महामारी के दौरान दूध के दाम घटे, फूड सेफ्टी बन गई चुनौती
जागरण संवाददाता हिसार लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में महामारी क
जागरण संवाददाता, हिसार: लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में महामारी के दौरान फूड सेफ्टी में चुनौती को लेकर विश्व दुग्ध दिवस पर वेबिनार आयोजित हुआ। इसमें लुवास के डेयरी कालेज के डा. एसबी पाटिल ने बताया कि कोरोना की बात आते ही लोगों के मन में सब्जियों, दूध, फलों के जरिए वायरस फैलने की बात मन में आती है। उन्होंने बताया कि अभी तक सब्जियों से वायरस ट्रांसमिट होने का एक भी मामले सामने नहीं आया है। मगर फिर भी यह इंडस्ट्री काफी प्रभावित हुई है। इसमें दूध को ले लिया जाए तो हालत यह है कि दूध के दाम घटे रहे हैं, जिससे पशुपालकों की लागत भी नहीं निकल रही। डा. एसबी पाटिल बताते हैं कि महामारी के दौरान फूड सेफ्टी को ध्यान में रखना जरूरी है। ऐसे में इस समय विशेष प्रकार के प्रबंधन की आवश्यकता है। जिसे पशुपालकों से लेकर इंडस्ट्रीज तक को कड़ाई से अपनाना चाहिए।
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इन नियमों की होनी चाहिए पालना
- दूध निकालते समय या बाद में जहां पशु हैं, वहां किसी भी बाहरी व्यक्ति को न आने दें।
- पशुओं के स्थान को हमेशा साफ रखें।
- जिन बर्तनों में दूध निकाला जाता है, उसे भी अच्छी तरह धो लें।
- मुंह पर मास्क और हाथों को सैनिटाइज करें।
- दूध निकालने के बाद कलेक्शन सेंटर तक सावधानी के साथ जाएं।
- कलेक्शन सेंटर भी अपने यहां दूध का कलेक्शन व अन्य काम करने के दौरान कर्मचारियों को मास्क, सैनिटाइजर मुहैया कराएं।
- कलेक्शन सेंटर से दूध डेयरी प्रोसेसिग यूनिट में जाता है। ऐसे में वहां कर्मचारी पीपीई किट पहनकर काम करें।
- मशीनों को समय-समय पर सैनिटाइज कराएं। इसके साथ ही ट्रांसपोर्ट के समय भी विशेष ध्यान रखा जाए।
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विश्व दुग्ध दिवस पर आयोजित हुए चार सेमिनार
विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर लुवास की ई- गवर्नेंस टीम ने विभिन्न कॉलेज और एसोसिएशन को तकनीकी सहायता प्रदान की। लुवास के सोशल मीडिया प्रभारी डा. नीलेश सिधु ने बताया की लुवास की टीम ने सुबह 10.30 बजे जबलपुर पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय और एसोसिएशन ऑफ मैस्टायटिस के सौजन्य से आयोजित एक राष्ट्रीय स्तर के वेबिनार में तकनीकी सहायता प्रदान की। उस वेबिनार के वक्ता एफएसएसएआइ के निदेशक डा. अमित शर्मा रहे।
इन्हीं आयोजकों द्वारा दूसरा वेबिनार दोपहर 2 बजे आयोजित किया गया जिसने वक्ता एग्रीकल्चर साइंटिस्ट रिक्रूटमेंट बोर्ड के सदस्य डा. एके श्रीवास्तव रहे। दोनो ही वेबिनार में 800 के करीब वैज्ञानिकों ने ऑनलाइन भाग लिया।
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पशु वैज्ञानिक ऑनलाइन तकनीकी की संभाल रहे जिम्मेदारी
लुवास ने अभी तक ऑनलाइन माध्यमों से वेबिनार कराने के लिए कोई बाहर से एक्सपर्ट नहीं बुलाए हैं। इस कार्य को विश्वविद्यालय के पशु विशेषज्ञों की टीम ही संभाल रही है। इस टीम में डा. विजय जाधव, डा. नीलेश सिधु, डा. सुमित महाजन और डॉक्टर तरुण गुप्ता शामिल हैं। यह टीम फेसबुक से लेकर दूसरे सोशल मीडिया माध्यमों से विशेषज्ञों की बात लोगों तक पहुंचा रही है।