Move to Jagran APP

बिना जिग जैग वाले ईंट-भट्ठे होंगे बंद, चार को बंद का नोटिस भेजने की तैयारी

जांच रिपोर्ट बनाकर उपायुक्त को दी जाएगी जो नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में भेजेंगे। एनजीटी की तरफ से नॉन NCR क्षेत्र में बिना जिग जैग वाले ईंट भट्ठों को बंद करने के आदेश दिए थे

By Edited By: Published: Sun, 03 Mar 2019 02:05 AM (IST)Updated: Sun, 03 Mar 2019 03:01 AM (IST)
बिना जिग जैग वाले ईंट-भट्ठे होंगे बंद, चार को बंद का नोटिस भेजने की तैयारी
बिना जिग जैग वाले ईंट-भट्ठे होंगे बंद, चार को बंद का नोटिस भेजने की तैयारी

हिसार, जेएनएन। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले ईंट भट्ठों पर कार्रवाई शुरू हो गई है। बिना जिगजैग तकनीक के चल रहे ईंट भट्ठों पर पर्यावरण विभाग, जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक अधिकारी एवं तहसीलदार की संयुक्त टीम ने जांच करने पहुंची। टीम ने लाडवा, सुलतानपुर और भगाना में छह भट्ठों की जांच की, जिसमें चार भट्ठे चल रहे थे और दो बंद थे। चारों भट्ठों में रबड़-प्लास्टिक जलाकर काम हो रहा था। पर्यावरण विभाग की तरफ से 13 साल बाद कदम बढ़ाने के बाद अब इनको बंद करने की कार्रवाई की जाएगी।

loksabha election banner

टीम की तरफ से जांच रिपोर्ट बनाकर उपायुक्त को दी जाएगी जो नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में भेजेंगे। एनजीटी की तरफ से नॉन एनसीआर क्षेत्र में बिना जिग जैग वाले ईंट भट्ठों को बंद करने के आदेश दिए थे। इसको लेकर सरकार को समय देते हुए जल्द से जल्द रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने तीन दिन पहले इसको लेकर बैठक की थी और पर्यावरण विभाग, जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक अधिकारी, तहसीलदार की एक संयुक्त बनाई। यह टीम सभी ईंट भट्ठों की जांच करेगी। इसमें यदि कोई ईंट भट्ठा बिना नई तकनीक के चलते हुए मिलेगा उसकी रिपोर्ट बनाकर देंगे और उस पर कार्रवाई करेंगे।

टीम ने कराई वीडियोग्राफी
शनिवार को जांच टीम ने कार्रवाई शुरू की और तीन गांव में भट्ठों की जांच की। छह भट्ठों की जांच में चार भट्ठे चलते हुए मिले। दो भट्ठे बंद थे। इससे काला धुआं बाहर निकल कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा था। जांच टीम की तरफ से इनकी वीडियोग्राफी भी करवाई गई है। जिले में 200 से ज्यादा भट्ठे जिले में 200 से ज्यादा ईंट भट्ठे हैं। इसमें करीब 60 भट्ठा मालिकों ने जिग जैग तकनीक लगाई है। इस तकनीक का फायदा यह है कि वायु प्रदूषण को सबसे नुकसान पहुंचाने वाली जहरीली गैस चिमनी से बाहर नहीं आती। सफेद धुआं बाहर आता है।

जिग जैग में सीढ़ी नुमा चिमनी बनाई जाती है। नई तकनीक में सिर्फ कोयले का प्रयोग किया जा सकता है। वायु प्रदूषण करने पर होंगे बंद प्रदूषण विभाग को भी तक किसी भी भट्ठे को जांच करने की इजाजत नहीं थी। 2005 में उनकी जांच की शक्ति छीन ली गई थी। अब एनजीटी के आदेश पर 13 साल बाद विभाग ने जांच शुरू की है। इसके तहत बिना जिग जैग के चल रहे चार भट्ठों को बंद करने का नोटिस दिया जाएगा और उनको बंद करवाया जाएगा। इसके अलावा पर्यावरण कोर्ट में भी उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकता है। एनजीटी को जानी है रिपोर्ट जांच टीम की तरफ से चल रही जांच की वीडियोग्राफी भी करवाई जा रही है। इसकी पूरी रिपोर्ट बनाकर टीम उपायुक्त को देगी। उसके बाद वह एनजीटी को रिपोर्ट जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.