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Kisan andolan: पंजाब में बिजाई-रोपाई में जुटे किसान, टीकरी बॉर्डर पर बुलाए जा रहे महिलाओं के जत्थे

किसान आंदोलन को सात माह होने वाले हैं। फसल सीजन के चलते किसान खेतों में जुटे हैं। ऐसे में टीकरी बॉर्डर पर आंदोलन में संख्या बढ़ाने के लिए पंजाब से महिलाओं के जत्थे बुलाए जा रहे हैं। इन दिनों पंजाब में धान की रोपाई का सीजन चल रहा है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 05:23 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jun 2021 05:23 PM (IST)
Kisan andolan: पंजाब में बिजाई-रोपाई में जुटे किसान, टीकरी बॉर्डर पर बुलाए जा रहे महिलाओं के जत्थे
जून में कई गतिविधियां तय हैं। उसी को लेकर पंजाब से महिलाओं को बुलाया जा रहा है।

बहादुरगढ़, जेएनएन। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में अब पंजाब से महिलाओं के जत्थे बुलाए जा रहे हैं। ऐसा इसलिए ताकि टीकरी बॉर्डर पर फिलहाल जितनी संख्या है, उससे और कम न हो। अब तक आंदोलन स्थल पर डटे पंजाब के किसान तो घरों को वापस लौटकर खरीफ सीजन की बिजाई और रोपाई में जुटे हुए हैं।

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इन दिनों पंजाब में धान की रोपाई का सीजन चल रहा है। ऐसे में बहुत सारे पंजाब के आंदोलनकारी तो धान की रोपाई के लिए गए हुए हैं। इस महीने के आखिर तक उन्होंने धान की रोपाई का कार्य निपटाने का लक्ष्य तय कर रखा है। ताकि अगले महीने की शुरुआत से यहां पर भीड़ जुटाई जा सके। इस बीच जून के अंदर कई गतिविधियां भी संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से तय कर रखी हैं। उसी को लेकर पंजाब से महिलाओं को बुलाया जा रहा है।

यह रहेगी आगे की रणनीति

24 जून को आंदोलन स्थल पर कबीर जयंती मनाई जाएगी। इसके बाद 26 जून को खेती बचाओ, लोकतंत्र बचाओ अभियान के तहत राजभवन के बाहर धरने दिए जाएंगे। इस दिन आंदोलन को सात महीने पूरे हो जाएंगे। तहसील और जिला मुख्यालय पर भी गतिविधियों का ऐलान किया गया है। पंजाब गए भाकियू राजेवाल के नेता परगट सिंह ने बताया कि इन दिनों वहां पर धान की राेपाई का कार्य निपटा रहे हैं। यह जल्द पूरा हो जाएग। बारी-बारी से किसान इसके लिए जा रहे हैं।

पंजाब में महिलाओं की बैठकें तेज

वहीं भाकियू एकता उगराहा के जिला संगरूर के सचिव दरबारा सिंह ने कहा कि आने वाले दिनों में दिल्ली मोर्चो में महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी करवाने के लिए पंजाब में महिलाओं की बैठक करवाने का सिलसिला तेज किया गया है। क्योंकि किसान धान की रोपाई में व्यस्त होने के कारण खेतों में जुुटे हैं। किसान नेता ने कहा कि जब तक सरकार नहीं मानती और कानून रद नहीं हो जाते तब तक संघर्ष को जारी रखने के लिए अलग-अलग रूपों में आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा। 

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