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बैंक लोन दिलाने के नाम पर मामा-भांजे ने शहर की 11 महिलाओं को लगाया हजारों रुपये का चूना

हांसी फर्जी सहकारिता समूह बनाकर महिलाओं से बैंक लोन के नाम पर धोखाधड़

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 May 2019 09:38 AM (IST)Updated: Mon, 06 May 2019 06:40 AM (IST)
बैंक लोन दिलाने के नाम पर मामा-भांजे ने शहर की 11 महिलाओं को लगाया हजारों रुपये का चूना
बैंक लोन दिलाने के नाम पर मामा-भांजे ने शहर की 11 महिलाओं को लगाया हजारों रुपये का चूना

संवाद सहयोगी, हांसी : फर्जी सहकारिता समूह बनाकर महिलाओं से बैंक लोन के नाम पर धोखाधड़ी करने के मामले में पुलिस ने मामा-भांजे को गिरफ्तार किया है। 11 महिलाओं ने पुलिस को शिकायत देकर आरोप लगाया था कि बैंक लोन देने के नाम पर युवकों ने उनसे हजारों रुपये ऐंठ लिए।

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पुलिस ने भाटिया कालोनी निवासी कांता की शिकायत पर बड़सी गांव निवासी सुंदर व राजस्थान के छिवाड़ा निवासी अनिल के खिलाफ मामला दर्ज किया था। दोनों युवक आपस में मामा-भांजा हैं। पुलिस ने शुक्रवार को दोनों युवकों को नहर कोठी से गिरफ्तार कर लिया तथा उन्हें शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया जहां से कोर्ट ने सुंदर को जेल भेज दिया गया व अनिल कुमार को दो दिनों के पुलिस रिमांड पर भेजा है। पुलिस पूछताछ में जुटी हुई है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि शहर की 11 महिलाओं से ये युवक धोखाधड़ी करके हजारों रुपये ऐंठ चुके हैं। युवक केवल महिलाओं को ही अपने चंगुल में फंसाते थे। पहले युवक अपने आप को सहकारिता कंपनी का सदस्य बताते थे जिससे महिलाएं उन पर विश्वास कर लेती। इसके बाद बैंक लोन देने के नाम पर फाइल तैयार करवाने के एवज में कुछ हजार रुपये की डिमांड करते थे। लंबा समय गुजरने के बाद भी महिलाओं को बैंक लोन नहीं मिला तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी। इसके बाद पुलिस ने पड़ताल शुरू की व दोनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया। 11 महिलाओं ने शिकायत दर्ज करवाई थी

बैंक लोन के नाम पर महिलाओं से धोखाधड़ी करने के मामले में 11 महिलाओं ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी। सभी महिलाओं से हजारों रुपये ऐंठे गए थे। पुलिस ने इस मामले में कांता की शिकायत पर मामला दर्ज किया था व दो युवकों को गिरफ्तार किया गया है। अनिल कुमार को दो दिनों के पुलिस रिमांड पर अदालत से हासिल किया गया है। मामले में पूछताछ जारी है व अन्य लोगों के शामिल होने की भी संभावना से इन्कार नहीं किया सकता।

- एएसआइ प्रदीप कुमार, जांच अधिकारी।


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