Monsoon update: आठ साल में चार बार हरियाणा में देरी से पहुंचा मानसून, यह है मौसम विज्ञानियों का पूर्वानुमान
हरियाणा में मानसून ने दस्तक दे दी है। इस बार 10 दिन की देरी से मानसून पहुंचा है। हालांकि मानसून समय से पहले आया मगर उत्तरी क्षेत्र को छूकर निकल गया। इस बार अच्छी बारिश का अनुमान है। आइये डालते हैं आंकड़ों पर नजर।
By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Sat, 10 Jul 2021 04:46 PM (IST)Updated: Sat, 10 Jul 2021 04:46 PM (IST)
जागरण संवददाता, हिसार। हरियाणा में दक्षिण पश्चिम मानसून (जून से सितंबर) के समय में पिछले आठ वर्षों में चार बार मानसून समय पर आया है। जबकि चार बार मानसून ने आने में देरी की है। इस बार समय से पहले मानसून आया। मगर, यह हरियाणा के उत्तरी क्षेत्र को छूकर चला गया। इस कारण से अब आ रही बारिश को ही मानसून की दस्तक माना जा रहा है।
मानसून आमतौर पर 30 जून को हरियाणा में आता है और 5 जुलाई तक पूरे हरियाणा को कवर करता है। मगर इस बार पूरे हरियाणा को कवर करने में मानसून को कम से कम 9 दिन लगेंगे। 13 जुलाई तक हरियाणा के लगभग सभी क्षेत्रों में बारिश होने के आसार हैं।
हरियाणा में कब-कब मानसून आया
हरियाणा में वर्ष 2020 में 26 जून को मानसून आया। इसके बाद वर्ष 2019 में 16 जुलाई को वर्ष 2018 में 28 जून को, 2017 में 12 जुलाई को, 2016 में 2 जुलाई को, 2015 में 25 जून को, 2014 में 3 जुलाई को, 2013 में 16 जून को मानसून आया। इसमें पांच बार मानसून समय से आया तो तीन बार देरी से आया।
आठ वर्ष पहले हुई थी सबसे अधिक मानसूनी बारिश
अगर दक्षिण पश्चिम मानसून के दौरान मानसूनी बारिश पर गौर करें तो वर्ष 2013 में सर्वाधिक बारिश दर्ज की गई थी। उस समय 679.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। जाेकि सामान्य 352.4 एमएम बारिश से काफी अधिक थी। इसी प्रकार 2017 में 518.9 एमएम, 2016 में 418.5 एमएम, 2015 में 391.7 एमएम, 2018 में 353.9 एमएम, 2019 में 351.5 एमएम, 2020 में 323.4 एमएम तो सबसे कम बारिश 2014 में 262.0 एमएम ही हुई थी। जो सामान्य बारिश के आंकड़े से भी काफी कम है। दक्षिण-पश्चिम मानसून जून से सितंबर तक रहता है तब सामान्य रूप से 352.4 एमएम बारिश होनी चाहिए।
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