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Kisan Andolan: उद्यमियों का अल्टीमेटम, टीकरी बॉर्डर खाली करो नहीं तो लाखों कर्मियों के साथ उतरेंगे सड़कों पर

किसान आंदोलन को आठ माह हो गए हैं। टीकरी बॉर्डर बंद होने से बहादुरगढ़ के उद्योगों को करोड़ों का घाटा हो चुका है। अब उद्यमियों ने टीकरी बॉर्डर खुलवाने के लिए मुहिम छेड़ दी है। डीएसपी के साथ उद्यमियों की वार्ता संभावित है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Fri, 30 Jul 2021 08:47 PM (IST)Updated: Fri, 30 Jul 2021 08:47 PM (IST)
Kisan Andolan: उद्यमियों का अल्टीमेटम, टीकरी बॉर्डर खाली करो नहीं तो लाखों कर्मियों के साथ उतरेंगे सड़कों पर
टीकरी बॉर्डर बंद होने के कारण उद्योगों के वाहन गांवों के कच्चे रास्तों से आवागमन कर रहे हैं।

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। आठ माह से किसान आंदोलन की मार झेल रहे बहादुरगढ़ के उद्यमियों ने टीकरी बॉर्डर खुलवाने के लिए प्रशासन को दस दिन का अल्टीमेटम दिया है। उद्यमियों ने आपस में विचार-विमर्श कर यह तय किया है कि अगर दस दिन में टीकरी बॉर्डर नहीं खोला गया तो वे लाखों कर्मचारियों के साथ सड़क पर उतर आएंगे और सरकार व प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।

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उद्यमियों को मनाने के लिए डीएसपी बहादुरगढ़ के साथ उनकी शनिवार को बैठक हो सकती है। इस बैठक में उनकी ओर से टीकरी बार्डर खुलवाने व उनकी समस्याओं के समाधान को लेकर आश्वासन दिया जा सकता है। उधर, उद्यमियों की ओर से दी गई प्रदर्शन की चेतावनी से गुप्तचर इकाइयां भी सचेत हो गई हैं। उनकी ओर से भी इस संबंध में इनपुट जुटाए जा रहे हैं।

20 हजार करोड़ का हो चुका नुकसान

गौरतलब है कि वीरवार को भारी संख्या में उद्यमियों ने टीकरी बार्डर खुलवाने तथा एमआइई के साथ लगती दिल्ली सीमा पर कच्चे रास्तों पर की जा रही अवैध वसूली को रोकने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। टीकरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन की वजह से बहादुरगढ़ के उद्यमियों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। एक तरफ जहां बंद सड़कों की वजह से उद्यमियों को 20 हजार करोड़ के टर्नओवर का नुकसान हो चुका है। वही जिन कच्चे-पक्के रास्तों से उद्यमी अपने माल की सप्लाई राजधानी दिल्ली को करते थे। उन रास्तों पर स्टाकिस्टों ने व्यवसायिक वाहनों से अवैध वसूली शुरू कर दी है।

दिल्ली सीमा पर की जा रही अवैध वसूली

दिल्ली सीमा पर अवैध वसूली का धंधा चल रहा है। यह अवैध वसूली बहादुरगढ़ के आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र में आने वाले व्यवसायिक वाहनों से होती है। प्रति वाहन प्रति चक्कर के हिसाब से 100 रुपये की अवैध उगाही की जाती है। उगाहीकर्ता टीकरी आर्डर बंद होने का फायदा उठा रहे हैं। दिल्ली जाने के लिए बहादुरगढ़ के आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े दिल्ली के कच्चे रास्तों का इस्तेमाल होता है। राजधानी दिल्ली को हरियाणा से जोड़ने वाले कच्चे रास्तों पर रेती-रोड़ी वाले स्टाकिस्टों ने कब्जा कर रखा है।

रोड़ी डस्ट स्टॉकिस्टों ने बना रखे हैं गेट

उद्यमियों के मुताबिक, हरियाणा सीमा में बहादुरगढ़ के खेतों के साथ दिल्ली के खेतों में भी रोड़ी डस्ट के अवैध स्टॉक बने हुए हैं। रोजाना एमआइई के रास्तों से सैकड़ों ट्रक रोड़ी डस्ट लेकर दिल्ली जाते हैं, जबकि यहां रोड़ी डस्ट की गाड़ियों से कोई अवैध वसूली नहीं की जाती। मगर फैक्ट्रियों में माल लाने और ले जाने वाली गाड़ियों से जमकर अवैध वसूली की जाती है। इतना ही नहीं दिल्ली को जाने वाले दो रास्तों पर अवैध स्टाकिस्टों ने तो लोहे के गेट लगा रखे हैं। ये गेट केवल रोड़ी डस्ट लाने ले जाने वाली अपनी गाड़ियों के लिए ही खोलते हैं। फैक्ट्री मालिकों को यहां अपनी गाड़ी छोड़कर पैदल ही फैक्ट्री जाना पड़ता है।

लाखों वर्कर्स के साथ सड़कों पर उतरेंगे उद्यमी

उद्यमियों के मुताबिक, दिल्ली को जोड़ने वाले हर कच्चे रास्ते पर एमसीडी वाले भी गाड़ियों से टैक्स वसूलते हैं। एमसीडी के टोल के साथ अवैध वसूली गिरोह भी यहां सक्रिय हैं। यह अवैध वसूली उद्यमियों की ओर से प्रदर्शन किए जाने के बाद भी जारी है। ऐसे में इन सब परेशानियों को लेकर उद्यमी नरेंद्र छिकारा, विकास आनंद सोनी, सुभाष जग्गा ने बताया कि हमने प्रशासन को दस दिन का अल्टीमेटम दे दिया है। अगर इस दौरान टीकरी बार्डर नहीं खुला व उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वे लाखों वर्कर्स के साथ सड़क पर उतर आएंगे और प्रदर्शन करेंगे।

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