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हिसार में बाजरे के लड्डुओं से दूर किया जा रहा कुपोषण, जानें बाजरे में क्‍या-क्‍या होते हैं पोषक तत्‍व

हिसार में कुपोषित बच्चों को इस बार बाजरे के लड्डू खाने के लिए दिए जा रहे हैं। ताकि बाजरे में पाए जाने वाले पोष्टिक तत्वों की बदौलत बच्चों का पोषण पूरा हो सके। आधे से अधिक बच्चे तो कुछ ही महीनों में कुपोषण की श्रेणी से बाहर आ गए।

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 31 Jan 2022 09:01 AM (IST)Updated: Mon, 31 Jan 2022 09:01 AM (IST)
हिसार में बाजरे के लड्डुओं से दूर किया जा रहा कुपोषण, जानें बाजरे में क्‍या-क्‍या होते हैं पोषक तत्‍व
हिसार में अगस्त में थे 505 कुपोषित बच्चे, अब पोषण मिला तो 217 से अधिक इस श्रेणी से बाहर आए

वैभव शर्मा, हिसार। अच्छा खानपान न होने के कारण देश में 50 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं। इसके साथ ही कुपोषण से मरने वाले बच्चों की संख्या भी अधिक है। भारत में इस समसया पर तेजी से काम चल रहा है मगर फिर भी कई राज्यों में यह समस्या बड़ी है। इसी समस्या के हल के लिए हरियाणा में देसी तरीकों का उपयोग किया जा रहा है और इनका परिणाम भी अच्छा आ रहा है। दरअसल हिसार में कुपोषित बच्चों को इस बार बाजरे के लड्डू खाने के लिए दिए जा रहे हैं।

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ताकि बाजरे में पाए जाने वाले पोष्टिक तत्वों की बदौलत बच्चों का पोषण पूरा हो सके। यह प्रयोग इतना सफल रहा कि आधे से अधिक बच्चे तो कुछ ही महीनों में कुपोषण की श्रेणी से बाहर आ गए। पोषण अभियान के तहत इस कार्य को महिला एवं बाल विकास विभाग ने किया। कुपोषण दूर करने के लिए इस माडल को दूसरे जिलों में भी अपनाया जा सकता है।

अगस्त में सर्वे में 505 बच्चे मिले थे कुपोषित

महिला एवं बाल विकास विभाग ने हिसार के 10 ब्लाकों में अगस्त माह में कुपोषित बच्चों का पता लगाने के लिए एक सर्वे कराया था। जिसमें 505 बच्चे कुपोषित पाए गए थे। जब यह डाटा विभाग के उच्चाधिकारियों के पास रखा गया तो उन्होंने बच्चों के पोषण पर विशेष कार्य करने के निर्देश दिए। इसके बाद स्थानीय अधिकारियों ने बाजरे के लड्डू बच्चों को देने के बारे में विचार किया। कुपोषित बच्चों को अच्छी गुणवत्ता के लड्डू मिलें इसके लिए स्वयं सहायता समूह की सहायता ली गई।

उन्हें चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में लड्डू बनाने का प्रशिक्षण दिलाया गया । इसमें इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखा गया कि लड्डुओं में पोषण की मात्रा कम न हो बल्कि उसे बढ़ाया जा सके। जब बच्चों ने यह लड्डू रोजाना खाए तो उन्हें काफी फायदा हुआ। उनका वजन बढ़ गया। जिससे वह कुपोषण की श्रेणी से बाहर आ गए। यह लड्डू खाकर 217 से अधिक बच्चों को फायदा हुआ। दरअसल कुपोषण को देखने के लिए बच्चों का वजन और लंबाई का आंकलन किया जाता है।

बाजरा क्या करता है फायदा

बाजरा खाने से कई फायदे होते हैं। यह आसानी से पच जाता है। शरीर और मस्तिष्क को ठीक रखता है। बाजरा गर्म होता है इसलिए इसे खाने वालों को दमा, गठिया आदि बीमारियां नहीं होती। बाजरा में ऊर्जा अधिक होती है। बाजरा खाने से हीमोग्लोबिन की कमी नहीं रहती क्योंकि इसमें आयरन पर्याप्त मात्रा में होता है। यह हमें एनीमिया की समस्या से दूर रखता है। मैग्नीशियम सिरदर्द और हार्ट के खतरे को कम करता है। बाजरे में पाया जाने वाला फासफोरस कैंसर मुख्यत: स्तन कैंसर के खतरे को कम करता है। बाजरे की रोटी सेहत के लिए काफी फायदेमंद है।

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बाजरे में यह होते हैं पोषक तत्व

प्रोटीन- 10-12 ग्राम

कार्बोहाइड्रेट- 70-75 ग्राम

वसा- चार से 7 ग्राम

फाइबर- 1.2 ग्राम

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विटामिन--

थायमीन- 0.42 मिली ग्राम

राइबोफ्लेबिन- 0.29 मिली ग्राम

नियासिन- 4.7 मिली ग्राम

फालिक एसिड- 45.5 मिली ग्राम

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खनिज---

आयरन- 8 मिली ग्राम

जिंक- 3.1 मिली ग्राम

मैग्नीशियम- 114 मिली ग्राम

कैल्शियम- 42 मिली ग्राम

मैगनीज- 1.6 मिली ग्राम

फासफोरस- 285 मिली ग्राम


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