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जानें भारत में मरू टिड्डी दल के हमले को लेकर एचएयू के विज्ञानियों ने क्‍या दी जानकारी

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में कीट विज्ञान विभाग के सेवानिवृत्त अध्यक्ष डा. राम सिंह टिड्डियों पर निगरानी बनाए हुए हैं। वह बताते हैं कि पिछली बार खरीफ के सीजन में टिड्डियों के आक्रमण को उत्तरी भारत के राज्यों ने झेला था। इस बार दूसरी स्‍थ‍िति है

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 09 Jun 2021 01:04 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jun 2021 01:04 PM (IST)
जानें भारत में मरू टिड्डी दल के हमले को लेकर एचएयू के विज्ञानियों ने क्‍या दी जानकारी
भारत में साइक्‍लोन से बनी हरियाली मरू टिड्डी दल के लिए अनुकूल है मगर एक वजह से राहत मिली है

हिसार [वैभव शर्मा] हर साल टिड्डियां पाकिस्तान के रास्ते से उत्तरी भारत (राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, गुजरात सहित अन्य राज्य) में आक्रमण कर नुकसान पहुंचाती रही हैं। मगर इस बार लाेगों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। जुलाई तक भारत में टिड्डी दल के आने का खतरा बनता नहीं दिख रहा है। इसके साथ ही अधिकारी बताते हैं कि इस साल भारत में टिड्डी दल आने की आशंका कम है। क्योंकि प्रजनन स्थलों पर ही नियंत्रण किया जा रहा है। वहीं चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में कीट विज्ञान विभाग के सेवानिवृत्त अध्यक्ष डा. राम सिंह टिड्डियों पर निगरानी बनाए हुए हैं। वह बताते हैं कि पिछली बार खरीफ के सीजन में टिड्डियों के आक्रमण को उत्तरी भारत के राज्यों ने झेला था।

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इस बार साइक्लोन के कारण उत्तरी भारत में हरियाली अच्छी बनी हुई है। जो मरू टिड्डियों के विकास के लिए अनुकूल है। मगर अभी लोगों को बिल्कुल चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि टिड्डी दल को लेकर ईरान और अन्य देशों में इनके नियंत्रण पर निगरानी रखी जा रही है। यही कारण है कि अभी तक राजस्थान व हरियाणा में एक भी टिड्डी दल देखने को नहीं मिला है। इसके साथ ही उन चर्चाओं पर भी विराम लग गया है जिसमें कहा जा रहा था कि पाकिस्तान के रास्ते टिड्डी दल भारत में पहुंचने की स्थिति में है।

पांच हैलीकॉप्टर, कीटनाशक दवा, मशीन से भारत तैयार

टिड्डियों पर नियंत्रण के लिए भारतीय एजेंसियां इस स्थिति पर लगातार निगरानी बनाए हुए हैं। टिड्डी दल वार्निंग आर्गेनाइजेशन ने संसाधनों से अपने आप को तैयार किया हुआ है। इस बार सेना से 5 हैलीकॉप्टर लिए गए हैं जबकि पिछली बार दो हैलीकॉप्टर का प्रयोग दवा के छिड़काव के लिए किया था। इसके साथ ही जरूरी मशीनें, कीटनाशक दवा पर्याप्त मात्रा में एकत्रित कर ली गई है। कुछ समय पहले ही फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (एफएओ) ने बुलेटिन जारी करते हुए ईरान और पाकिस्तान को अलर्ट कर दिया था। यह देश अपने यहां मरू टिड्डी दलों के प्रजनन और विकास में नियंत्रण करेंगे ताकि वह भारत की तरफ जा न सके। इसके लिए बाकायदा एफएओ ने दोनों देशों को सलाह और सहायता भी दी है।

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मरू टिड्डी है अंतरराष्ट्रीय कीट

गौरतलब है कि मरू टिड्डी दल एक अंतरराष्ट्रीय कीट है। यह अनेक वर्षों से विभिन्न देशों जिनमें ईरान, ईराक, साउदी अरब, कीनिया, सोमालिया, इथोपिया, सूडान, पाकिस्तान आदि देशों में प्रजनन कर विभिन्न फसलों को नुकसान पहुंचाता रहा है। यह टिड्डी दल मौसम अनुसार चलता है। इसके अंडों से 10 से 15 दिनों में बच्चे निकल आते हैं। यह बच्चे अनुकूल परिस्थितियों में तेजी से विकास कर व्यस्क होकर झुंड या दल में आगे बढ़ते हैं।


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