महम गोली कांड : कोर्ट ने पुलिस से मांगा पूर्व डीआइजी का मृत्यु प्रमाण पत्र
1990 में महम विधानसभा उपचुनाव के दौरान फायरिंग हो गई थी। जिसमें खरक जाटान गांव निवासी रामफल के भाई हरिसिंह की मौत हो गई थी। इस पर सुनवाई चल रही है। इनेलो नेता अभय चौटाला पूर्व डीआइजी शमशेर सिंह अहलावत समेत कई को नोटिस जारी किए गए थे
रोहतक, जेएनएन। फरवरी 1990 में हुए महम कांड को लेकर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रितू वाइके बहल की कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने पूर्व (डीआइजी) पुलिस उपमहानिरीक्षक शमशेर सिंह की मृत्यु प्रमाण पत्र पेश करने के लिए आदेश जारी किए हैं। इसके लिए महम थाना पुलिस को आदेश दिए गए हैं। पुलिस को एक सप्ताह में मृत्यु प्रमाण पत्र कोर्ट में पेश करना होगा।
मामले के अनुसार, 27 फरवरी 1990 को महम विधानसभा उप चुनाव हुआ था। चुनाव के दौरान वहां पर फायरिंग हो गई थी। जिसमें खरक जाटान गांव निवासी रामफल के भाई हरिसिंह की मौत हो गई थी। लंबे समय तक इस मामले में पुलिस ने जांच की, लेकिन मामले को अनट्रेस कर ठंडे बस्ते में डाल दिया था। इसके बाद रामफल की तरफ से महम कोर्ट में याचिका दायर कर दोबारा से जांच की मांग की गई थी। महम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी, तब रामफल ने अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में अपील की थी।
तब जाकर इनेलो नेता अभय चौटाला, पूर्व डीआइजी शमशेर सिंह अहलावत, करनाल के पूर्व एएसपी सुरेश चंद्र, भिवानी के डीएसपी रहे सुखदेव राज राणा समेत कई अन्य को नोटिस जारी किए गए थे। मंगलवार को इस मामले में सुनवाई हुई। इनेलो नेता अभय चौटाला के वकील विनोद अहलावत ने बताया कि कोर्ट ने पूर्व डीजीआइ का मृत्यु प्रमाण पत्र मांगा है। जिसके लिए 23 दिसंबर की तारीख दी गई है। अगली सुनवाई पर महम थाना पुलिस को मृत्यु प्रमाण पत्र पेश करना होगा। जिसके बाद मामले पर बहस होगी।