के कृषि, ¨सचाई, वन विभाग आदि कई विभाग के अधिकारियों व रिसर्च के विद्यार्थियों को फायदा होगा।

प्रदेश के किसान कई फसलों को बारी-बारी से उगाते हैं। उसमें काफी फसल खराब भी हो जाती हैं। साल दर साल इसका आंकड़ा काफी अलग होता है। फसल में कहां बीमारी आई इसका आंकड़ा काफी कृषि वैज्ञानिकों को सही ढंग से नहीं मिल पाता है। हरसैक व इसरो ने मिलकर जनता के हित में प्रोजेक्ट शुरू किया और प्रदेश में उग रही फसलों पर सेटेलाइट से नजर रखनी शुरू की। इसमें तीन ¨बदु बनाए गए हैं, जिसमें हरा, लाल और पीला संकेत रखा गया है। यदि जमीन पर फसल सही है तो वह मैप पर भूमि को पूरी तरह से हरा दिखाएगा। यदि पीला या लाल है तो उसमें कुछ गड़बड़ है। उससे कृषि वैज्ञानिक व सरकार उसको देखकर वहां समय रहते फसल में आने वाली बीमारी या फसल कम होने के कारणों का पता लगा सकेगी।

हरसैक के जियो पोर्टल पर पांच-पांच दिन का डाटा अपलोड किया जा रहा है। पिछले साल के आकड़ें भी इस पर मौजूद होंगे, जिसमें यह स्पष्ट होगा उस किसान की जमीन पर पिछले साल कौन सी व कितनी फसल हुई थी। इसरो के साथ मिलकर वनस्पतियां और फसल को मॉनिटर किया जा रहा है। पांच-पांच दिन का डाटा जियो पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है। इससे कई विभाग के अधिकारियों को फायदा होगा।

- डा. आरएस हुड्डा, मुख्य वैज्ञानिक, हरसैक


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