हंगामे की भेंट चढ़ी हिसार शहर की सरकार की बैठक, पार्षदों ने 26 कलस्टर की कालोनियां अधिकृत करने के प्रपोजल को ठुकराया
हिसार की 26 कलस्टर में शामिल अनाधिकृत कालोनियों को अधिकृत करने के लिए बैठक बुलाई थी। इस दौरान भाजपा मनोनीत पार्षद नरेंद्र शर्मा बोले कि पुरानी कालोनियां छोड़कर ये नई कालोनी वैध कर दी तो लोग जूतों की माला पहना देंगे।
हिसार, जागरण संवाददाता। हिसार शहर की 26 कलस्टर में शामिल अनाधिकृत कालोनियों को अधिकृत करने के लिए बुलाई गई शहर की सरकार की बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई। मेयर गौतम सरदाना की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में नगर निगम और नगर याेजनाकार विभाग की ओर से 26 अनाधिकृत (अवैध) कालोनियों को अधिकृत (वैध) करने के लिए हाउस में प्रस्ताव रखा।
मीटिंग में जब 26 कालोनियों की लिस्ट पार्षदों को सौंपी तो वे उसे देखकर आग बबूला हो गए। इसी दौरान भाजपा के मनोनीत पार्षद नरेंद्र शर्मा बोले कि पुरानी कालोनियां छोड़कर ये कालोनियां यदि पास कर दी तो लोग जूतों की माला पहना देंगे। मीटिंग में संयुक्त रूप से पार्षद बोले कि इन कालोनियों से पहले तो शहर में बहुत सी ऐसी कालोनियां है जो बहुत पुरानी बसी हुई है। 90 प्रतिशत से अधिक विकसित है। उनका लिस्ट में नाम तक नहीं है। ऐसे में उन्हें छोड़कर इन्हें पास करना जनता के साथ अन्याय है। इसलिए इन कालोनियों के प्रपाेजल को अस्वीकृत करते हैं।
मीटिंग का यह था उद्देश्य
जिला नगर योजनाकार विभाग ने हिसार जिले में 163 कलस्टर चिन्हित किए। एक कलस्टर में एक या एक से अधिक कालोनियां शामिल हैं। 163 में से हिसार नगर निगम सीमा में 54 कलेक्टर बने। जिसमें 54 से अधिक कालोनियां शामिल कर 29 प्वाइंटों पर सरकार को जानकारी भेजी गई। इनमें से पहले फेज में 26 कलस्टर की लिस्ट को वैध करने की दिशा में हाउस का प्रस्ताव को लेकर मीटिंग बुलाई, जिसमें उनकी स्वीकृति जाननी थी।
मीटिंग में ये रहे मौजूद
मेयर गौतम सरदाना की अध्यक्षता में आयोजित मीटिंग में 14 पार्षद, तीन मनोनीत पार्षद, चार पार्षद प्रतिनिधि शामिल रहे। अधिकारियों में अतिरिक्त निगम आयुक्त डा. प्रदीप हुड्डा, संयुक्त आयुक्त बैलीना, डीटीपी मोहन सिंह सहित निगम स्टाफ मौजूद रहा। मीटिंग करीब सवा दो घंटे चली।
26 कलस्टर वैध करने के प्रोजेक्ट को शहर की सरकार के नकारने की यह थी अहम वजह
जानकारी का अभाव
पार्षदों को अवैध कालोनी वैध करने के लिए उनकी सहमति लेने के लिए तो बुला लिया लेकिन उन्हें यह तक नहीं बताया कि वे कालोनियां कौन कौन सी है। जो 26 कलेस्टर की लिस्ट सौंपी उसमें भी केवल आठ कालोनी के नाम थे बाकि के नाम की जगह अननेम कालोनी आईडी लिख दिया।
पार्षदों को किया दरकिनार
