हिसार के सरकारी स्कूलों में प्रशिक्षकों का अभाव, शारीरिक शिक्षा से वंचित विद्यार्थी
हिसार में सरकारी स्कूलाें में योग क्लासें भी शुरू होगी। इसके लिए डिप्लोमा धारक योगा ट्रेनर को बुलाया जाएगा जो स्कूलाें में जाकर बच्चों को योग सिखाएंगे। कोविड के चलते विद्यार्थी शारीरिक व मानसिक रूप से परेशान हो चुके है।
हिसार, जागरण संवाददाता। हिसार के सरकारी स्कूलों में प्रशिक्षकों के अभाव में विद्यार्थियों के शारीरिक शिक्षा नहीं मिल पा रही है। इसका कारण है कि स्कूलों में पीजीटी या पोस्ट ग्रेजएट टीचर, पीटीआइ या फिजिकल टीचर इंस्ट्रकर व डीपीई या डिप्लोमा फिजिकल एजुकेशन की काफी कमी है। ऐसे में विद्यार्थी शारीरिक शिक्षा से वंचित है। कोविड काल के बाद बच्चों को शारीरिक शिक्षा बेहद जरूरी है। कोविड के कारण घर पर रहने से बच्चे मानसिक व शारीरिक तनाव में है।
स्कूलों में प्रशिक्षकों के अभाव में विद्यार्थी शारीरिक शिक्षा से वंचित
शारीरिक शिक्षा से बच्चों का मनोबल बढ़ता है। सरकार भी खेलों में बढ़ावा दे रही है। असल में स्कूल में शारीरिक शिक्षा के लिए प्रशिक्षकों की काफी कमी है। ऐसे में इन प्रशिक्षकों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। कुछ स्कूलाें में प्रशिक्षक है, पर अधिकतर स्कूलाें में नहीं। उदाहरण के तौर पर स्याड़वा स्कूल में शारीरिक शिक्षा के लिए पीटीआइ है, पर पीजीटी नहीं है और नंगथला के छठीं से 12वीं तक के स्कूल में पीजीटी है व पीटीआइ व डीपीई नहीं है।
यह है स्थिति
जिले में कुल 887 सरकारी स्कूल है, जिनमें 506 प्राइमरी स्कूल है। इनमें 99 मिडिल स्कूल, पांच कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, 118 हाई स्कूल, 152 सीनियर सेकेंडरी स्कूल व छह आरोही माडल स्कूल शामिल है। इनके अलावा 685 प्राइवेट स्कूल है।
यह है शिक्षक
पीटीआइ - 151
डीपीई - 102
पीजीटी - 22
यह है स्थिति
पद - तैनाती - स्कूल - खाली
पीटीआइ - 151 - 228 - 77
डीपीई - 102 - 152 - 50
पीजीटी - 22 - 276 - 254
योग क्लासें होगी शुरू
शिक्षा विभाग की ओर से सरकारी स्कूलाें में योग क्लासें भी शुरू होगी। इसके लिए डिप्लोमा धारक योगा ट्रेनर को बुलाया जाएगा, जो स्कूलाें में जाकर बच्चों को योग सिखाएंगे। कोविड के चलते विद्यार्थी शारीरिक व मानसिक रूप से परेशान हो चुके है। उनका याेगा के जरिए तनाव दूर किया जा सकेगा। दो सालाें तक वह घरों में कैद रहने के कारण तनावग्रस्त है। योगा से उनको शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत करने के लिए यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है।