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चरखी दादरी पहुंचे मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक, बोले- ईमानदारी की बदौलत लिया प्रधानमंत्री से पंगा

चरखी दादरी में संत स्वामी दयाल धाम पर लोगों को संबोधित करते हुए राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने गए थे। जब उन्होंने कहा कि आंदोलन में 500 लोग मर चुके हैं।

By Naveen DalalEdited By: Published: Sun, 02 Jan 2022 07:57 PM (IST)Updated: Mon, 03 Jan 2022 04:36 PM (IST)
चरखी दादरी पहुंचे मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक, बोले- ईमानदारी की बदौलत लिया प्रधानमंत्री से पंगा
स्वामी दयाल धाम पर लोगों को संबोधित करते मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक।

चरखी दादरी, जागरण संवाददाता। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि वे राज्यपाल, मंत्री, सांसद व विधायक रह चुके हैं। लेकिन सेवानिवृति के बाद उनके पास रहने के लिए अपना मकान नहीं है। हमेशा ईमानदारी से काम किया। यही उनकी ताकत है। मलिक ने कहा कि इसी ताकत की बदौलत ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पंगा लिया है। वरना अभी तक आयकर, ईडी उनके यहां भी पहुंच जाती। यह बात मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने दादरी में संत स्वामी दयाल धाम पर खाप फौगाट उन्नीस द्वारा आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कही। कहा कि मैं पीएम से किसानों के मुद्दे पर मिलने गया तो मेरी पांच मिनट में लड़ाई हो गई।

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मेरे यहां भी पहुंच जाती आयकर, ईडी की टीम : राज्यपाल सत्यपाल मलिक

संत स्वामी दयाल धाम पर लोगों को संबोधित करते हुए राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने गए थे। जब उन्होंने कहा कि आंदोलन में 500 लोग मर चुके हैं और आप तो पशु मरने पर भी चिट्ठी भेजते हो, तब प्रधानमंत्री ने उन्हें कहा कि ये लोग उनके लिए तो नहीं मरे। इसी बात पर पांच मिनट में ही उनका प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से झगड़ा हो गया था। प्रधानमंत्री के कहने पर वे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले। तब उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से कहा कि आंदोलन कर रहे लोग पीछे हटने वाले नहीं है। ऐसे में जल्द समझौता कर लिया जाए।

दादरी में खाप फौगाट द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में बोले मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक

उन्होंने कहा कि लोगों की एकता व सभी परिस्थितियों में डटे रहने की वजह से ही तीनों कृषि कानून वापिस हुए हैं। उन्होंने कहा कि चौ. चरण सिंह के दिखाए मार्ग पर चलते हुए वे किसी भी स्थिति में किसानों व अपने लोगों का साथ नहीं छोडेंगे। उन्होंने कहा कि यदि दोबारा से आंदोलन हुआ तो वे राज्यपाल पद भी छोड़ देंगे। इस दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार पर किसी प्रकार का समझौता न करने की बात कहने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ भी की।

दादरी आकर मिलती है खुशी

राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि दादरी आकर उन्हें बहुत खुशी होती है और यहां आकर संत स्वामी दयाल की पूजा-अर्चना करना वे अपना सौभाग्य समझते हैं। दादरी से उनका बचपन का लगाव रहा है। धाम पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि खाप पंचायतों ने समाज में मान-मर्यादा और भाईचारे की भावना को कायम रखने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

पगड़ी पहनाकर किया सम्मानित

खाप फौगाट उन्नीस की तरफ से प्रधान बलवंत नंबरदार व सचिव सुरेश फौगाट ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक को पगड़ी पहनाकर तथा स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। राज्यपाल मलिक ने दादरी वासियों को मेघालय आने का निमंत्रण भी दिया। उन्होंने कहा कि मेघालय को ईस्ट का स्काटलैंड भी कहा जाता है।

बच्चों को शिक्षित बनाना जरूरी

खाप पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि फिजूलखर्ची, दिखावे को छोड़कर बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलवाना बेहद जरूरी है। यदि बच्चे शिक्षित होंगे तो बेहतर समाज की स्थापना हो सकेगी। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से मृत्यु भोज, दहेज जैसी कुरीतियों को भी बंद करने की अपील की। मलिक ने कहा कि लोगों को अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए शराब पीना भी छोड़ना चाहिए।

डीसी, एसपी ने किया स्वागत

रविवार दोपहर को राज्यपाल सत्यपाल मलिक दादरी के लाेक निर्माण विश्राम गृह में पहुंचे। यहां पर जिला उपायुक्त प्रदीप गोदारा व पुलिस अधीक्षक दीपक गहलावत ने उनका स्वागत किया। मेघालय के राज्यपाल को पुलिस द्वारा गार्ड आफ आनर दिया गया।


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