Navratri/ सर्वार्थ सिद्धि व अमृत सिद्धि योग में होगा नवरात्रि का आंरभ, जानें कब करें कलश स्थापना
शारदीय नवरात्रि की शुरुआत रविवार 29 सितंबर से हो जाएगी। नवरात्र में पूरे नौ दिनों तक मां दुर्गा की आराधना की जाएगी। इस बार किसी भी तिथि की क्षय नहीं है। दसवें दिन विजयादशमी होगी।
हिसार, जेएनएनन। शारदीय नवरात्रि की शुरुआत रविवार 29 सितंबर से हो जाएगी। नवरात्रि में पूरे नौ दिनों तक मां दुर्गा की आराधना की जाएगी। इस बार किसी भी तिथि की क्षय नहीं है। दसवें दिन विजयादशमी होगी। इधर, नवरात्रि एवं रामलीला को लेकर शहर में तैयारियां जोरों पर हैं। जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण आंचल में होने वाले आयोजनों को स्तरीय बनाने के लिए अभी से कलाकार अपनी मेहनत में जुट गए है।
शहर में स्थित माता के मंदिरों में नवरात्रि को लेकर तैयारियों जोरों पर हैं। बाजारों में भी अलग-अलग भांति के उत्पाद आने लगे हैं। माता के श्रृंगार से लेकर अन्य तरह की चीजें सभी को लुभा रही हैं। किस समय पर करें कलश स्थापना, कैसा है इस बार योग, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर......
ज्योतिषाचार्य पं. वीरेंद्र शर्मा के अनुसार इस बार शारदीय नवरात्रि कई वर्षों के बाद शुभ संयोगों को लेकर आ रहा है। सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग का संयोग बना है। इससे दुर्गा मां की आराधना बेहद ही शुभ फलदायी होगी। इस दौरान दो सोमवार पडऩे से चंद्रसूचक योग भी बन रहा है। भगवान शिव और मां गौरी की भी कृपा बरसेगी।
बृहस्पति और चंद्रमा के ग्रहों से प्रभावित लोगों के लिए देवी की पूजा अति फलदायी रहेगी। रविवार को सुबह 11:36 से 12:24 के बीच कलश की स्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त है। दोपहर 11:45 तक वृश्चिक लग्न में गुरु ग्रह की उत्तम स्थिति है। इस तरह सुबह 11 से 12 बजे के बीच कलश स्थापना के लिए उत्तम समय है। इसमें तिथि की शुभता, गुरु ग्रह की अनुकूलता और अभिजीत मुहूर्त की उत्तम स्थिति है। यह आध्यात्मिक भाव आनंद और शुभता के जागरण के लिए उत्तम स्थिति है।