अापस में ही भिड़े जाट नेता, मलिक बोले- सीएम का करेंगे विरोध, सांगवान बोले- बात करेंगे
जाट आंदोलन पर दो फाड़ हुए जाट नेताओं की तकरार अभी भी जस की तस है। मांग भले ही एक हो, मगर मतभेद बरकरार है।
जेएनएन, हांसी/हिसार। जाट आंदोलन पर दो फाड़ हुए जाट नेताओं की तकरार अभी भी जस की तस है। मांग भले ही एक हो, मगर मतभेद बरकरार है। यही कारण है कि यशपाल मलिक गुट और हवासिंह सांगवान गुट ने अलग-अलग जगहों पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है बल्कि इससे पहले भी कई बार ऐसा हुआ जब जाट नेताओं ने अलग-अलग प्रोग्राम किए हैं।
एक ओर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के यशपाल मलिक गुट द्वारा श्रद्धांजलि कार्यक्रम जाट हांसी धर्मशाला में आयोजित किया गया तो वहीं सांगवान गुट ने हांसी रोड पर ही एक निजी स्कूल के सामने और मय्यड़ के आस पास ही कार्यक्रम आयोजित किया। हांसी में इस दौरान यशपाल मलिक गुट के नेता मौजूद रहे और संदीप श्योराण की मूर्ति पर माल्यार्पण किया।
जाट नेताओं ने इस दौरान ऐलान किया की वह नलवा हलके में 22 सितंबर को होने वाली मुख्यमंत्री की रैली का विरोध करेंगे। यशपाल मलिक गुट के प्रदेश प्रवक्ता रामभक्त मलिक ने कहा कि पूरे जोश से सीएम का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुछ बिकाऊ जाट नेता सरकार के नुमाइंदे बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि असली जाट नेता यशपाल मलिक के समर्थन में है और ईमानदारी से जाट आरक्षण आंदोलन की अलख जलाए हुए हैं।
जाट नेताओं ने कहा कि जाट समुदाय हर हाल में आरक्षण लेकर रहेगा व इसके लिए हर कुर्बानी देने के लिए तैयार है। कार्यक्रम में जाट आंदोलन के दौरान जेल से जमानत पर आए कई युवा भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि वह जाट आरक्षण के लिए हर प्रकार की कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं और हर हाल में आरक्षण लेकर रहेंगे। इस मौके पर हिम्मत सिंह मलिक, रतिराम, धर्मपाल बढाला प्रदेश कार्यकारणी सदस्य, महेंद्र सिंह पुनिया, संतोष पान्नु, वजीर ढाडा,देवीप्रसन्न दहिया आदि मौजूद थे।
सांगवान बोले- मांगों को लेकर सरकार से करेंगे बात
वहीं, एक निजी स्कूल के सामने आयोजित कार्यक्रम में हवा सिंह सांगवान ने कहा कि हमने 11 सदस्यों की कमेटी बनाई है और हम मांगों को लेकर सरकार से पहले बात करेंगे। सरकार का रुख देखने के बाद ही किसी तरह के आंदोलन के बारे में सोचा जाएगा। दिसंबर में जींद में एक रैली का आयोजन भी किया जाएगा। सांगवान ने कहा कि जाट नेताओं को बरगलाने का काम करके समाज में फूट डालने का काम कुछ बाहरी लोगों ने किया है जो कि बेहद गलत है, जाट आंदोलन में जो भी मारे गए वे सबके हैं किसी एक के नहीं है। ऐसे में अनाश-शनाप बातें कहना ठीक नहीं है।
सांगवान ने कहा कि सरकार से बात करने के बाद पता चल जाएगा कि वो किस मूड में हैं। बता दें कि जाट आंदोलन शुरू होने के बाद कई युवक मारे गए हैं। ऐसे में जाट समाज की ओर से पिछले नौ सालों से श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। वहीं आंदोलन के दौरान आगजनी और हिंसा भड़काने जैसे मामलों को लेकर बहुत से युवा जेल में बंद है। उनकी रिहाई और आरक्षण की पॉलिसी को जल्द लागू करने की मांग को लेकर अभी भी जाट समाज के लोग प्रयासरत हैं। मगर इस आंदोलन में जाट नेता दो धड़ों मे बंट चुके हैं और विवाद के साथ आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला कई सालों से जारी है। यशपाल मलिक पर एक रैली के दौरान हमला भी हो चुका है तो वहीं यशपाल मलिक पर चंदे में हेराफेरी करने का आरोप भी लगाया जाता रहा है।