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मिलिए हरियाणा के ब्‍लड मैन से, रक्तदान शिविरों के लिए बेच दी जमीन, बेटे की शादी में रखी रक्तदान की शर्त

हरियाणा के सिरसा जिले के गांव मिठनपुरा निवासी 55 वर्षीय अमर सिंह नायक पिछले 36 साल से रक्‍तदान कर और करवा रहे हैं। इसके लिए अपनी जमीन बेच दी। बेटे की शादी में शर्त रखी की जो रक्‍दान करेगा वहीं बरात में जाएगा। 7000 किमी साइकिल चलाई।

By Manoj KumarEdited By: Published: Thu, 01 Apr 2021 04:06 PM (IST)Updated: Thu, 01 Apr 2021 04:06 PM (IST)
मिलिए हरियाणा के ब्‍लड मैन से, रक्तदान शिविरों के लिए बेच दी जमीन, बेटे की शादी में रखी रक्तदान की शर्त
रक्‍तदान के लिए जमीन बेचने, बेटे की शादी में रक्‍तदान की शर्त रखने वाले कुरते पजामे में अमर सिंह नायक

सिरसा [आनंद भार्गव] रक्‍तदान करने और करवाने वालों के बारे में तो आपने खूब सुना होगा। मगर सोचिए कोई रक्‍तदान के लिए अपनी पूरी जिंदगी ही सम‍र्पित कर दे तो क्‍या हो। हरियाणा के सिरसा जिले के गांव मिठनपुरा निवासी अमर सिंह नायक ने भी ऐसा कुछ किया कि उनका नाम ही ब्‍लड मैन पड़ गया। साक्षरता केंद्र में पढ़ाई करने वाले 55 वर्षीय अमर सिंह नायक पिछले 36 सालों से रक्तदान की अलख जगा रहे हैं। रक्तदान के प्रति दीवानगी के चलते उसने अपने बेटे धर्मपाल की 23 फरवरी 2007 को हुई शादी में शर्त रखी कि वो ही बरात में जाएगा जो रक्तदान करेगा। इसके बाद नोहर में 114 लोगों ने रक्तदान किया और बारात में शामिल हुए।

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रक्तदान के लिए अब तक 395 शिविर आयोजित कर चुके हैं और खुद भी 85 बार रक्तदान कर चुके हैं। अमर सिंह का कहना है कि रक्तदान शिविरों के आयोजन के लिए उन्होंने राजस्थान में अपनी तीन बीघा जमीन भी बेच दी।  अमर सिंह पिछले कई सालों से एेलनाबाद क्षेत्र के गांव मिठनपुरा में पांचवें हिस्से पर काश्त करते हैं। मूल रूप से राजस्थान के टिब्बी तहसील के गांव श्योदानपुरा के रहने वाले हैं। एक छोटी सी घटना ने उनकी पूरी जिंदगी को बदल कर रख दिया और ये कारवां शुरू हुआ। पढ़ें क्‍या था वो पूरा वाकया...

सड़क हादसे की घटना ने बदल दिया जिंदगी का उद्देश्‍य

अमर सिंह ने बताया कि 1985 में सड़क हादसे में घायल एक युवक को सिरसा के अस्पताल में भर्ती करवाया था, वहां उसे रक्त की जरूरत हुई तो पहली बार रक्तदान किया। उसकी जान बच गई तो बहुत खुशी हुई, उसके बाद रक्तदान को अपने जीवन में शामिल कर लिया। अब परिवार में उसके बेटे धर्मपाल, विनोद व पत्नी जस्सो देवी भी रक्तदान करती है। पिछले कई सालों से मिठनपुरा निवासी जमींदार कुरड़ाराम सहारण के खेत में काश्त करते हैं। कुरड़ाराम की पत्नी को इलाज के लिए पांच यूनिट ब्लड की आवश्यकता थी, अपनों ने भी ब्लड देने से मना कर दिया परंतु अमर सिंह के प्रयासों से उन्हें ब्लड मिला। जिसके बाद कुरड़ाराम व उनका परिवार भी इस मुहिम से जुड़ गया।

7000 हजार किलोमीटर की यात्रा कर दिया रक्‍तदान का संदेश

रक्तदान के संदेश को जन जन तक पहुंचाने के लिए अमर सिंह साईकिल से पंजाब, हरियाणा व राजस्थान में 7000 किलोमीटर तक की यात्रा कर चुके हैं। 23 जनवरी 2020 को केंद्रीयमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने उन्हें सम्मानित किया। योग गुरु रामदेव से भी वे सम्मानित हो चुके हैं। इसके अलावा पंजाब मेडिकल कॉलेज ने उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया है। इसके अलावा अनेक सस्थाओं ने उन्हें सम्मानित किया है।

नशे से दूर रहता हूं और रक्‍तदान करता हूं- अमर सिंह नायक

अमर सिंह नायक ने कहा कि मैं नशों से दूर हूं और नियमित रूप से रक्तदान करता रहता हूं। रक्तदान करता हूं तो खुद को धन्य महसूस करता हूं कि मेरे कारण किसी की जान बच जाएगी, इलाज में मदद होगी। दूसरों को रक्तदान करने की प्रेरणा देने के लिए सात हजार किलोमीटर की साइकिल यात्रा कर चुका हूं। वर्ष 2007 में बड़े बेटे की शादी में बारातियाें को शामिल होने के लिए पहले रक्तदान की शर्त रखी तो रिश्तेदार भी नाराज हो गए थे परंतु बाद में सब मान गए।


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