इनेलो सरकार बनने तक दाड़ी नहीं कटवाने का लिया था प्रण, 14 साल बाद बदला फैसला
मिर्चपुर के डेविड ने 14 साल पहले इनेलो की सरकार बनने तक दाड़ी नहीं कटवाने का लिया था प्रण। अब पार्टी में लिए गए फैसले से दुखी हो उन्होंने इनेलो का अलविदा कह दुष्यंत का हाथ थामा है
नारनौंद, हिसार [सुनील मान] गांव मिर्चपुर के राजपाल डेविड जो पिछले 25 साल से इनेलो के प्रति समर्पित हैं। उन्होंने 14 साल पहले प्रण लिया था कि जब तक पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला दोबारा प्रदेश के मुख्यमंत्री नहीं बनते तब तक वो अपनी दाढ़ी नहीं कटवाएंगे। मगर अब ओमप्रकाश चौटाला द्वारा इनेलो से दुष्यंत और दिग्विजय चौटाला का निष्कासन किए जाने के बाद वो दुखी हैं। ऐसे में डेविट ने भी अपना प्रण तोड़कर दुष्यंत चौटाला का साथ देने के लिए इनेलो को अलविदा कह दिया। अब उन्होंने यही प्रण दुष्यंत के लिए लिया है। डेविड ने कहा कि देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल की नीतियों में विश्वास रखने वाले आज भी हजारों ऐसे भगत हैं जो उनकी पार्टी में आस्था रखते हैं।
14 साल पहले ली थी कसम
मिर्चपुर गांव के राजपाल डेविड भी बचपन से ही इनेलो में आस्था रखते थे और 14 साल पहले उन्होंने गांव में कसम ली थी कि वो तब तक अपनी दाढ़ी नहीं कटवाएंगे जब तक प्रदेश इनेलो की सरकार नहीं बन जाती। गोहाना रैली के बाद इनेलो परिवार में आपसी फूट के कारण आज उनकी लड़ाई सड़कों पर आ गई है। सांसद दुष्यंत चौटाला के पार्टी से निष्कासन के बाद उनके समर्थन में अनेक नेता और कार्यकर्ता खुलेआम आ गए हैं। मिर्चपुर के राजपाल डेविड इनेलो को अलविदा कहकर सांसद दुष्यंत चौटाला के समर्थन में उतर गए हैं।
अब दुष्यंत के लिए होगा प्रण
डेविट ने घोषणा कर दी है कि जो शर्त पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के लिए ली थी, अब वही कसम दुष्यंत चौटाला के लिए होगी। जब तक वे प्रदेश के मुख्यमंत्री नहीं बनते तब तक डेविड अपनी दाढ़ी नहीं कटवाएंगे। वाल पेंटिंग से इनेलो की नीतियां लोगों तक पहुंचाते हैं मिर्चपुर निवासी राजपाल डेविड एक गरीब किसान हैं और काफी सालों से इनेलो के लिए प्रचार कर रहे हैं। पूरे प्रदेश में वो हर वर्ष वाल पेंटिंग करवाकर इनेलो की नीतियों को लोगों तक पहुंचाते हैं।
ओपी चौटाला का फैसला जनता की आवाज नहीं
डेविड राजपाल डेविड ने कहा कि वो इनेलो के प्रति पूरी तरह समर्पित थे, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने जो फैसला लिया है वो जनता की आवाज नहीं है। सांसद दुष्यंत चौटाला को इनेलो से निकाल दिया गया तो मैंने भी इनेलो को अलविदा कह दिया।