यहां के लोगों में इम्युनिटी अधिक, दस दिन में ठीक हो घर पहुंच रहे कोरोना पॉजिटिव मरीज
125 में से 95 लोग हुए ठीक। पहला मरीज आया था जिले में 6 अप्रैल को। पहले 14 दिन में हो रहे थे ठीक अब 10 दिन बाद ही पहुंच रहे घर
फतेहाबाद, जेएनएन। एक समय था जब कोरोना को लेकर हर कोई डर रहा था। लेकिन फतेहाबाद जिले में ऐसा कुछ नहीं हुआ। स्वास्थ्य विभाग व लोगों की समझदारी के कारण आज हम कोरोना मुक्त होने की कगार पर पहुंच गए है। अगर डीमार्ट स्टोर संचालक के बेटे से लोग संक्रमण नहीं होते तो फतेहाबाद जिला कोरोना मुक्त भी हो जाता। लेकिन अब उम्मीद है कि आने वाले 10 दिनों के अंदर कोई नया मामला नहीं आता है सभी मरीज ठीक हो जाएंगे। शनिवार को राहत देने वाला दिन रहा है। एक भी कोरोना मरीज नहीं आया बल्कि एक मरीज ठीक हुआ। डीमार्ट स्टोर संचालक का बेटा ठीक हो गया। यह बात अलग है कि उनके संपर्क में आए 14 लोग अब भी संक्रमित है।
जिले में कोरोना को लेकर बड़ी राहत की बात यह है कि यहां पर एक्टिव मरीज की संख्या बहुत कम है। आमजन को बड़ी राहत मिली हुई है। अब कोरोना को लेकर लोग संजीदा हो गए। ऐसे में इस वायरस फैलने का खतरा भी कम हो गया। अब तक जिले में 125 कोरोना के केस आए हैं। जिसमें से महज 30 एक्टिव है। बाकि 95 ठीक हो चुके हैं। सुखद बात यह है कि सभी चार मरीजों को छोड़कर अधिकांश मरीज सरकारी अस्पतालों में ठीक हुए है। इनमें से 70 फीसद तो स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाए गए अस्थायी अस्पतालों में ठीक हुए हैं।
सचेत रहने की जरूरत, मॉल से फैल चुका है 14 लोगों में वायरस
जिले में गत सप्ताह से पहले कोरोना के मरीज बाहर से आए थे। लेकिन गत सप्ताह फतेहाबाद के एक मॉल संचालक का मामला सामने आया। इसके बाद मॉल संचालक के परिजनों के अलावा वहां पर काम करने वाले कर्मचारी व उनके भी परिजन संक्रमित आ चुके हैं। अकेले मॉल से 14 लोग संक्रमित हो चुके हैं। ऐसे में इस बीमारी को लेकर संजीदा होना जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सर्वे व टेस्ट अधिक करने के कारण यह संक्रमण लगभग रूक गया है।
जिले में पहला मरीज आया था 6 अप्रैल को
जिले के गांव जांडवाला बांगड़ में 6 अप्रैल को एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव आया था। इसके बाद जिले में धीरे-धीरे मरीजों की संख्या बढ़ती गई। हालांकि लॉकडाउन के दौरान तक जिले में महज 30 कोरोना पॉजिटिव केस आए थे। इसके बाद इनकी संख्या में जितनी तेजी से हुई उतनी ही तेजी से ठीक भी हुए।
मई व जून महीने में मरीजों का ठीक होने का आंकड़ा अधिक रहा। जून में महीने में एक समय ऐसा आया था जब जिले में केवल 13 ही एक्टिव मरीज रह गए थे।
यहां की हुई है व्यवस्था
जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना से निपटने के लिए अग्रवाल धर्मशाला, श्रीराम सेवा समिति धर्मशाला में क्वारंटाइन सेंटर बनाया हुआ है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जिला खेल स्टेडियम में भी क्वारंटाइन सेंटर बनाया जा सकता है। वहीं टोहाना व रतिया में अस्थाई रूप से सेंटर बना दिया गया है। एसडीएम संजय बिश्नोई का कहना है कि जिले में जरूरत पड़ने पर एक हजार लोगों को सुविधा दी जा सकती है। जिले में अब मरीजों को अग्रोहा मेडिकल कालेज में नहीं भेजा जा रहा बल्कि अग्रवाल धर्मशाला में बनाए गए कोविड 19 सेंटर में भेजा जा रहा है।
----जिले में कोरोना के मरीजों के उपचार लिए उचित व्यवस्था है। इसको लेकर किसी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जाएगी। हालांकि जिले के लिए सुखद पहलू यह भी है कि जिले में कोरोना के मरीज जितनी तेजी से आए थे उतनी तेजी से कम भी हो रहे है। बाहर से आने वाले लोगों पर पूरा ध्यान रखा गया। जो भी आता उसे होम क्वारंटाइन करने के साथ ही उसके सैंपल लिए गए।
- डा. मनीष बंसल, सीएमओ