रोडवेज बसों में अब महिलाओं की सीट पर नहीं बैठ सकेंगे पुरुष यात्री, मंत्री ने दिए जांच निर्देश
रोडवेज बसों में महिलाओं की सीट सुनिश्चित करने के लिए महिला आयोग ने लिखा था परिवहन मंत्री को पत्र। भिवानी निवासी महिला एडवोकेट ने की आयोग को शिकायत। मंत्री ने दिए चेकिंग के निर्देश
भिवानी [बलवान शर्मा] रोडवेज व निजी बसों में इन दिनों महिलाओं की सीटों पर पुरुष यात्री विराजमान रहते हैं। बुजुर्ग महिलाएं भी बसों में खड़े होकर यात्रा करती अक्सर दिखाई देती हैं। लेकिन अब हरियाणा राज्य महिला आयोग ने इस मामले में कड़ा संज्ञान लिया है।
भिवानी निवासी एडवोकेट सरोज बोहरा ने इस संबंध में हरियाणा राज्य महिला आयोग को लिखित शिकायत दी थी और रोडवेज बसों में खड़े होकर यात्रा करती महिलाओं की फोटो भी उन्होंने आयोग को भेजी थी। इस मामले में आयोग ने तुरंत कड़ा संज्ञान लिया है। शिकायत के आधार पर आयोग ने 25 जुलाई को परिवहन मंत्री कृष्णलाल पंवार को पत्र क्रमांक ए-3, एचएससीडब्ल्यू, 2019, 3434 लिखा है।
इस पत्र में आयोग की चेयरपर्सन प्रतिभा सुमन ने लिखा है कि ग्रामीण क्षेत्र से लोग छोटे कस्बों एवं शहरों में आवागमन करने के लिए सरकारी एवं निजी बसों का प्रयोग करते हैं। इनमें लड़कियां एवं वृद्ध महिलाएं भी शामिल हैं। बसों द्वारा यात्रा करना सस्ता एवं सुरक्षित साधन माना जाता है। चेयरपर्सन ने स्पष्ट किया है कि रोडवेज व निजी बसों में महिलाएं एवं लड़कियां यात्रा करते समय परेशानी का सामना करती हैं।
महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों पर भी पुरुष व युवा बैठे होते हैं और वे कहने के बाद भी सीट नहीं छोड़ते। कई बार तो महिलाओं को बच्चों को गोद में लेकर खड़े रहते हुए यात्रा करनी पड़ती है। रोडवेज परिचालक कभी भी पुरुषों को सीट खाली करने के लिए नहीं कहते हैं। निरीक्षण स्टाफ का रवैया भी इसको लेकर उदासीन रहता है। उन्होंने सिफारिश की है कि परिवहन मंत्री विभाग के परिचालकों व चेकिंग स्टाफ को निर्देश दें कि वे रोडवेज व निजी बसों में महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों पर पुरुषों को न बैठने दें।
----------
रोडवेज व निजी बसों में यात्रा करते समय अक्सर महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार तो सीटों को लेकर कुछ लोग लड़ाई करने तक उतारू हो जाते हैं। इसी गंभीर समस्या को लेकर मैंने महिला आयोग को शिकायत की थी। इस शिकायत पर तुरंत एक्शन लेते हुए आयोग की चेयरपर्सन ने परिवहन मंत्री को आज ही पत्र लिख दिया है।
सरोज बोहरा, एडवोकेट ।