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पुलिस के हत्‍थे चढ़ा उम्रकैद की सजा के बाद 3 साल पहले फरार हुआ भगौड़ा, 2001 में की थी हत्‍या

आरोपित ने बताया कि उसने 2001 में प्लाट के विवाद में अपने ननिहाल ऐलनाबाद में प्लाट के विवाद में मोहनलाल सेठ की हत्या की थी और उसे इस मामले में 20 साल कैद की सजा हुई थी। 2017 में वह फरार हो गया था

By Manoj KumarEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 04:33 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 04:33 PM (IST)
पुलिस के हत्‍थे चढ़ा उम्रकैद की सजा के बाद 3 साल पहले फरार हुआ भगौड़ा, 2001 में की थी हत्‍या
सिरसा पुलिस ने हत्‍या के दोषी को पकड़ा है

सिरसा, जेएनएन। ऐलनाबाद पुलिस ने वर्ष 2001 में महावीर सेठ की हत्या के दोषी मोहन सिंह उर्फ मोनू को राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया है। अदालत ने वर्ष 2018 में उसे भगौड़ा घोषित कर दिया था और पुलिस तभी से उसे ढूंढ रही थी। आरोपित ने पेशा और नाम बदल लिया। भगौड़ा होने के बाद पीछे लगी पुलिस ने उसे राजस्थान के रावताबादी क्षेत्र से काबू कर लिया है।

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ऐलनाबाद थाना पुलिस के एसआइ जगदीश राय के नेतृत्व में टीम पहले पंजाब में मोहन सिंह के पैतृक गांव दानेवाला जिला फाजिल्का पहुंची। यहां से पुलिस को उसकी बहन के ससुराल की जानकारी मिली और पुलिस इसके बाद राजस्थान पहुंच गई। जहां मोहन लाल के बारे में पता किया तो पता चला कि उसने अपना नाम मोनू रख लिया है। इसके बाद पुलिस ने उस स्थान पर दबिश दी जहां मोनू दिहाड़ी कर रहा था और उसे वहां से काबू कर लिया। पूछताछ में पुलिस के समक्ष बताया कि उसी ने 2001 में प्लाट के विवाद में अपने ननिहाल ऐलनाबाद में प्लाट के विवाद में मोहनलाल सेठ की हत्या की थी और उसे इस मामले में 20 साल कैद की सजा हुई।

हाई कोर्ट से हुई थी जेल, फिर हो गया फरार

एसआइ जगदीश राय ने बताया कि सजा होने के बाद आरोपित पक्ष ने हाई कोर्ट में अपील कर दी। इस अपील के आधार पर जमानत स्वीकार हो गई। 2017 में उसकी अपील खारिज हो गई लेकिन वह इससे पहले ही फरार हो गया। फरवरी 2018 में अदालत ने उसे भगौड़ा घोषित कर दिया। वापस जेल न जाने पर उसके जमानती को जुर्माना भुगतना पड़ा था।

नाम रख लिया मोनू, हलवाई का काम शुरू कर दिया

एसआइ जगदीश राय ने बताया कि जांच में पता चला कि फरार होने के बाद से ही अपना नाम मोहन ङ्क्षसह मोनू रख लिया। पहले अनूपगढ़ गया, फिर घड़साना, मोहनगढ़, पदमपुर व रावला में रहता रहा। आरंभ में तो हिस्से पर जमीन लेकर खेती करना लगा और उसने दूसरी शादी कर ली लेकिन वह उसे छोड़कर चली गई। इसके बाद वह हलवाई का काम करने लगा लेकिन कोरोना के बाद यह काम ठप हो गया और वह आरे पर मजदूरी करने लगा।


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