सोशल मीडिया के जरिए पहले की दोस्ती, फिर लंदन में बैठे-बैठे ठग लिए 23 लाख रुपये
फतेहाबाद के युवक द्वारा सीएम विंडो में शिकायत देने के दो महीने बाद शहर पुलिस ने दर्ज किया मामला। लंदन निवासी आरोपित समेत दो लोगों के खिलाफ दर्ज एफआइआर। पाउंड भेजने को हुआ था सौदा
फतेहाबाद, जेएनएन। फेसबुक व वाट्सअप के जरिए दोस्ती करने के बाद लंदन निवासी व्यक्ति द्वारा जांडवाला सोतर निवासी भाल सिंह के साथ 23 लाख रुपये की ठगी होने का मामला सामने आया है। आरोपितों ने लंदन से पाउंड भेजने के नाम पर 23 लाख रुपये ठग लिए। शहर पुलिस ने भाल सिंह की शिकायत पर लंदन के रिचमूंड निवासी निकोले अबरील तथा राजीव के खिलाफ धोखाधड़ी व गबन करने के आरोप में मामला दर्ज किया है। मामले को लेकर भाल सिंह ने करीब दो महीने पहले सीएम ङ्क्षवडो में शिकायत दी थी। सीएम विंडो से अब शिकायत शहर थाना में पहुंची है।
जिसके बाद शहर पुलिस ने मामला दर्ज किया है। पुलिस को दी शिकायत में जांडवाला सेातर निवासी भाल सिंह ने आरोप लगाया कि उसकी लंदन निवासी निकोले अबरील के साथ फेसबुक और वाट््सअप पर बातचीत हुई। इस दौरान उसे निकोले ने लंदन से बढिय़ा क्वालिटी का सामान भेजने की बात कही। बातचीत के दौरान बताया गया कि ये ये सामान कोरियर कंपनी से पहुंचेगा। 16 नवंबर 2018 को उसके पास किसी कस्टम अधिकारी का फोन आया कि उसका जो कोरियर आया है उसे छुड़वाने के लिए 39 हजार 900 रुपये देने होंगे। आरोपित राजीव ने कस्टम अधिकारी बनकर फोन किया था।
इसके बाद उसने सुनील नाम के व्यक्ति के खाते में 39 हजार 900 रुपये डाल दिए। उसके बाद राजीव का फिर फोन आया कि कोरियर स्कैन करने पर उसमें 20 हजार जीवीपी पाउंड मिले हैं। इसके प्राप्त करने के लिए प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए 98 हजार 900 रुपये देने होंगे। इसके बाद ये राशि दो बैंक खातों में डाल दी। इसके बाद उसे फोन आया कि ये पाउंड आरबीआई बैंक में जमा करवा रहे हैं जो कि इंडिया करंसी में 18 लाख 45 हजार रुपये मिलेंगे। इसके बाद उसका आरबीआई में खाता खुलवाने के नाम पर दस्तावेज ले लिए। इसके बाद उससे सीओटी कोड के नाम पर 2 लाख 77 हजार रुपये ले लिए। 17 नवंबर 2018 को फिर फोन आया कि 20 हजार पाउंड का कोरियर मिला है। इसे भी आरबीआई बैंक में जाम करवा रहा है।
इसके बाद खाता में 36 लाख 91 हजार रुपये हो जाएंगे। राशि को ट्रांसफर करने के लिए टैक्स कोड की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए 5 लाख 90 हजार रुपये जमा करवाने होंगे। उसने ये राशि सात खातों में जमा करवा दी। इसके बाद उसने आनलाइन अपने खाते में रुपये ट्रांसफर करने शुरू किए तो 80 फीसद पर जाकर रूक गया। जब उसने बात की तो कहा गया कि 8 लाख 96 हजार रुपये आरबीआई में पहले जमा करवाने होंगे। उसने 9 लाख रुपये सात खातों में डाल दिए। जब फिर भी नहीं हो तो आरोपित राजीव से बात हुई और उसने कहा कि 1 लाख 98 हजार रुपये जमा करवाने होंगे। जब उसने आरबीआई चंडीगढ़ में जाकर पता किया तो धोखाधड़ी होने का पता चला। शहर पुलिस ने भाल ङ्क्षसह की शिकायत दोनों आरोपितों के खिलाफ साजिश के तहत धोखाधड़ी व गबन के आरोप में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।