कॉमनवेल्थ के बाद अब एशियन गेम्स में तिरंगा लहराने को तैयार हिसार की पूजा और किरण
अप्रैल में ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में आयोजित हुए कॉमनवेल्थ में रेसलर किरण गोदारा और पूजा ढांडा मेडल हासिल कर अपना नाम रोशन कर चुकी है, वहीं अब दोनों महिला पहलवानों का चयन अगस्त में होने वाले एशियन गेम्स में हुआ है।
जेएनएन, हिसार : अप्रैल में ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में आयोजित हुए कॉमनवेल्थ में रेसलर किरण गोदारा और पूजा ढांडा मेडल हासिल कर अपना नाम रोशन कर चुकी है, वहीं अब दोनों महिला पहलवानों का चयन अगस्त में होने वाले एशियन गेम्स में हुआ है। पूजा और किरण का चयन होने पर परिवार में खुशी का माहौल बना हुआ है। जहां एक ओर कॉमनवेल्थ गेम्स में रजत पदक विजेता पूजा ढांडा ने अगस्त में होने वाले एशियन गेम्स में अपने पदक का रंग बदलने का भरोसा दिलाया है।
वहीं रविवार को एशियन गेम्स के लिए हुए ट्रायल में पूजा ढांडा ने रेलवे की ललिता को शिकस्त देते हुए 57 किलोग्राम भारवर्ग में अपना स्थान पक्का किया। वहीं किरण गोदारा ने सिसाय की महिला पहलवान पूजा सिहाग को हराकर 76 किलोग्राम भारवर्ग में अपनी जगह बनाई है। पूजा ने विश्वास दिलाया कि वे एशियन गेम्स में कॉमनवेल्थ पदक का रंग बदलते हुए देश, प्रदेश व गांव बुडाना का मान बढ़ाएगी। पूजा महाबीर स्टेडियम में कोच के बाद पर पदस्थ हैं तो वहीं किरण गोदारा रेलवे में नियुक्त हैं। नौकरी के साथ साथ दोनों ही महिला पहलवान देश का नाम रोशन करने में लगी हैं। दोनों का ही कहना है कि ये उनकी शुरूआत है असली मंजिल तो ओलंपिक में देश की झोली में सोना लेकर आना है। हरियाणा सरकार द्वारा पूरी इनामी राशि दिए जाने की घोषणा पर दोनों ने कहा कि वो देश के लिए खेलती हैं। उन्हें ये राजनीति समझ नहीं आती। पैसा मिले ना मिले बस देश का पदक मिलना चाहिए। किरण गोदारा ने कहा वो आज जो भी है अपने नाना पहलवान रामस्वरूप खिचड़ की वजह से है। उन्होंने ही मेरे अंदर पहलवानी के गुर को देखा और कुछ कर दिखाने की ललक मेरे अंदर जगाई।