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Murder in Bahadurgarh: फाइनेंसर की हत्या, वारदात के पीछे पुरानी रंजिश का शक, मृतक पर भी दर्ज हैं कई मामले

जिस तरह से इंद्रजीत की हत्या की गई उससे शक है कि उसकी लोकेशन दी गई। तभी हमलावर वहां बाइक से पहुंचे और इंद्रजीत को छलनी कर दिया। पोस्टमार्टम में उसके शरीर पर आठ गाेलियों के निशान मिले हैं। पुलिस ने बताया कि इंद्रजीत की प्रवृत्ति भी आपराधिक रही है।

By Naveen DalalEdited By: Published: Tue, 12 Oct 2021 06:40 PM (IST)Updated: Tue, 12 Oct 2021 06:40 PM (IST)
डाबौदा खुर्द के फाइनेंसर की गोली मारकर हत्या मामले में अभी कोई सुराग नहीं मिला

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। डाबौदा खुर्द के फाइनेंसर एवं प्रापर्टी डीलर इंद्रजीत की रोहद गांव में गोलियों से छलनी करके हत्या किए जाने के मामले में अभी कोई सुराग नहीं मिला है। पुलिस ने अज्ञात हमलावरों पर केस दर्ज किया है। वारदात के पीछे पुरानी रंजिश होने का शक है। मृतक के खिलाफ भी कई मामले दर्ज हैं। वह दिल्ली पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए गैंगस्टर का साथी रहा है। मंगलवार को पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव वारिसों को सौंप दिया। मृतक इंद्रजीत उर्फ शोकड़ के भाई प्रदीप के बयान पर पुलिस ने बाइक सवार तीन अज्ञात हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

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पुलिस ने यह दर्ज किया मामला 

शिकायतकर्ता प्रदीप ने बताया कि उसका भाई इंद्रजीत फिलहाल दिल्ली के बक्करवारा में पत्नी व बच्चों के साथ रहता था और महीने में एक-दो बार गांव आता था। रविवार 10 अक्टूबर को इंद्रजीत शाम को मेट्रो से बहादुरगढ़ आया था। वहां से मेट्रो की पार्किंग से अपनी जीप लेकर लेकर बहादुरगढ़ के आर्य नगर में अमित पुत्र सेठ सिंह के यहां गया था। रात को दोनाें साथ थे और गाड़ी में सो रहे थे। सोमवार सुबह इंद्रजीत, अमित और उनके साथ रवि भी था। तीनों गांव में आए थे। इधर-उधर घूमते रहे। बाद में इन्होंने शराब भी पीयी। इसके बाद इंद्रजीत के साथ राकेश उर्फ बंटी पुत्र हवा सिंह व बिजेंद्र उर्फ मेंढक भी थे।

शाम को राकेश तो उसकी गाड़ी से डाबौदा में ही उतर गया। जबकि बिजेंद्र पहले ही उनके पास से चला गया था। देर शाम को इंद्रजीत, अमित व रवि तीनों जीप में रोहतक-सांपला रोड पर स्थित होटल के बाहर आए थे। अमित गाड़ी चला रहा था। रवि साथ में बैठा था और इंद्रजीत पिछली सीट पर था। साढ़े आठ बजे रवि व अमित तो गाड़ी से उतरकर होटल के काउंटर पर चले गए। जबकि इंद्रजीत गाड़ी में बैठा था। इस बीच बाइक पर तीन युवक आए। गाड़ी से कुछ दूरी पर उन्होंने बाइक रोकी और सीधे ही गाड़ी के पास पहुंचकर इंद्रजीत को कई गोली मार दी। इसके बाद सांपला की तरफ भाग गए। गोलियों की आवाज सुनकर रवि और अमित गाड़ी की तरफ दौड़े। मगर हमलावर हाथ नहीं आए। बाद में वे दोनों उसी गाड़ी में इंद्रजीत को सिविल अस्पताल में लेकर आए। मगर यहां पर इंद्रजीत को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।

इंद्रजीत की लोकेशन लेकर की गई हत्या

जिस तरह से इंद्रजीत की हत्या की गई, उससे शक है कि उसकी लोकेशन दी गई। तभी हमलावर वहां बाइक से पहुंचे और इंद्रजीत को छलनी कर दिया। पोस्टमार्टम में उसके शरीर पर आठ गाेलियों के निशान मिले हैं। पुलिस ने बताया कि इंद्रजीत की प्रवृत्ति भी आपराधिक रही है। अकेले बहादुरगढ़ क्षेत्र में ही उसके खिलाफ पांच मामले दर्ज हैं। इनमें से दो लूट के हैं। जिनमें एक एक मामला बैंक लूट का है। वहीं एक मामला उद्घाेषित ठहराने का है। एक अवैध हथियार का है। पांचवां मामला सरेआम हुड़दंग का है। किसी और क्षेत्र में उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज है या नहीं, इसका पता लगाया जा रहा है। पुलिस ने बताया कि कई साल पहले दिल्ली पुलिस के साथ मुठभेड़ में मार गिराए गए गैंगस्टर नीटू डाबौदिया का भी इंद्रजीत साथी रहा है। हालांकि इंद्रजीत पर बाद में नीटू की ही मुखबिरी का भी आरोप लगा। उसकी हत्या के पीछे कौन है और क्या वजह है, इस पर अभी स्थिति साफ नहीं है, लेकिन इसके पीछे पुरानी रंजिश होने का शक है।

जांच अधिकारी के अनुसार

घटना की जांच की जा रही है। अभी कोई सुराग नहीं मिल पाया है। मृतक पर भी कई मामले दर्ज रहे हैं। उन सभी के बारे में पता लगाया जा रहा है।


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