हरियाणा में जिला स्तर पर सीएम सुंदरीकरण के तहत आज विजेता स्कूलों की सूची होगी जारी
प्रतियोगिता में शामिल विजेता स्कूलों की सूची वीरवार को शिक्षा विभाग की ओर से जारी की जाएगी। जिला स्तर पर प्रत्येक कैटेगरी से अलग-अलग चार स्कूल चुने जाएंगे। विजेता स्कूल को योजना के तहत शिक्षा विभाग एक लाख रुपये का इनाम देगा।
जागरण संवाददाता, हिसार। सीएम सुंदरीकरण योजना के तहत जिला स्तर पर प्रतियोगिता में शामिल विजेता स्कूलों की सूची वीरवार को शिक्षा विभाग की ओर से जारी की जाएगी। जिला स्तर पर प्रत्येक कैटेगरी से अलग-अलग चार स्कूल चुने जाएंगे। विजेता स्कूल को योजना के तहत शिक्षा विभाग एक लाख रुपये का इनाम देगा। इसके बाद यह स्कूल राज्य स्तर पर होने वाली प्रतियोगिता में भाग ले सकेंगे। इसे लेकर शिक्षा विभाग ने स्कूलों का सर्वे कर रिपोर्ट तैयार कर ली है। मगर अभी लिस्ट जारी नहीं की। अब एडीसी की अनुमति लेना भी आवश्यक है।
इस बारे में शिक्षा विभाग के पास करीब 20 दिन पहले ही प्रतिभागी स्कूलों की लिस्ट आ चुकी है। यह सभी स्कूल ब्लाक स्तर अपने-अपने एरिया में व्यवस्था व गुणवत्ता में अव्वल पाए गए है। उस प्रतियोगिता में इन स्कूलों को 50 हजार रुपये का इनाम मिल चुका है। अब यह एक लाख रुपये का इनाम पाने के भागीदारी की है। इनका सर्वे ब्लाक स्तर पर एसडीएम के नेतृत्व में होता है और बीइओ व शिक्षा विभाग की टीम शामिल होती है।
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कुल नाै ब्लाक
जिले में कुल नौं ब्लाक है। प्रत्येक ब्लाक से एक-एक स्कूल अव्वल पाया गया है।यह सर्वे चार कैटेगरी में किया गया है। जैसे कि प्राइमरी, मिडिल, हाई व सीनियर सकेंडरी।
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पढ़ाने का तरीका व परिणाम भी जाता है देखा
निरीक्षण में स्कूलों की लाइब्रेरी, खेल मैदान, भवन, क्लास रूम, पार्क, पौधे एवं लैब की व्यवस्था देखी जाती है और स्कूल में बच्चों को पढ़ाने का तरीका और परिणाम आदि देखा जाता है। अब इनाम राशि से स्कूलों की व्यवस्था सुधारी जा सकेगी और नई शुरूआत भी की जा सकती है।
---स्कूलों का निरीक्षण किया गया है। अब स्कूलों की सूची बनानी बाकी है, जो वीरवार तक जारी की जाएगी।
प्रदीप सिंह नरवाल, बीइओ।
134-ए का 7 फरवरी को निकलेगा ड्रा
शिक्षा विभाग की ओर से 134-ए का 7 फरवरी को ड्रा निकाला जाएगा। 2 फरवरी को 134-ए के तहत आवेदन करने का अंतिम मौका था। इस बार बुधवार देर शाम तक आवेदन का समय नहीं बढ़ाया गया। अब बच्चों को ड्रा का इंतजार है और स्कूलों में दाखिला पाने की उत्सुकता है। पहले कुछ निजी स्कूलों ने दाखिला नहीं दिया था, उन्हीं बच्चों को मौका दिया है।