Lockdown effect : ओलंपियन पूनम मलिक मां से सीख रही व्यंजन बनाने का हुनर Hisar news
देश की ओलंपियन इन दिनों अपनी मां से तरह तरह के व्यंजन बनाने का हुनर सीख रही है। ताकि भविष्य में जब भी मौका मिले मां से सीखे हुनर के सहारे अपनी पंसद का भोजन तैयार कर सकूं।
हिसार, जेएनएन। देश की ओलंपियन इन दिनों अपनी मां से तरह तरह के व्यंजन बनाने का हुनर सीख रही है। ताकि भविष्य में जब भी मौका मिले मां से सीखे हुनर के सहारे अपनी पंसद का भोजन तैयार कर सकूं। यह कहना है ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व चुकी हॉकी खिलाड़ी पूनम मलिक का। पूनम ने कहा कि एक खिलाड़ी के लिए अधिकांश समय उसके खेल में ही गुजरता है। खिलाड़ी खेल मैदान में हो या खेल मैदान से बाहर वह हर समय अपने आपको खेल में बेस्ट बनाने के बारे में ही प्रयासरत रहता है।
देश में लॉकडाउन ने भले ही घर के दायरे में रहने को विवश कर दिया हो लेकिन इन दिनों मुझे मां के पास उनका हुनर सिखने का मौका मिल रहा है। मां से विभिन्न व्यंजनों की विधियां सीख रही हूं। मैंने अक्सर मां के हाथ की चाय पी। अब मैं खुद बनाती हूं। इसके अलावा अलग अलग तरह के व्यंजन जो जल्द बन जाए वे भी मां से सीख रही हूं। क्योंकि हमारे पास घरेलू कार्य के लिए समय कम होता है ऐसे में छटपट से बनने वाले व्यंजन मां से सीख रही हूं।
फिटनेस बरकरार रखने के लिए क्या कर रही है
फिटनेस बरकार रखने के लिए इन दिनों योगा कर रही हूं। प्रतिदिन सुबह व सायं को योगा के लिए समय निकाल रही हूं। अनुलोम विलोम प्रणायाम सहित योग की विभिन्न क्रियाएं करती हूं। इसके अलावा मेडिटेशन नियमित जरुर करती हूं।
हॉकी को भी समय दे पा रही है
मैं मैदान पर तो नहीं जा पा रही हूं। लेकिन इन दिनों लैपटॉप पर पुराने इंटरनेशनल हॉकी मैच देखती हूं। दूसरे देश के खिलाडिय़ों की नई.नई टेक्निक व खेल की बारीकियां सीखने को मिलती है। लॉक डाउन के चलते जो समय मैदान पर लगाती थी। उसी शैडयूल में से उस समय का कुछ हिस्सा इन दिनों मैच देखने में व्यतीत कर रही हूं।
लॉकडाउन से खिलाडिय़ों के जीवन पर फर्क पड़ रहा है
खेल में हम अपने परिवार के साथ समय नहीं बिता पाते थे। अधिकांश समय खेल में गुजर जाता था। थक आते तो नींद आने लगती थी। अब खिलाड़ी घर पर फिटनेस के साथ परिवार के साथ तो समय तो बिता ही रहे है साथ ही उन्हें अपने मन इच्छाएं पूरी करने का भी मौका मिल रहा है। जैसे मैं मां से खानी बनाना सीख रही हूं। उसी प्रकार कोई पेंङ्क्षटग म्यूजिक या अन्य अपनी रूचि को समय दे पा रहे है।
लॉक डाउन में जनता के कुछ कहना चाहेंगी
जान है तो जहान है। यह बात सभी ने कभी न कभी तो सुनी होगी। लेकिन अब वक्त ऐसा है कि हमें अपने और दूसरों के जीवन की रक्षा के लिए अपने घर में रहना जरुरी है। जीवन अहम है उसकी सुरक्षा जरुरी है। इसलिए घर पर रहे। सरकार का बेहतर फैसला है। प्रशासन के दिशा निर्देशों की पालना करे। तभी आप और दूसरे सभी कोरोना वायरस से बच सकेंगे और वायरस को हम रहा सकेंगे।