पार्षदों का वादा नए काम करवाएंगे पूरे, लोग बोले- वार्डो में पहले के काम ही पड़े अधूरे
नगर पालिका चुनाव को लेकर सिवानी में बन रहे नए राजनीतिक समीकरण, वोटरों को लुभाने में जुटे प्रत्याशी, पोलिंग बूथ कर दिए गए हैं निर्धारित
जेएनएन, सिवानी, हिसार :
नगर पालिका के पांच साल के कार्यकाल में वार्ड एक के पार्षद स्व. संजय गोयल व वार्ड दो के पार्षद नरेश केडिया ने बेशक अपने हिसाब से अपने-अपने वार्ड में काम करवाए हो। इसके बावजूद वह पूरी तरह से लोगों को संतुष्ट नहीं कर पाए। नगर पालिका चुनावों की घोषणा होने के साथ ही उम्मीदवारों ने अपने वार्ड में मतदाताओं के घर दस्तक देनी शुरू कर दी है लेकिन वार्ड के लोग पिछले काम से संतुष्ट नजर नहीं है, दोनों वार्डों में आज भी वार्ड के विकास अधूरे पड़े है।
यह कहना है वार्ड प्रतिनिधियों का: वार्ड के एक के मनोनीत पार्षद मोहन लाल गोयल जो वार्ड एक के तत्कालीन पार्षद स्व. संजय गोयल के चाचा है ने बताया कि संजय ने अपने कार्यकाल में वार्ड का विकास करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। वार्ड में गंदे पानी की निकासी का हल करवाने के लिए संजय ने कई बार बीकानेर रेलवे महकमे के चक्कर लगाए उसके बाद रेलवे लाइनों के नीचे से सीवरेज लाइन डालने का काम हुआ। इसके अलावा वार्ड की आर्य कालोनी में सड़कों का जाल बिछवाने काम भी संजय ने बखूबी किया। संजय ने होने पर वह स्वयं इस वार्ड के विकास कार्य में को प्रमुखता दे रहे है। मांगों के अनुरूप नहीं हुआ कार्य:
वार्ड एक में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे सुनील जाजूदा का कहना है कि वार्ड में लोगों की मांग के अनुरूप विकास कार्य नहीं हुआ और जो भी काम हुआ उसके लिए वो भी लगातार अधिकारियों के सम्पर्क में रहे। वार्ड निवासी होने के नाते भरपूर काम करवाने का प्रयास किया। पिछले चुनावों में वो बेशक हार गए लेकिन उन्होंने वार्ड के लोगों से अपना सम्पर्क नहीं छोड़ा और लगातार प्रशासन से वार्ड के काम के लिए लड़ते रहे। वार्ड एक का क्या है चुनावी समीकरण
वार्ड एक में कुल 856 मतदाता है जिनमें 466 पुरुष व 390 महिला मतदाता है। ये वार्ड बनिया बाहुल्य वार्ड है। वार्ड में 300 से अधिक वोट बनिया जाति के है। बाकी वोट अन्य जातियों से संबंध रखते है।
यह चाहते है वार्ड एक के मतदाता
- वार्ड के मतदाताओं में बिमला देवी , उर्मिला देवी का कहना है कि वार्ड में सड़के बनी है लेकिन काफी समय गुजर जाने के बाद। लोगों ने पांच साल तक काफी परेशानी रही है।
- वार्ड के तेजपाल व आनन्द कुमार का कहना है कि चाहे पालिका चुनाव हो या विधान सभा लेकिन जितना भी काम होता है वो चुनावों से कुछ समय पहले होता है। क्या कहते है वार्ड दो के तत्कालीन पार्षद
वार्ड दो के तत्कालीन पार्षद नरेश केडिया का कहना है कि उन्होंने अपने पद पर रहते हुए अपने वार्ड का ही नहीं बल्कि शहर के सभी वार्ड का विकास करवाया है क्योंकि उनके पास चेयरमैन का पद भी था। वार्ड दो में सभी गलियों को पक्का करवा दिया गया है और जगह मिल जाती तो एक सामुदायिक केन्द्र भी बनवाता।
सड़क बनाने के नाम पर हुई खानापूर्ति
वार्ड दो से चुनाव लड़ने का बिगुल बजा चुकी आरती गोयल का कहना है कि जिस ढंग से वार्ड का विकास होना चाहिए था वो नहीं हुआ। सड़क बनाई जरूर गई है , परंतु खानापूर्ति ही हुई है। लोगों को सुविधा होने की जगह परेशान होना पड़ रहा है।
क्या चाहते है वार्ड दो के मतदाता
- वार्ड दो के मतदाता रमेश सभ्रवाल पूर्व जेई बिजली निगम का कहना है कि पिछले चुनावों में जब उम्मीदवार वोटों के लिए आए तो उन्होंने अपने मोहल्ले की गली को बनवाने की बात रखी। लेकिन चार साल तक चक्कर काटने के बाद भी वो गली बनवाने के लिए उनको किसी अन्य अधिकारी से एमई को फोन करवाकर बनवानी पड़ी। ऐसे में जो कि काम हुआ उसमें देरी हुई ओर लोगों के अनुरूप वार्ड का काम नही हुआ।
क्या है वार्ड दो का चुनावी समीकरण
शहर का वार्ड दो भी बनिया बाहुल्य वार्ड है और इसमें कुल 994 मतदाता है जिसमें 518 पुरुष व 476 महिला मतदाता है जिसमें 400 से अधिक वोट बनिया बिरादरी के है। ये वार्ड इस बार सामान्य वर्ग की महिला के लिए आरक्षित है।