हिसार में कोरोना को हरा चुका युवक दोबारा संक्रमित, तीन महीने बाद फिर से रिपोर्ट आई पॉजिटिव
कोरोना को मात दे चुका सिविल अस्पताल में लैब टेक्नीशियन दोबारा संक्रमित हो गया है। जिले में ऐसा पहला मामला है जब कोई दोबारा कोरोना संक्रमित हुआ हो। इससे यह भ्रम भी टूट गया कि एक बार एंटीबॉडी बनने के बाद दोबारा संक्रमित नहीं हो सकते।
हिसार [सुभाष चंद्र] आमतौर पर धारणा है कि एक बार संक्रमित हो चुका व्यक्ति दोबारा संक्रमित नहीं होता। मगर ऐसा नहीं है हिसा जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 13 हजार को पार कर चुकी है। अभी तक किसी के दोबारा संक्रमित होने की बात सामने नहीं आई थी, लेकिन कोरोना को मात दे चुका सिविल अस्पताल में लैब टेक्नीशियन दोबारा संक्रमित हो गया है। जिले में ऐसा पहला मामला है, जब कोई दोबारा कोरोना संक्रमित हुआ हो। इससे यह भ्रम भी टूट गया कि एक बार एंटीबॉडी बनने के बाद दोबारा संक्रमित नहीं हो सकते।
इससे पहले लैब टेक्नीशियन जुलाई में कोरोना पॉजिटिव हुआ था। सिविल अस्पताल में ही एक लैब टेक्नीशियन के संक्रमित पाए जाने पर उसने 24 जुलाई को सैंपल करवाया था। इसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। उस दौरान उसके शरीर में कोरोना का कोई लक्षण नहीं था। इस बार उसने 13 नवंबर को सैंपल करवाया था। 16 को रिपोर्ट आई तो वह दोबारा पॉजिटिव मिला। संक्रमित युवक ने बताया कि इस बार उसके शरीर और जोड़ों में बहुत अधिक दर्द महसूस हो रहा था। फिर लगातार तीन दिन बुखार हुआ तो उसने सैंपल करवाया। हालांकि संक्रमित होने के बाद ठीक हुए व्यक्ति में तीन महीने तक एंटीबॉडी काम करती है। मगर इसके बाद वायरस फिर से अपनी चपेट में ले सकता है।
सीरो सर्वे में मिल थी मरीज के शरीर में एंटीबॉडी
वहीं सीरो सर्वे में उपरोक्त मरीज के सीरो सर्वे में एंटीबॉडी मिली थी। सर्वे के दूसरे चरण में शामिल हुए लेब टेक्नीशियन के शरीर में एंटीबॉडी 1.72 फीसद पाई गई थी। हालांकि यह एंटीबॉडी टेस्ट संक्रमित होने के चार महीने बाद करवाया गया।