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एक गांव जहां नहीं है कोई मोबाइल टावर, लैंडलाइन की सुविधा भी नहीं

रूपाणा गांव में किसी प्राइवेट मोबाइल कंपनी के टावर भी नहीं लगे होने से लोगों के पास रखा मोबाइल खिलौने बन कर रह गया है। यहां मेक इन इंडिया जैसे दावे पूरी तरह बेकार साबित हो रहे है।

By Edited By: Published: Sat, 06 Apr 2019 07:00 AM (IST)Updated: Sun, 07 Apr 2019 11:42 AM (IST)
एक गांव जहां नहीं है कोई मोबाइल टावर, लैंडलाइन की सुविधा भी नहीं
एक गांव जहां नहीं है कोई मोबाइल टावर, लैंडलाइन की सुविधा भी नहीं

सिवानीमंडी [सुभाष पंवार] भारत संचार निगम आज भी गांव रूपाणा में संचार सुविधा मुहैया नहीं करवा पाया है। इससे गांव के लोगों आज भी लैंड लाइन फोन व ब्रॉडबैंड जैसी सुविधाओं के लिए तरसना पड़ रहा है। यही नहीं गांव में किसी प्राइवेट मोबाइल कंपनी के टावर भी नहीं लगे है। गांव के लोगों के पास मोबाइल तो है, लेकिन वो भी अधिकतर समय खिलौने ही बने रहते हैं। रूपाणा गांव के लोगों के लिए मेक इन इंडिया जैसे दावे पूरी तरह बेकार साबित हो रहे हैं। क्योंकि भारत संचार निगम आज तक गांव में लैंड लाइन सेवा और न ही मोबाइल टावर लगा पाया है।
वर्षो पहले संचार निगम ने करीब सभी गांवों में लैंडलाइन की लाइन बिछाने का काम किया था। मगर इस गांव में लैंड लाइन का काम भी नहीं हुआ और ये गांव संचार सुविधा से वंचित रह गया। इस गांव पर अभी तक निजी कंपनियों की नजर भी नही पड़ी है। गांव में किसी भी कंपनी के मोबाइल की रेंज न होने से अपने मोबाइल फोन का प्रयोग अपने घरों की छत पर या गांव से बाहर एक-दो किलोमीटर दूर जाकर प्रयोग करते है, तभी वो इस सुविधा का लाभ ले पाते है।

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पीएम योजना का भी नही मिल पाया लाभ देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सभी ग्राम पंचायतों को दिलवाई जाने वाली संचार निगम की फाइबर लाइन सुविधा का भी गांव को कोई लाभ नही मिल पाया है। हालांकि बीएसएनएल के अधिकारी नन्द कुमार कहते है कि फाइबर लाइन शुरू है।

वहीं सरपंच प्रतिनिधि का कहना है कि फाइबर लाइन आज तक शुरू नही हुई है। संचार सुविधा ना मिलने से ग्रामीण नाराज गांव के राकेश कुमार वर्मा सहित अनेक युवाओं का कहना है कि आज के युग में गांव में संचार सुविधा का ना होना इस बात को दर्शाता है कि संचार निगम अपने कार्य के प्रति चिंतित नही है या फिर संचार निगम दूसरे निजी कंपनियों को लाभ देने के लिए बाट जोह रहा है। लोगों को नेट जैसी सुविधा या फोन का प्रयोग करने के लिए गांव से दो तीन किलो मीटर जाना पड़ता है ताकि किसी साथ लगते गांव के टावर से वो बात कर सके।
सरपंच प्रतिनिधि पवन कुमार ने बताया कि गांव में शुरू से ही लैंडलाइन जैसी सुविधा नही है और ना ही बीएसएनएल ने कोई टावर लगाया ताकि उसका लाभ ग्रामीण ले लेते। बीएसएनएल की फाइबर लाइन आज तक शुरू नहीं हुई है। गांव में किसी कम्पनी का कोई टावर भी नही है ऐसे में ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है।


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