कोराेना वायरस : चीन से दवाओं के कच्चे माल का आयात बंद, दवा कारोबार प्रभावित Hisar news
हिसार में प्रतिमाह 100 करोड़ से अधिक दवाओं का होता है कारोबार थोक व्यापारियों की बढ़ी चिंता। गर्मी में बढ़ती है दवाओं की मांग प्रोडेक्शन में कमी प्रभावित कर सकती है बड़ा कारोबार
हिसार, जेएनएन। कोरोना वायरस के खतरों ने दवाओं के थोक व्यापारियों की चिंता भी बढ़ा दी है। सिरदर्द, बुखार, बदन दर्द इत्यादि की दवा में प्रयोग होने वाला कच्चा माल बड़े स्तर पर चाइना से ही आयात होता है। कच्चा माल आने में आई दिक्कत के कारण कई दवाओं के प्रोडेक्शन पर इसका असर पडऩे की संभावना पैदा हो गई है। कारण है कि गर्मियों में दवाओं की मांग ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसे में यदि प्रोडेक्शन में कमी आई तो दवा मार्केट को मोटा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
वहीं थोक विक्रेताओं की मानें तो मौजूदा स्थिति में जेनेरिक दवाओं में लाभ का मार्जन कम होने लगा है। हालांकि अभी प्रभाव बहुत ही कम है, लेकिन आगामी समय में दिक्कतें बढऩे के आसार बन गए हैं। उधर, अधिक मांग वाली ब्रांडेड दवाओं के थोक विक्रेता स्टॉक करने या नहीं करने का फैसला लेने के चलते कंपनियों के प्रतिनिधियों से संपर्क साध रहे हैं। आगामी समय में दवा का प्रोडेक्शन कम होने की संभावना के चलते हिसार में प्लानिंग शुरू हो गई है। उधर कोरोना वायरस के फैलाव के चलते प्रशासन ने भी अपनी ओर से एडवाइजरी जारी कर दी है।
ये है मामला
कई जेनेरिक दवाओं को बनाने के लिए कंपनियों चीन से एक्टिव फार्मास्यूटिकल इनग्रेडिएंट्स (एपीआइ) आयात करती हैं। साधारण भाषा में कहें तो यह दवा बनाने का कच्चा माल होता है। कोरोना वायरस के कारण चीन से कच्चे माल का आयात प्रभावित हुआ है। कच्चे माल की प्राप्त आपूर्ति नहीं होने से दवा के प्रोडेक्शन में कमी आ गई है। कई जेनेरिक दवाओं का करीब 80 से 90 फीसद कच्चा माल चीन से आयात होता है ऐसे में कंपनियां एपीआइ प्रोडेक्शन के लिए चीन पर निर्भर है।
हिसार से दवाओं का प्रतिमाह 100 करोड़ से अधिक का कारोबार
दवा के थोक विक्रेताओं की माने तो हिसार में करीब 400 से 500 थोक विक्रेता हैं। इसी स्तर पर मेडिकल शॉप हैं, जिनसे प्रतिमाह अनुमानित 100 करोड़ से अधिक दवा का कारोबार होता है। इसमें जेनेरिक दवाओं की पहुंच भी काफी स्तर पर है। जेनेरिक दवाओं में बड़ी मार्केट सिर दर्द, बुखार, बदन दर्द सहित शरीर में दर्द व दूसरी दवाएं शामिल हंै। बड़ी नामी कंपनियों के पास कच्चे माल के बड़े स्टॉक के कारण अभी समस्या तो नहीं आई है लेकिन जेनेरिक दवाओं के दामों में बढ़ोतरी होना शुरू हो गई है। थोक विक्रेताओं के अनुसार दवाओं में लाभ के मार्जन का स्तर घटने लगाया है।
मरीजों को डरने की नहीं जररूत
मरीजों को भयभीत होने की जरूरत नहीं है। कारण है कि कोई भी मेडिकल शॉप वाला दवा के निर्धारित मूल्य से अधिक नहीं ले सकता है। वहीं सरकार ने कई दवाओं के दाम अपने स्तर पर निर्धारित कर रखे हैं। ऐसे मेें भले ही मार्केट में प्रोडेक्शन में कमी आए लेकिन उन मॉलिक्यूल्स से तैयार होने वाली दवा का दाम वहीं रहेगा। अधिक प्रभाव उन दवाओं पर होगा जो चिकित्सक अपने अनुसार तैयार करवाते है। सूत्रों की माने तो ये दवा प्रभावित होगी।
------अभी स्टॉक पर्याप्त है। लेकिन पैरासिटामोल व निमेसूलाइड जैसी दर्द की दवाओं का अधिकांश कच्चा माल चीन से आता है। इनसे बनी दवाओं के प्रोडेक्शन में कमी आने की संभावना है।
नरेंद्र गोयल, थोक व्यापारी
-----चीन से कच्चे माल के आने के चलते प्रोडेक्शन में कमी का डर तो मार्केट में है। लेकिन अभी हमारे पास पर्याप्त स्टॉक है। इस बारे में कंपनी के प्रतिनिधियों से भी संपर्क जारी है।
तेजेंद्र पाल सिंह, प्रधान, हिसार डिस्ट्रिक होलसेल कैमिस्ट एसोसिएशन हिसार।
----कारोनो वायरस के कारण विभिन्न प्रकार की चर्चाएं अवश्य हो रही हैं लेकिन वर्तमान में दवाओं को लेकर किसी प्रकार की कमी नहीं आई है। हमारे पास पर्याप्त दवाएं हैं।
- डा. योगेश, सीएमओ, हिसार।