ग्रामीण क्षेत्र में कृषि आधारित लघु उद्योग स्थापित करने की आवश्यकता : प्रो. समर
ोरोना महामारी की वजह से बेरोजगारी बढ़ी है क्योंकि इस संकट की घड़ी में लोगों को मजबूरीवश से शहर छोड़कर गांव की ओर पलायन करना पड़ रहा है। ऐसे समय में कृषि से जुड़े ग्रामीण इलाकों में छोटे उद्योग स्थापित करने की आवश्यकता है ताकि देहात में रोजगार मिल सके। बागवानी में विविधीकरण के रूप में मशरूम एक ऐसा ही व्यवसाय है जो कम पैसे से शुरू किया जा सकता है।
जागरण संवाददाता, हिसार : करनाल स्थित महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय ने बुधवार से तीन दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण शिविर शुरू हुआ। इसमें चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. समर सिंह बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से बेरोजगारी बढ़ी है, क्योंकि इस संकट की घड़ी में लोगों को मजबूरीवश से शहर छोड़कर गांव की ओर पलायन करना पड़ रहा है। ऐसे समय में कृषि से जुड़े ग्रामीण इलाकों में छोटे उद्योग स्थापित करने की आवश्यकता है, ताकि देहात में रोजगार मिल सके। बागवानी में विविधीकरण के रूप में मशरूम एक ऐसा ही व्यवसाय है, जो कम पैसे से शुरू किया जा सकता है। सफल होने पर मशरूम उत्पादन को किसी भी स्तर पर बढ़ाया जा सकता हैं।
प्रो. समर सिंह ने कहा कि मशरूम खाने में स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है। साथ ही पोषण से भरपूर है। इसलिए मौजूदा समय में मशरूम को एक टेबल फूड बनाने की जरूरत है, ताकि घर-घर तक इसका उपयोग हो सके। इस ऑनलाइन प्रशिक्षण में पंजाब, हरियाणा व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के युवा व किसान भाग ले रहे हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय खुंब अनुसंधान केंद्र मुरथल की ओर से राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के तहत खुंब उत्पादन, प्रोसेसिग व विपणन को लेकर आयोजित किया जा रहा है। इसमें अनुसंधान निदेशक डा. रमेश गोयल, कुलसचिव डा. अजय सिंह व विस्तार शिक्षा निदेशक डा. विजय अरोड़ा उपस्थित रहे।