कम लागत में अधिक मुनाफा देता है मशरूम : प्रो. समर सिंह
प्रो. समर सिंह ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रतिभागी अधिक से अधिक लाभ उठाएं और अपनी समस्याओं का समाधान भी विज्ञानियों से प्राप्त करें। साथ ही मशरूम के उत्पादन विपणन व भंडारण बारे में भी अधिक से अधिक जानकारी हासिल कर स्वरोजगार स्थापित करें।
जागरण संवाददाता, हिसार : बागवानी में विविधिकरण के रूप में मशरूम एक ऐसा व्यवसाय है, जो कम धन से शुरू किया जा सकता है और सफल होने पर मशरूम उत्पादन को किसी भी स्तर पर बढ़ाया जा सकता हैं। यह बात चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. समर सिंह ने कही।
वह महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय करनाल के क्षेत्रीय खुंभ अनुसंधान केंद्र मुरथल की ओर से राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के तहत आयोजित तीन दिवसीय आनलाइन प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर प्रतिभागियों को बतौर मुख्यातिथि ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे। यह प्रशिक्षण शिविर खुंभ उत्पादन, प्रोसेसिग व विपणन को लेकर आयोजित किया गया।
प्रो. समर सिंह ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रतिभागी अधिक से अधिक लाभ उठाएं और अपनी समस्याओं का समाधान भी विज्ञानियों से प्राप्त करें। साथ ही मशरूम के उत्पादन, विपणन व भंडारण बारे में भी अधिक से अधिक जानकारी हासिल कर स्वरोजगार स्थापित करें। महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय (एमएचयू) करनाल के कुलसचिव डा. अजय सिंह ने कुलपति का स्वागत किया। प्रशिक्षण के प्रतिभागियों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पर बधाई दी।
मशरूम को टेबल फूड बनाने की जरूरत
प्रोफेसर समर सिंह ने कहा कि मशरूम खाने में स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है तथा पोषण से भरपूर है। इसलिए मौजूदा समय में मशरूम को एक टेबल फूड बनाने की जरूरत है, ताकि घर-घर तक इसका उपयोग हो सके। इसके अनेक प्रकार के व्यंजन व इसको परिक्षित भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में अभी इसका उपयोग प्रति व्यक्ति बहुत कम है, जबकि नीदरलैंड व चीन में इसका उपयोग बहुत ज्यादा है। उन्होंने प्रतिभागियों से आह्वान किया कि वे वर्तमान समय में विकसित नई प्रजातियों की जानकारी हासिल कर इस क्षेत्र में व्यवसाय स्थापित करें।
देशभर से 87 प्रतिभागी हुए शामिल
एमएचयू के अनुसंधान निदेशक डा. रमेश गोयल ने बताया कि इस प्रशिक्षण शिविर में देशभर से 87 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इनमें पंजाब, हरियाणा व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विद्यार्थी, युवा, किसान एवं उद्यमी शामिल थे। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के मशरूम अनुसंधान निदेशालय, सोलन के वरिष्ठ विज्ञानियों डा. वीपी शर्मा, डा. श्वेत कमल, डा. सुधीर, डा. अनुपम, एनआइएफटीईमए, सोनीपत के विज्ञानियों डा. अनुराग, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के उपनिदेशक डा. सुरेंद्र सिंह व पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना के विज्ञानी डा. शिवानी ने मशरूम से जुड़े विभिन्न विषयों पर अपने व्याख्यानों से प्रतिभागियों को अवगत करवाया। इसके अलावा प्रतिभागियों को मशरूम उद्योग, उसके उत्पादन, नई तकनीक, नई प्रजातियों, मशरूम फार्म डिजाइन आदि के बारे में बेहतरीन ढंग से जानकारी मुहैया करवाई गई। गौरतलब है कि प्रो. समर सिंह महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय करनाल के वीसी भी हैं।