फतेहाबाद में ऐसे बरसे बादल, दो घंटे की बारिश में बाढ़ जैसे हालात, घरों में घुसा पानी
मंगलवार सुबह साढ़े 5 बजे शुरू हुई बरसात 7 बजे तक होती रही। डेढ़ घंटे की बरसात से शहर जलमग्न हो गया। गलियां व सड़कें ऐसी लग रही थी जैसे तालाब बन गए हों।
फतेहाबाद, जेएनएन। फतेहाबाद जिले में पिछले एक महीने से एक भी बूंद नहीं गिरी थी। जिससे किसान परेशान होने के कारण लोग गर्मी से भी परेशान थे। लेकिन मंगलवार सुबह फतेहाबाद शहर के आसपास के गांवों में झमाझम बरसात हुई। हालांकि यह बरसात कुछ ही क्षेत्र में थी। मंगलवार सुबह साढ़े 5 बजे शुरू हुई बरसात 7 बजे तक होती रही। डेढ़ घंटे की बरसात से शहर जलमग्न हो गया। गलियां व सड़कें ऐसी लग रही थी जैसे तालाब बन गए हो। वही निचले इलाके में खड़ी गाड़ियों के टायर तक डूब गए। इस साल यह सबसे अधिक बरसात है। वहीं यह बरसात किसानों के लिए वरदान भी लेकर आई है। जिन किसानों ने अपनी फसलों में पानी लगा रखा था उन्हें नुकसान भी उठाना पड़ा है। बरसात के कारण फसलें जमीन पर बिछ गई।
मंगलवार अलसुबह 4 बजे एकाएक मौसम बदल गया। तेज हवाओं के साथ सुबह साढ़े 5 बजे बरसात भी शुरू हो गई। करीब डेढ़ घंटे तक हुई बरसात से पूरा शहर जलमग्न हो गया। सुबह के समय वाहन न चलने के कारण केवल पानी ही पानी नजर आ रहा था। वही निचले इलाके में घरों में पानी भर गया। जवाहर चौक में स्थित करीब पांच दुकानों में पानी भर जाने के कारण इलेक्ट्रोनिक सामान खराब हो गया। वही एमसी कालोनी में खड़ी गाड़ियों के टायर डूब गए। फतेहाबाद शहर व आसपास के गांवों में 89 एमएम बरसात दर्ज की गई है।
अरोड़वंश धर्मशाला रोड पर भरा पानी
पिछले एक महीने से जिले में बरसात नहीं हो रही थी। लेकिन इस दौरान नप ने अभी तक सड़क का निर्माण तक नहीं किया। जिससे दुकानदारों में रोष है। मंगलवार सुबह हुई बरसात से यहां पर दो फुट तक पानी भर गया है। अरोड़वंश धर्मशाला रोड पर पिछले महीने हुई बरसात से एक युवक की जान भी चली गई थी। हालांकि उसके बाद इन गड्ढ़े को भरवा दिया था। लेकिन सड़क का निर्माण भी नहीं हुआ। मंगलवार को हुई बरसात के बाद एसडीएम व नप अधिकारियों ने पूरे शहर का निरीक्षण भी किया।
फसलों को मिली संजीवनी
पिछले एक महीने से एक भी बूंद न गिरने से फसलें खराब हो रही थी। जिससे किसान ट्यूबवेल का पानी लगाने के लिए मजबूर था। उन्हें आर्थिक नुकसान भी हो रहा था। यह बरसात किसी वरदान से कम नहीं है। वहीं जिन किसानों ने दो दिन पहले सिंचाई की थी वो फसलें जमीन पर बिछ गई है। जिससे कुछ नुकसान भी हुआ है। लेकिन ओवरऑल बरसात से फायदा हुआ है। गांव धांगड़ के किसान रमेश कुमार, भूप सिंह, सुरेश कुमार व गांव दरियापुर के किसान रामकुमार, राजबीर सिंह सुरजीत सिंह ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से बरसात का इंतजार कर रहे थे लेकिन बरसात नहीं हो रही थी। यह बरसात धान व नरमे की फसलों के लिए वरदान साबित होगी। अगर आने वाले समय में और अधिक बरसात हुई तो नुकसान होगा।
अब आंकड़ों में जाने पिछले तीन सालों में बरसात हुई
महीना 2018 2019 2020
जनवरी 15 11 18
फरवरी 16 00 17
मार्च 16 00 20
अप्रैल 19 04 12
मई 22 21 18
जून 43 128 130
जुलाई 20 213 230
अगस्त 25 120 30
यह बरसात एमएम में है।
आंकड़ों में जाने कितनी हेक्टेयर में फसले
नरमे की फसल : 72 हजार हेक्टेयर
धान : 1 लाख हेक्टेयर
ग्वार : 4 हजार हेक्टेयर
बाजारी : 2 हजार हेक्टेयर
-----फतेहाबाद शहर व आसपास के गांवों में अच्छी बरसात हुई। यह बरसात फसलों के लिए फायदेमंद रहेगी। हालांकि नुकसान जैसी कोई बात नहीं है। वहीं सफेद मक्खी से भी निजात मिल गई है। बरसात से यह बीमारी भी अपने आप दूर हो जाएगी।
डा. राजेश सिहाग, उपनिदेशक कृषि विभाग फतेहाबाद।