chaitra navratri 2019 : नवरात्र में कलश स्थापना का ये होगा शुभ मुर्हूत, इस विधि से करें पूजा
पंडित राममेहर शास्त्री ने बताया कि नूतन संवत परिधावी नामक 2076 का प्रारंभ व चैत्र शुक्ल पक्ष नवरात्रों का प्रारंभ 6 अप्रैल से दिन शनिवार वैधृति योग व रेवती नक्षत्र में हो रहा है
हिसार, जेएनएन। शनिवार से नवरात्रों की शुरूआत हो रही है। नवरात्र में वैसे तो की जाने वाली पूजा अर्चना का लाभ मिलता ही है, मगर कुछ विशेष समय के अनुसार की जाने वाली पूजा और भी फलदायी होती है। इसी बारे में जानकारी दते हुए ऋषि नगर स्थित विश्वकर्मा मंदिर के पुजारी आचार्य पंडित राममेहर शास्त्री ने बताया कि नूतन संवत परिधावी नामक 2076 का प्रारंभ व चैत्र शुक्ल पक्ष नवरात्रों का प्रारंभ 6 अप्रैल से दिन शनिवार वैधृति योग व रेवती नक्षत्र में हो रहा है। प्रतिपदा तिथि 6 अप्रैल की और अष्टमी तिथि 13 अप्रैल की होगी। रामनवमी 14 अप्रैल को मनाई जाएगी।
वैसे तो कलश स्थापना नवरात्र में कभी भी किसी भी समय कर सकते हैं परंतु इस बार वैधृति योग होने से कलश स्थापना का समय वैधृति योग होने से कलश स्थापना का समय वैधृति योग के दो चरण बीत जाने पर करना चाहिए। कलश स्थापना का शुभ समय शनिवार को सुबह 10 बजकर 5 मिनट से दोपहर 12 बजे तक रहेगा।
इस तरह से करें कलश स्थापना
कलश स्थापना के लिए मिट्टी का कलश जौ, आम के पत्ते, पानी वाला नारियल, हल्दी की गांठ, सुपारी, रोली, मौली व चावल का प्रयोग करना चाहिए। सबसे पहले कलश स्थापना करके गणेश पूजा व नवग्रह की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद मां भगवती का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए देवी दुर्गा की पूजा करनी चाहिए। वेदों व पुराणों में मां भगवती दुर्गा का गुणगान किया गया है।
नौ रूपों की अराधना से मिलता धन धान्य
नवरात्र में मां दुर्गा के नौ रूपों जिनमें प्रथम शैलपुत्री, द्वितीय ब्रह्मचारिणी, तृतीया चन्द्रघंटा, चतुर्थ कुष्मांडा, पंचम स्कंदमाता, षष्टम कात्यायनि, सत्पम कालरात्रि, अष्टम महागौरी व नवम सिद्धिदात्री की पूजा होती है।
शास्त्री ने बताया कि नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा करने से घर में सुख समृद्धि व धन-धान्य की वृद्धि होती है। रोगी निरोग होते हैं। मान-सम्मान व यश की प्राप्ति होती है। नवरात्र में प्रार्थना, ध्यान, मौन व्रत, द्वारा मां भगवती दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। जो लोग पूरे नौ नवरात्र व्रत नहीं रख सकते उन्हें पहला व आखिरी नवरात्र रखना चाहिए।