पूर्व में हाउस की बैठकों में पार्षदों से अवैध कालोनियों को वैध करने के प्रस्ताव रखे और हाउस ने उन पर मुहर लगाई उनमें से 90 प्रतिशत कालोनियों का इस लिस्ट में नाम ही नहीं था।
कालोनी का बदला प्रारूप
लिस्ट में कालोनी को कलेस्टर बताया यानि उनके प्रारूप बदल दिए। यानि कोई कालोनी 7 एकड़ में बसी है तो उसके पास की खाली जमीन भी उसमें दिखा कर उसका रकबा बढ़ा दिया। जिस पर पार्षद भड़के।
पुरानी कालोनी को नजर अंदाज करना
पार्षद बोले कि पहले शहर की पुरानी जो कालोनियां 90 प्रतिशत तक विकसित है। पहले वे वैध होनी चाहिए। पुरानी कालोनी को नजर अंदाज कर लाभ पहुंचाना गलत है।
पार्षदों को मीटिंग में भी अफसर नहीं दे पाए पूरी जानकारी
आमजन छोड़िए शहर की सरकार यहां तक की हिसार के मेयर तक को मांगने पर भी अफसर जानकारी मुहैया नहीं करवा पा रहे है। जबकि आमजन को जानकारी देना तो दूर रहा। पार्षदों को कालोनियां अधिकृत करने के लिए बुलाई मीटिंग में भी अफसर पार्षदों को पूरी जानकारी देने में असमर्थ रहे। डीटीपी विभाग के अधिकारी से लेकर निगम के भवन निरीक्षक तक मीटिंग में बिना पूरे दस्तावेज व जानकारी के पहुंचे हुए थे। इस पर पार्षद भड़के तो सर्वे में जो कालोनी देखी उनके नाम की लिस्ट लेकर आए।
26 कलस्टर की ये स्थिति
29 प्वाइंटों पर निगम व डीटीपी के अफसरों से अवैध कालोनियों का सर्वे कर रिकार्ड जुटाया। इसमें 26 कलस्टर में केवल आरएस कालोनी, लक्ष्मीविहार, शिव कालोनी, रिंग रोड, रिंग रोड कालोनी, विश्वासपुरम, कार्तिक इन्क्लेव, हनुमान कालोनी, बालाजी कांप्लेक्स, साउथ सिटी, तारानगर व जयश्री श्याम विहार कालोनी और सैनिक विहार कालोनी का ही नाम दर्ज किया गया। बाकि में केवल खसरा नंबर लिखकर खानापूर्ति कर दी। पार्षदों को खसरा नंबर से कालोनी के बारे में जानकारी नहीं थी। बता दे कि 26 कलस्टर में शामिल कालोनियां 517.91 एकड़ में बसी है। इनमें केवल एक कलेस्टर ही ऐसा है जिसमें 50 प्रतिशत से ज्यादा बिल्डिंग है। बाकि का अधिकांश क्षेत्र खाली है।
प्रतिक्रिया
पूर्व में 50 प्रतिशत एरिया कवर होने पर कालोनी को वैध के लिए सरकार को भेजा जाता था। अब सरकार की नई शर्तों के अनुसार डीटीपी द्वारा कालोनियों का सर्वे करके डेटा भेजा जाता है। सरकार द्वारा 26 कलस्टर का डाटा आया है यह फाइनल डाटा नहीं है, डाटा और आएगा। उस पर भी कार्य करके सरकार के पास भेजा जायेगा।
--- प्रदीप दहिया, कमिश्नर, नगर निगम हिसार।
हिसार मेयर के अनुसार
अफसर पार्षदों को साथ लेकर डेटा साझा करेंगे। ताकि पार्षदों को पता चले कि कलस्टर में कौनसी कालोनी शामिल है। कौन सा क्षेत्र शामिल है। पूर्व में हाउस में रखे एजेंडों की क्या स्थिति है। पार्षदों को यह जानकारी मिलने के बाद अगली मीटिंग बुलाकर कालोनी अधिकृत करने के मुद्दें काे उसमें रखा जाएगा।
--- गौतम सरदाना, मेयर, हिसार।