रिश्वत प्रकरण के बाद एक्शन में आए नए मेयर गौतम सरदाना, अधिकारियों की ली क्लास
मेयर गौतम सरदाना के लिए निगम की जड़ों में लगा भ्रष्टाचार रूपी दीमक हटाना बड़ी चुनौती होगी। ऐसा तब जब अनुबंधित कर्मचारी ही रिश्वत लेेने में लगे हों। मगर रोकने के प्रयास शुरू किए हैं
हिसार, जेएनएन। नगर निगम में एनओसी देने के नाम पर 2500 रुपये की रिश्वत लेते पकड़े गए कंप्यूटर ऑपरेटर के मामले के बाद नए मेयर गौतम सरदाना एक्शन में आ गए हैं। मंगलवार को हुए इस घटना के बाद बुधवार को ही गौतम सरदाना नगर निगम पहुंचे और अधिकारियों की क्लास ली। ऐसे में अब उम्मीद है कि नए नियमों के अनुसार मेयर को पॉवर मिलने के बाद रिश्वत मामलों पर नकेल कसी जा सकेगी।
वहीं शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन स्वयं मानती है कि नगर निगम में भ्रष्टाचार चरम पर है। उसे खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। मेयर गौतम सरदाना ने भी भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सख्त कदम उठाने की बात कहीं थी। मेयर के बैठक करने को मात्र 24 घंटे भी नहीं बीते की नगर निगम में एक कर्मचारी रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। ऐसे में मेयर गौतम सरदाना के लिए निगम की जड़ों में लगा हुआ भ्रष्टाचार रूपी दीमक हटाना बड़ी चुनौती होगी। ऐसा तब जब अनुबंध के आधार पर लगे कर्मचारी ही रिश्वत लेेने में लगे हुए हो। अहम बात यह है कि पूर्व मेयर शकुंतला राजलीवाला ने अपनी आखिरी बैठक में तहबाजारी टीम के रिश्वत की वीडियो उपायुक्त को सौंपी थी। निगम आयुक्त को लोगों से पैसा मांगने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की अपील की थी। मगर, अधिकारी कार्रवाई तो दूर जांच करवाने से भी घबरा गए। केवल भवन शाखा ही भ्रष्टाचार के घेरे में नहीं है, पब्लिक डिङ्क्षलग के अधिकतर विभागों के यही हालात है। वहीं मेयर गौतम सरदाना ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले की जांच करवाई जाएगी। जिन लोगों के नाम इस मामले में सामने आते है। उन पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
तहबाजारी
पूर्व मेयर शकुंतला राजलीवाला ने तहबाजारी टीम के जिंदल चौक, मटका चौक सहित विभिन्न जगहों के वीडियो फुटेज उपायुक्त को सौंपे थे। तहबाजारी टीम के कर्मचारी रेहड़ी वालों से रिश्वत मांग रहे थे। मटका चौक स्थित बंटी सैनी के अलावा दो तीन अन्य लोगों ने भी खुले आम पैसा देने के आरोप लगाए थे। मगर, कोई कार्रवाई नहीं हुई।
बिल्डिंग ब्रांच
मिर्जापुर स्थित कौशिश नगर में दो अवैध निर्माण बनवाने के नाम पर निगम एमई और बीआइ पर चार लाख रुपये लेने के आरोप लगे थे। नगर निगम में कैंटीन करने वाले कैंटीन संचालक ने अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दी थी। शिकायत के बाद निगम अधिकारियों ने भवनों को सील कर दिया गया। साथ ही जेसीबी से अवैध निर्माण गिराने की कार्रवाई की गई थी। बाद में इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।
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नक्शा पास करवाने के नाम पर निगम आयुक्त सहित तीन अधिकारियों के खिलाफ शहर के एक वकील ने चार लाख रुपये मांगने का इस्तगासा कोर्ट में डाला था। अधिकारियों पर इस्तगासे में मारपीट से लेकर पैसे मांगने तक के गंभीर आरोप लगाए गए थे।
जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र
25 जुलाई को नगर निगम में बिजली विभाग में कार्यरत सरकारी कर्मचारी के अनुबंध आधार पर जन्म-मृत्यु शाखा में कार्यरत बेटे पर पांच हजार रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप लगे थे। वह चार साल में जन्म-मृत्यु शाखा में कार्यरत था। उसके खिलाफ नवदीप कॉलोनी के एक व्यक्ति ने ज्वाइंट कमिश्नर को शिकायत दी थी। तत्कालीन ज्वाइंट कमिश्नर डा. जयवीर ङ्क्षसह यादव ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए कर्मचारी तुरंत प्रभाव से हटा दिया था।
अकाउंट शाखा
सफाई शाखा के पेट्रोल की जांच करने के लिए पिछले दिनों अकाउंट शाखा के तीन अधिकारी पेट्रोल पंप संचालक के पास गए थे। सूत्रों के अनुसार इस मामले में पांच लाख रुपये मांगने के आरोप अधिकारियों पर लगे थे। यही वजह रही है कि अकाउंट ब्रांच के दो आलाधिकारियों को तीन दिनों के अंदर ही तबादला कर दिया गया था। इस मामले में निगम आयुक्त भी पूरी तरह से चुप्पी साधे रहे।
..मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी। इस मामले में जिन-जिन लोगों के नाम आते है। उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई करें। प्रशासनिक कार्रवाई भी की जाएगी। वहीं अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं। रिश्वत से जुड़े सभी तरह के मामलों की गंभीरता से जांच होगी।
गौतम सरदाना, मेयर