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दवा से लेकर फल-सब्जी तक की अवैध वसूली से जनता परेशान, शिकायत के बावजूद प्रशासन ने नहीं लिया संज्ञान

जागरण संवाददाता हिसार मॉल कॉलोनी स्थित एक मेडिकल स्टोर से नगर निगम के एक माली ने पां

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 May 2021 11:44 PM (IST)Updated: Tue, 11 May 2021 11:44 PM (IST)
दवा से लेकर फल-सब्जी तक की अवैध वसूली से जनता परेशान, शिकायत के बावजूद प्रशासन ने नहीं लिया संज्ञान
दवा से लेकर फल-सब्जी तक की अवैध वसूली से जनता परेशान, शिकायत के बावजूद प्रशासन ने नहीं लिया संज्ञान

जागरण संवाददाता, हिसार : मॉल कॉलोनी स्थित एक मेडिकल स्टोर से नगर निगम के एक माली ने पांच मई को बुखार होने पर कोरोना से संबंधित दवा लेने गया। मेडिकल स्टोर संचालक ने कहा दवा तो है, लेकिन प्रिट रेट से 70 रुपये अधिक लूंगा। कर्मचारी बोला बिल कितने का दोगे तो संचालक बोला प्रिट रेट का। दवा लेनी है तो लो नहीं तो रहने दो। कर्मचारी ने कहा मुझे दवा की जरुरत थी इसलिए 330 रुपये की दवा के 400 रुपये देने पड़े, लेकिन दिल में अधिक राशि भुगतान का गुस्सा था तो छह मई को प्रशासनिक नंबर पर कॉल कर मेडिकल स्टोर संचालक की शिकायत की। शिकायत किए छह दिन बीत चुके हैं लेकिन शिकायतकर्ता को आज तक नहीं पता कि कार्रवाई हुई या नहीं। शिकायतकर्ता की मानें तो आज तक प्रशासन ने अवैध वसूली करवाने वाले पर कोई कार्रवाई नहीं की। यह कहना केवल अकेले एक निगम कर्मचारी की नहीं है बल्कि ऐसे बहुत से लोग है दवा से लेकर फल-सब्जी तक अवैध वसूली के शिकार हो रहे है और प्रशासन कार्रवाई के नाम पर केवल औपचारिकताएं कर रहा है। ऐसे में निगम कर्मी से लेकर शहरवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि प्रशासन अवैध वसूली करने वालों पर सख्ती दिखाए।

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फल-सब्जी रेट फिक्स, फिर भी नहीं रेट दो से तीन गुणा

मार्केट कमेटी (हरियाणा राज्य कृषि विपणन मंडल) ने फल और सब्जी के रेट भले ही फिक्स कर दिए हो लेकिन शहर में रेहड़ी संचालक अपनी मनमर्जी के रेट वसूल रहे है। यहीं कारण है कि जनता को फल व सब्जियों के रेट दोगुना या इससे भी अधिक भुगतने पड़ रहे है। इसका उदाहरण दिल्ली रोड पर लगने वाली रेहड़ियों से लेकर शहर के अंदरुनी हिस्से में सब्जी या फल बेचने वालों से सामान खरीदकर आम देखा जा सकता है। इस बारे में जब एक सब्जी विक्रेता से बातचीत की तो उसने नाम पर छापने की शर्त पर कहा साहब रेट फिक्स तो कर दिया लेकिन उस रेट में सामान लाकर तो दिखाओ मैं उससे कम रेट में दे दूंगा। सब कहने के लिए कोई व्यवस्था करके दिखाए तो जरा। गली में फिरने वाले उस रेहड़ी संचालक की बात सब साबित हो रही है। यहीं कारण है कि लोग जरुरत से अधिक दामों की फल सब्जियों के रेट के कारण अपने परिवार के सदस्यों के लिए पर्याप्त फल-फ्रूट तक नहीं खरीद पाते।

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कोरोना के मुश्किल दौर में प्रशासन रेहड़ी संचालकों से बातचीत कर ऐसी व्यवस्था करवाए कि रेहड़ी संचालक भी अपनी रोजी रोटी के लिए राशि कमा सके और जनता को उचित दामों पर फल व सब्जी मिल सके। इसके अलावा दवा के प्रिट रेट से अधिक राशि लेकर कोई न बेचे इसके लिए प्रशासन उचित कदम उठाए। ताकि जनता से अवैध वसूली न हो सके।

- अनिल जैन, पार्षद एवं सदस्य, सब कमेटी (फाइसेंस, कांट्रेक्ट एंड परचेज), नगर निगम हिसार।


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